धनबाद: शहीद IPS रणधीर प्रसाद वर्मा याद किये गये, 32वें शहादत दिवस दी गई श्रद्धांजलि

वीरता के लिए सर्वोच्च पदक अशोक चक्र से सम्मानित भारतीय पुलिस सेवा के जांबाज अधिकारी रणधीर वर्मा को उनके 32वें शहादत दिवस पर सादे समारोह में श्रद्धांजलि दी गई। जिला पुलिस बल ने उन्हें सशस्त्र सलामी दी। राष्ट्र सम्मान की धुन बजाया गया और दो मिनट का मौन रखा गया।

धनबाद:  शहीद IPS रणधीर प्रसाद वर्मा याद किये गये, 32वें शहादत दिवस दी गई श्रद्धांजलि

धनबाद। वीरता के लिए सर्वोच्च पदक अशोक चक्र से सम्मानित भारतीय पुलिस सेवा के जांबाज अधिकारी रणधीर वर्मा को उनके 32वें शहादत दिवस पर सादे समारोह में श्रद्धांजलि दी गई। जिला पुलिस बल ने उन्हें सशस्त्र सलामी दी। राष्ट्र सम्मान की धुन बजाया गया और दो मिनट का मौन रखा गया।

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कोविड के संभावित खतरों को देखते हुए संगीतमय श्रद्धांजलि की जगह सादे समारोह में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। रणधीर वर्मा चौक और बैंक मोड़ स्थित प्रतिमा पर शहीद की पत्नी व एक्स सेंट्रल मिनिस्टर प्रोफेसर रीता वर्मा ने उनकी प्रतिमा पर मल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। डीसी संदीप सिंह, एसएसपी संजीव कुमार, एसपी( रूरल) रिष्मा रमेशन, एमपी पीएन सिंह, एमएलए राज सिन्हा, एमएलए अपर्णा सेन गुप्ता ,भृगुनाथ भगत,जिला कांग्रेस प्रसिडेंट संतोष कुमार सिंह समेत कई गणमान्य लोग श्रद्धांजलि अर्पित किए।धनबाद बार एसोसिएशन के प्रसिडेंट अमरेंद्र कुमार सहाय, जेएमएम लीडर अमितेश कुमार सहाय समेत अन्य ने भी शहीद एसपी को श्रद्धा सुमन अर्पित किये।

गोली लगने के बाद भी डकैतों से करते रहे संघर्ष
वर्ष 1991 की तीन जनवरी कोसुबह के करीब दस बज रहे थे। एसपी रणधीर वर्मा एसपी कोठी में थे। तभी उन्हें किसी ने फोन किया कि हीरापुर बिनोद मार्केट स्थित बैंक आफ इंडिया में डकैत घुस गए हैं। सूचना मिलते ही वह पिस्टल और एक बॉडीगार्ड को लेकर सीधे बैंक पहुंच गये। बैंक फस्ट फ्लोर पर था। डकैतों को ललकाराते हुए रणधीर वर्मा सीढ़ी चढ़ गये। तभी ऊपर मौजूद एक आतंकवादी ने उन्हें गोली मार दी। गोली लगते ही वह गिर पड़े। बावजूद उन्होंने एक डकैत को गोली मारकर ढेर कर दिया। उस दौरान आइएसएमकर्मी श्यामल चक्रवर्ती भी बैंक में थे। उन्‍होंने भी डकैतों का विरोध किया। डकैतों ने उन्हें भी गोली मार दी। एसपी एसपी रणधीर वर्मा शहीद हो गये। इधर उनके बॉडीगार्ड भी गोली लगने से जख्मी हो गये। तब तक धनबाद पुलिस स्टेशन की पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। खुद को घिरते देख डकैत भागने लगे। बाद में एक और डकैत को पुलिस ने मार गिराया।

खालिस्तानी आंतकवादियों से लड़ते हुए दिया बलिदान
खालिस्तानी आंतकवादियों से लड़ते-लड़ते बलिदान देने वाले एसपी रणधीर वर्मा को 26 जनवरी 1991 को वीरता के लिए सर्वोच्च पदक अशोक-चक्र से सम्मानित किया गया। वह पहले असैनिक अधिकारी हैं, जिन्हें मरणोपरांत अशोक-चक्र से सम्मानित किया गया था। भारत सरकार ने सन 2004 में उनके सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया था।