धनबाद:  गुरुद्वारा में गुरमत समागम शहीदी दिवस पर सजा दीवान, गुरमत समागम शहीदी दिवस मनाया गया

बैंक मोड़ मटकुरिया स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के समीप वेडिंग वंडर में 25 दिसंबर रविवार को गुरु गोविंद सिंह के चारों साहबजादों व माता गुर्जरी की अद्वीतीय शहादत को समर्पित गुरमत समागम शहीदी दिवस मनाया गया। गुरुद्वारा में भव्य तरीके से दीवान सजाया गया।

धनबाद:  गुरुद्वारा में गुरमत समागम शहीदी दिवस पर सजा दीवान, गुरमत समागम शहीदी दिवस मनाया गया

धनबाद। बैंक मोड़ मटकुरिया स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के समीप वेडिंग वंडर में 25 दिसंबर रविवार को गुरु गोविंद सिंह के चारों साहबजादों व माता गुर्जरी की अद्वीतीय शहादत को समर्पित गुरमत समागम शहीदी दिवस मनाया गया। गुरुद्वारा में भव्य तरीके से दीवान सजाया गया।

यह भी पढे़ं:विदेश से इंडिया आनेवाले पैसेंजर्स में लगातार मिल रहे कोरोना संक्रमण, दिल्ली में चार व कोलकाता में मिले दो केस
गुरुद्वारा में  सजे दीवान हाल में पंथ के महान कथावाचक भाई सरबजीत सिंह लुधियाना वाले एवं कीर्तनिया भाई सरबजीत सिंह पटना साहिब वाले ने सबद गायन किया। इसके बाद गुरु का लंगर वितरण किया गया। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं मटकुरिया के समूह संगत की ओर से माता गुर्जरी एवं चार साहबजादों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का कहना है कि कि चारों साहबजादों और माता गुर्जरी का बलिदान सिख समाज के लिए गर्व की बात है। 10 लाख सैनिकों के सामने चमकौर के मैदान में युद्ध के दौरान बारी- बारी से उन्होंने बलिदान दिया। 22 दिसंबर 1704 को गुरु गोविंद सिंह के बड़े साहबजादे अजीत सिंह और फिर जुझार सिंह शहीद हुए। 27 दिसंबर 1704 में गुरुगोविंद सिंह के दो साहबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को इस्लाम धर्म कबूल न करने पर सरहिंद के नवाब ने दीवार में जिंदा चुनवा दिया था।