धनबाद: सिंदरी FCI के बंद पड़े हॉ्सपीटल को शुरू करने के लिए प्रशासनिक कवायद तेज

वैश्विक महामारी की तीसरी लहर की संभावित आशंका के मद्देनजर फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के सिंदरी स्थित 100 एकड़ भूमि पर बंद पड़े विशाल हॉस्पीटल को पुनः शुरू करने के लिए प्रशासनिक कवायद तेज हुई है। इसके लिए एनओसी प्रदान करने तथा न्यूनतम 30 वर्ष की लीज देने का अनुरोध जिला प्रशासन ने एफसीआईएल से किया है।

धनबाद: सिंदरी FCI के बंद पड़े हॉ्सपीटल को शुरू करने के लिए प्रशासनिक कवायद तेज
  • एफसीआईएल से एनओसी व 30 वर्ष की लीज मिलने पर सुचारू रूप से पुनः शुरू हो सकता है सिंदरी हॉ्सपीटल
  • हॉस्पीटल का जीर्णोद्धार होगा मील का पत्थर साबित
  • अनेक दशकों तक एफसीआईएल अस्पताल अपनी गरिमामय उपस्थिति पुनः दर्ज कराने में होगा सक्षम

धनबाद। वैश्विक महामारी की तीसरी लहर की संभावित आशंका के मद्देनजर फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के सिंदरी स्थित 100 एकड़ भूमि पर बंद पड़े विशाल हॉस्पीटल को पुनः शुरू करने के लिए प्रशासनिक कवायद तेज हुई है। इसके लिए एनओसी प्रदान करने तथा न्यूनतम 30 वर्ष की लीज देने का अनुरोध जिला प्रशासन ने एफसीआईएल से किया है।

लीज प्राप्त होने पर हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड अपने सीएसआर फंड से इस हॉस्पीटलताल का जीर्णोद्धार कर सकता है। अहॉस्पीटलके शुरू होने से सिंदरी सहित आसपास के क्षेत्रों के एक लाख से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। सिंदरी के बंद पड़े उक्त हॉस्पीटल को शुरू करने के लिए जनप्रतिनिधियों ने भी कई बार डीसी से अनुरोध किया है। इस बाबत डीसी सह अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद, उमा शंकर सिंह ने एफसीआईएल के यूनिट इंचार्ज उमेश चन्द्र गौर को पत्र लिखकर उपरोक्त दिशा में सकारात्मक कदम उठाने का अनुरोध किया है।

इस संबंध में डीसी ने कहा कि जिला प्रशासन का सहयोग करने के उद्देश्य से एफसीआईएल के बंद पड़े विशाल अस्पताल को शुरू करने के लिए हर्ल प्रबंधन ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत हॉस्पीटल का जीर्णोद्धार करने में रुचि दिखाई है। इस दिशा में कदम उठाने के लिए जिला प्रशासन भी हर्ल का सहयोग करेगा। जिला प्रशासन डीएमएफटी फंड के तहत चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ तथा अन्य आवश्यक सहयोग इसके सफल संचालन के लिए प्रदान करेगा।उन्होंने कहा कि इस अस्पताल का जीर्णोद्धार मील का पत्थर साबित होगा तथा सिंदरी एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने में सक्षम होगा।

उन्होंने कहा कि तीन जून को एफसीआईएल, हर्ल तथा जिला प्रशासन की टीम ने इस अस्पताल का दौरा किया था। दौरा करने के बाद टीम ने यह निष्कर्ष निकाला कि यह अस्पताल एक बेहतरीन कोविड-19 अस्पताल में तब्दील किया जा सकता है जहां बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीजों का बेहतर तरीके से उपचार किया जा सकता है। अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर की स्थिति अच्छी है। इसका जीर्णोद्धार कर यहां पर अल्प अवधि में अस्पताल शुरू किया जा सकता है। अस्पताल में इतनी जगह है कि महिला एवं पुरुष मरीजों के लिए अलग-अलग विंग्स शुरू की जा सकती है। अस्पताल की पुरानी ओपीडी सेक्शन का जीर्णोद्धार कर उसे तुरंत शुरू किया जा सकता है। शुरुआत में नन कोविड मरीजों के लिए तीन ओपीडी वार्ड शुरु किया जा सकता है। इस कैंपस में डायग्नोस्टिक सेंटर शुरू करने के लिए भी पर्याप्त स्थान है। कोरोना संक्रमित पेसेंट के प्रवेश एवं निकासी के लिए भी अलग अलग द्वार है।

वहीं तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर जिला प्रशासन ने आईसीयू बेड की संख्या को 300 से अधिक करने, बच्चों के लिए 50 से अधिक पीआईसीयू तैयार करने, अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन प्लांट सहित अन्य आवश्यक चिकित्सा उपकरण लगाकर सरकारी स्वास्थ्य ढांचे को मजबूती प्रदान करने का संकल्प लिया है।उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य ढांचे को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से लिए गए संकल्प को साकार करने के लिए एफसीआईएल सिंदरी के इंचार्ज यूनिट से उपरोक्त दिशा में सकारात्मक कदम उठाने का अनुरोध किया है। एफसीआईएल द्वारा एनओसी प्रदान करने तथा 30 वर्ष की लीज देने पर हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड अपने सीएसआर फंड से सिंदरी अस्पताल का जीर्णोद्धार कर सकेगा। इससे एक बड़ी आबादी लाभान्वित होगी। आने वाले अनेक दशकों तक यह अस्पताल पुनः अपनी गरिमामय उपस्थिति को दर्ज कराने में सक्षम होगा।