Dhanbad: बीआईटी सिंदरी के स्टूडेंट्स ने दिव्यांगों के लिए बनाई अनोखी ट्राइसाइकिल

बीआइटी सिंदरी के बीआईटी सिंदरी के स्टूडेंट्स ने दिव्यांगों के लिए अनोखी ट्राइसाइकिल बनाई है। ट्राइसाइकिल को चोरी से बचाने के लिए पासवर्ड स्टार्ट डिवाइस भी दिया गया है। 

Dhanbad: बीआईटी सिंदरी के स्टूडेंट्स ने दिव्यांगों के लिए बनाई अनोखी ट्राइसाइकिल
बीआइटी के स्टूडेंट्स ने किया कमाल।
  • ट्राइसाइकिल को चोरी से बचाने के लिए लगाया पासवर्ड स्टार्ट डिवाइस

धनबाद। बीआइटी सिंदरी के बीआईटी सिंदरी के स्टूडेंट्स ने दिव्यांगों के लिए अनोखी ट्राइसाइकिल बनाई है। ट्राइसाइकिल को चोरी से बचाने के लिए पासवर्ड स्टार्ट डिवाइस भी दिया गया है। 
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इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंटफाइनल इयर के चार स्टूडेंट्स रितेश, प्रियांशु मालवीय, तेज प्रकाश सिंह, तनवीर अंसारी और थर्ड इयर के शिवानंद मोदी ने मिल कर दिव्यांगों के लिए आधुनिक इलेक्ट्रिक ट्राइसाइकिल बनायी है। स्टूडेंट्स ने डिपार्टमेंट के प्रोफेसर आदित्य कुमार की देखरेख में इसे पूरा किया है। एचओडी डॉ एमजी तिवारी और प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर डॉ प्रवीण साहू का भी इस प्रोजेक्ट में पूरा सहयोग मिला.एल्युमिनाई सेल द्वारा लगाये गये इनोवेशन एक्सपो में इस प्रोजेक्ट को 30 टीमों में बेस्ट फाइनल ईयर प्रोजेक्ट अवार्ड 2024 का खिताब मिला है।
ट्राइसाइकिल की विशेषताएं
अनोखी ट्राइसाइकिल 25 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चल सकती है। इसमें 24 वोल्ट की बैट्री लगी है। बैट्री को एक बार चार्ज करने पर 30 किलोमीटर की दूरी तय की जा सकती है। बैट्री को चार्ज करने के लिए लगे सोलर और डायनेमो के इस्तेमाल से चलायमान स्थिति में भी चार्ज होती रहेगी।चोरी से बचने के लिए ट्राइसाइकिल में पासवर्ड व स्टार्ट डिवाइस दिया गया है। ट्राइसाइकिल में मोबाइल चार्जर की भी सुविधा है।
प्रोजेक्ट में कुछ बदलाव के सुझाव
प्रोजेक्ट में इंस्टीच्युट के डायरेक्टर प्रो पंकज राय सहित उद्योग विशेषज्ञों ने प्रोजेक्ट में कुछ बदलाव का सुझाव भी दिये हैं। इसकी जानकारी देते हुए स्टूडेंट्स ने बताया कि ट्राइसाइकिल नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित है।