बाइक पर बच्चा भी सवार तो स्पीड न करें 40 के पार, जानें- सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का प्रपोजल

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बच्चों की सुरक्षा के लिए अहम पहल की है। मिनिस्टर ने प्रोपोजल किया है कि अगर किसी बाइक पर पीछे चार साल से कम उम्र का बच्चा बैठा हो तो उसकी स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। मिनिस्टरीने इसको लेकर एक मसौदा नियम जारी किया है।

बाइक पर बच्चा भी सवार तो स्पीड न करें 40 के पार, जानें- सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का प्रपोजल
  • बाइक पर चार साल से कम उम्र का बच्चा हो स्पीड न करें 40 से ज्यादा, क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का प्रोपोजल

नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बच्चों की सुरक्षा के लिए अहम पहल की है। मिनिस्टर ने प्रोपोजल किया है कि अगर किसी बाइक पर पीछे चार साल से कम उम्र का बच्चा बैठा हो तो उसकी स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। मिनिस्टरीने इसको लेकर एक मसौदा नियम जारी किया है।

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चार साल से कम उम्र के बच्चों को बाइत पर बिठाने पर पहनाना होगा हेलमेट
बाइक चलाने वालों को यह सुनिश्चित करना होगा कि नौ महीने से चार साल की उम्र तक का बच्चा अगर पीछे बैठा है तो वह क्रैश हेलमेट पहना हो। यही नहीं, चार साल से कम उम्र के बच्चे को बाइक के ड्राइवर से जोड़ने के लिए सेफ्टी हार्नेस का इस्तेमाल करना होगा। सेफ्टी हार्नेस की मदद से बच्चे का ऊपरी धड़ चालक से सुरक्षित रूप से जुड़ा होगा।
मिनिस्टरी ने आमंत्रित की आपत्तियां

मसौदा नियम के अनुसार सेफ्टी हार्नेस समेत सुरक्षा संबंधी सभी उपकरण हल्के और टिकाऊ होने चाहिए। सेफ्टी हार्नेस को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि वो 30 किलो तक का भार वहन कर सके। सुरक्षा उपकरण आसानी से उपयोग करने लायक और पानी से बचाव करने वाले भी होने चाहिए। मिनिस्टरी मसौदा नियमों पर सभी हितधारकों से आपत्तियां भी आमंत्रित की है।

रूल के लागू होने एक्सीडेंट कमी आयेगी
रोड ट्रैफिक को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए काम करने वाली इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आइआरएफ) ने मिनिस्टरी के बच्चों के साथ 40 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड के प्रोपोजल का स्वागत किया है। आइआरएफ के मानद प्रेसिडेंट केके कपिल ने कहा है कि मध्य वर्ग के परिवार के लिए दोपहिया वाहन रोजमर्रा यातायात का अहम साधन है। उन्होंने कहा कि नए नियमों को सख्ती के साथ लागू किया जाता है तो निश्चित रूप से दुर्घटनाओं में कमी आयेगी।