Dhanbad : IIT ISM में धनबाद “इंजीनियरिंग सिस्मोलॉजी” कोर्स का समापन, शोध और इनोवेशन पर जोर
IIT ISM धनबाद में “इंजीनियरिंग सिस्मोलॉजी” पर जीआईएएन कोर्स का समापन हुआ। विशेषज्ञों ने भूकंप, सिस्मिक डिज़ाइन और इंजीनियरिंग इनोवेशन पर अपने विचार साझा किए।

धनबाद। आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के एप्लाइड जियोफिजिक्स विभाग में आयोजित जीआईएएन (ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क्स) कोर्स – “इंजीनियरिंग सिस्मोलॉजी” का आज समापन हो गया। समापन समारोह संस्थान के एग्जीक्यूटिव डेवलपमेंट सेंटर (ईडीसी) लाउंज में आयोजित किया गया।
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यह कोर्स 5 अगस्त से 17 अगस्त 2025 तक चला, जिसमें प्रो. उतपाल दत्ता (यूनिवर्सिटी ऑफ अलास्का, एंकोरेज, यूएसए) और प्रो. मोहित अग्रवाल (विभाग, एप्लाइड जियोफिजिक्स, आईआईटी-आईएसएम) ने विभिन्न विषयों पर लेक्चर और ट्यूटोरियल लिए। इसमें भूकंप स्रोत की पहचान, ग्राउंड मोशन एनालिसिस, सर्फेस वेव मेथड्स, सिस्मिक माइक्रोज़ोनेशन और प्रॉबेबिलिस्टिक सिस्मिक हैजर्ड असेसमेंट जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
समापन समारोह में प्रो. उतपाल दत्ता मुख्य अतिथि थे। इसके अलावा प्रो. ए. आर. दीक्षित (डीन, इंफ्रास्ट्रक्चर), प्रो. सौमेन मैती (हेड, एप्लाइड जियोफिजिक्स विभाग) और प्रो. सौरभ दत्ता गुप्ता (एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर-इन-चार्ज, इंटरनेशनल रिलेशंस व एलुमनाई अफेयर्स) भी मौजूद रहे।
चीफ गेस्ट प्रो. दत्ता ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के समय में सिस्मिक हैजर्ड स्टडीज़ बेहद जरूरी हैं। उन्होंने आईआईटी (आईएसएम) के इस प्रयास की सराहना की।कोर्स कोऑर्डिनेटर प्रो. मोहित अग्रवाल ने बताया कि इस कोर्स में छात्रों और रिसर्च स्कॉलर्स को लेक्चर के साथ-साथ फील्ड से जुड़े प्रैक्टिकल अनुभव भी दिये गये।कार्यक्रम में प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट दिये गये।अंत में फैकल्टी और एक्सपर्ट्स के साथ इंटरेक्टिव सेशन हुआ।
यह कार्यक्रम शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के जीआईएएन इनिशिएटिव के तहत आयोजित किया गया, जिसका मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्ञान और शोध सहयोग को बढ़ावा देना है।