धनबाद:सेल की चासनाला कोलियरी का स्टाफ बन गये कंट्रेक्टर, सिंडिकेट मेंबर की वाइफ के नाम पर कंपनी 

सेल के चासनाला एवं जीतपुर कोल माइंस में कंट्रेक्ट वर्क पर कब्जा करने वाले सिंडिकेट मेंबर के अलगअलग कारनामे हैं। कंपनी की रूल की अनदेखी कर अफसरों की मिलीभगत से सिंडिकेट मेंबर कंट्रेक्टर वर्क हासिल कर रहे हैं। कोलियरी में नौकरी करने वाले अपनी वाइफ के नाम से कंपनी बनाकर कंट्रेक्टर बन बैठे हैं। 

धनबाद:सेल की चासनाला कोलियरी का स्टाफ बन गये कंट्रेक्टर, सिंडिकेट मेंबर की वाइफ के नाम पर कंपनी 

धनबाद। सेल के चासनाला एवं जीतपुर कोल माइंस में कंट्रेक्ट वर्क पर कब्जा करने वाले सिंडिकेट मेंबर के अलगअलग कारनामे हैं। कंपनी की रूल की अनदेखी कर अफसरों की मिलीभगत से सिंडिकेट मेंबर कंट्रेक्टर वर्क हासिल कर रहे हैं। कोलियरी में नौकरी करने वाले अपनी वाइफ के नाम से कंपनी बनाकर कंट्रेक्टर बन बैठे हैं। 

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कोलियरी में लगभग दो दशक से नियमों की अनदेखी कर सिंडिकेट से जुड़े लोग कंट्रेक्ट वर्क पर हावी है। अन्य कोई कंपनियों को चासनाला अंडरग्राउंड में कंट्रेक्ट वर्क नहीं मिल पा रहा है। चंद भ्रष्ट अफसरों की मिलीभगत से की मिलीभगत से सिंडिकेट का राज चल रहा है। सिंडिकेट के अधीन की कंपनियों द्वारा की जा रही लूट-खसोट किया जा रहा है। विजीलेंस व सीबीआइ अगर सिंडिकेट के वर्क व पेमेंट की जांच करें तो बड़ा खुलासा हो सकता है। आरोप है कि सिंडिकेट की गड़बड़ियों को लेबर डिपार्टमेंट व डीजीएमएस भी अनदे्री कर रहा है। सिंडिकेट द्वारा कंपनी को अब तक अरबों रुपये का वारा न्यारा किया गया है। 
सेल की चासनाला कोलियरी में सिंडिकेट द्वारा लूट-खसोट की कंपलेन सीबीआइ तक पहुंचाने की तैयारी हो रही है। वर्तमान में सीबीआई चीफ इसी एरिया के हैं। कतिपय यूनियन प्रतिनिधियों के द्वारा सेल में सिंडिकेट राज से संबंधित कागजात भी सीबीआइ को भेजने की तैयारी में है। सिडिकेट द्वारा हाल ही में एक काम गलत तरीके से हासिल किये जाने का आरोप लग रहा है। सिंडिकेट में शामिल पांच कंपनियों का एड्रेस चासनाला दर्शाया है।