धनबाद: स्टेट गवनर्मेंट अपने ही बनाये गये कानून को प्राइवेट स्कूलों में लागू करा पाने में विफल:कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय 

झारखंड शिक्षा संशोधन अधिनियम 2017 और राज्य सरकार के आदेश का पालन सुनिश्चित कराने को लेकर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत झारखंड अभिभावक संघ ने शुक्रवार 28 मई को विरोध जताया। जिलाध्यक्ष कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय के नेतृत्व में 11 बजे से 12 बजे तक  फ़ेसबुक लाइव के माध्यम से प्राइवेट स्कूल की मनमानी व सरकार के चुप्पी के विरोध में *काली पट्टी* बांध कर व प्लेकार्ड के माध्यम से अपना विरोध प्रदर्शन किया।

धनबाद: स्टेट गवनर्मेंट अपने ही बनाये गये कानून को प्राइवेट स्कूलों में लागू करा पाने में विफल:कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय 

धनबाद। झारखंड शिक्षा संशोधन अधिनियम 2017 और राज्य सरकार के आदेश का पालन सुनिश्चित कराने को लेकर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत झारखंड अभिभावक संघ ने शुक्रवार 28 मई को विरोध जताया। जिलाध्यक्ष कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय के नेतृत्व में 11 बजे से 12 बजे तक  फ़ेसबुक लाइव के माध्यम से प्राइवेट स्कूल की मनमानी व सरकार के चुप्पी के विरोध में *काली पट्टी* बांध कर व प्लेकार्ड के माध्यम से अपना विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान राज्य के अभिभावकों ने फेसबुक और सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव कार्यक्रम आयोजित कर अपना विरोध प्रदर्शन किया। इस अवसर पर अभिभावक अपने हाथों में काली पट्टी/बिल्ला बांधकर प्ले कार्ड के माध्यम से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। वो अपनी बातों से आम अभिभावको के साथ-साथ राज्य सरकार के अफसरों तक अपने समस्याओं से अवगत कराने का काम किया। 
जिन मांग को चलाया लेकर चलाया जा रहा है चरणबद्ध आंदोलन 
सभी प्राइवेट स्कूल झारखंड शिक्षा संशोधन अधिनियम 2017 को लागू करें।
झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग  (माध्यमिक शिक्षा निदेशालय) द्वारा ज्ञापांक 13वि12-55/2019/1006 दिनांक:25/05/2020 को जारी आदेश को लागू करें।
सीबीएसई, आईसीएसई, राज्य बोर्ड द्वारा निर्धारित  गाइडलाइंस को विद्यालय अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें। 
कोई भी स्कूल फीस के चलते बच्चों को ऑनलाइन क्लास से वंचित न करें।
अपने स्कूल के स्टूडेंट्स का 11वीं क्लास में अथवा किसी कक्षा में री-एडमिशन बंद करें। वर्तमान सेशन में ली गई राशि वापस की जाए। 

इस अवसर पर फेसबुक लाइव के माध्यम से सभी अभिभावको ने एक स्वर में कहा कि राज्य सरकार समय रहते संघ की  मांगों को गंभीरता पूर्वक देखें और अपने आदेश और कानून का पालन सुनिश्चित करें। अन्यथा लॉकडाउन में भी अभिभावक सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर सकते इस बात को समझें।इस अवसर पर संघ के जिलाअध्यक्ष कैप्टन सहाय ने कहा कि राज्य सरकार अपने ही कानून को प्राइवेट स्कूलों में लागू नहीं कर पा रही है जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि दो झारखंड शिक्षा संशोधन अधिनियम 2017 बने आज लगभग चार साल होने को है मगर अभी तक राज्य सरकार जिलों के अंदर जो डीसी की अध्यक्षता में शुल्क निर्धारण कमेटी बनाई जानी चाहिए थी वह नहीं बन पाई।ऐस में स्कूलों के अंदर कैसे बनेगी यह सोचनीय प्रश्न है।राज्य सरकार कोरोना के बढ़ते संक्रमण में बेरोजगार हुए अभिभावकों के दर्द को समझे और प्राइवेट स्कूलों के लेकर आदेश जारी करें ताकि स्कूलों द्वारा लिया जा रहा ट्यूशन फीस के अलावा जो राशि है उसे अभिभावकों को वापस हो सके।
कैप्टन सहाय ने बताया कि चरणबद्ध आंदोलन के क्रम में 30 मई को "ट्विटर अभियान हैश टैग" के माध्यम से चलाया जायेगा। इसमें राज्य स्तर पर अभिभावक अपनी पीड़ा से और स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा सके। कार्यक्रम में काफ़ी संख्या में अभिभावक शामिल हुए।