सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने का विरोध, दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद में जैन समाज का प्रदर्शन  

झारखंड सरकार द्वारा गिरिडीह जिले के मधुबन स्थित तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने से जैन समाज में आक्रोश है। जैन समदाय के लोगों ने रविवार को  दिल्ली मुंबई और अहमदाबाद में विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली में समाज के लोग प्रगति मैदान और इंडिया गेट पर इकट्ठा हुए। प्रदर्शनकारियों के एक डेलिगेशन ने राष्ट्रपति भवन पहुंचकर इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन दिया है।

सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने का विरोध, दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद में जैन समाज का प्रदर्शन  
  • जैन समुदाय के लोग सड़कों पर उतरे

नई दिल्ली। झारखंड सरकार द्वारा गिरिडीह जिले के मधुबन स्थित तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने से जैन समाज में आक्रोश है। जैन समदाय के लोगों ने रविवार को  दिल्ली मुंबई और अहमदाबाद में विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली में समाज के लोग प्रगति मैदान और इंडिया गेट पर इकट्ठा हुए। प्रदर्शनकारियों के एक डेलिगेशन ने राष्ट्रपति भवन पहुंचकर इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन दिया है।

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Delhi | Members of the Jain community protest at India Gate against the decision of the Jharkhand govt to declare 'sacred' Shri Sammed Shikharji a tourist place pic.twitter.com/6WCKHq3UII

— ANI (@ANI) January 1, 2023

धार्मिक आस्था पर चोट पहुंचाने का आरोप 
जैन समुदाय के लोगों नेमुंबई, अहमदाबाद और दिल्ली के इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली के प्रगति मैदान और इंडिया गेट पर बड़ी संख्या मेंजैन समाज के लोग जमा हुए और इस फैसलेको वापस लेनेकी अपील की। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि झारखंड सरकार ने सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित कर के जैन समाज की भावनाओं को चोट पहुंचाई है। राज्य सरकार का यह फैसला जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचानेवाला है। सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थाल घोषित करने से इस तीर्थस्थल को भारी नुकसान होगा। प्रदर्शनकारियों नेकहा कि झारखंड सरकार को तुरंत इस फैसलेको वापस लेना चाहिए। 'इस मामले पर जैन समुदाय के लोग 26 दिसंबर से देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं।


सेंट्रल गवर्नमेंट ने घोषित किया था इको सेंसिटिव जोन 
फरवरी 2018 में तत्कालीन झारखंड गवर्नमेंट ने इस क्षेत्र को ईको-सेंसिटिव जोन घोषित किये जाने की सिफारिश की थी। इसके बाद सेंट्रल गवर्नमेंट ने वर्ष 2019 में सम्मेद शिखरजी को इको सेंसिटिव जोन यानी पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र घोषित कर दिया था। जैन समुदाय के लोगों का कहना है कि यह क्षेत्र उनके लिए हिमालय जैसा पवित्र स्थल है। क्षेत्र के पर्यावरण संरक्षण के लिए इलिगल माइनिंग और वृक्षों की कटान को रोका जाना चाहिए। इस पहाड़ के संरक्षण के लिए सेंट्रल गवर्नेंट व स्टेट गवर्नमेंट दोनों को कदम उठाना चाहिए। सेंट्रल गवर्नेंट की ओर से क्षेत्र को इको सेंसिटिव जोन घोषित करने के बाद झारखंड गवर्नमेंट ने एक संकल्प जारी कर इसे पर्यटन स्थल घोषित कर दिया। झारखंड सरकार ने जिला प्रशासन की अनुशंसा पर यह फैसला लिया। इस फैसलेके बाद जैन समुदाय नाराज हो गया। बवाल तब और बढ़ गया जब क्षेत्र में कुछ दिन पहले शराब पीते एक युवक का वीडियो वायरल हो गया। 
मुंबई में भी समुदाय के लोग सड़कों पर उतरे 
मुंबई में भी समुदाय के लोग झारखंड सरकार के फैसले के विरोध में प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे। महाराष्ट्र के मिनिस्टर एमपी लोढ़ा ने कहा कि हम गुजरात के पलीताणा में जैन मंदिर में हुई तोड़फोड़ और झारखंड सरकार के श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल में बदलने के फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। गुजरात सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। लोढ़ा के मुताबिक आज के प्रदर्शन में करीब 5 लाख लोग शामिल हुए।
गुजरात के जैन मंदिर में तोड़फोड़
गुजरात के पलीताणा शहर के जैन मंदिर में तोड़फोड़ भी हुई। इसको लेकर भी मुंबई, अहमदाबाद और दिल्ली के इंडिया गेट पर जैन समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन किय है।
झारखंड सरकार फैसला वापस ले: ओवैसी 
AIMIM एमपी असदुद्दीन ओवैसी ने भी जैन समाज के विरोध प्रदर्शन पर समर्थन किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि हम जैन समुदाय के लोगों का समर्थन करते हैं। झारखंड सरकार को यह फैसला रद्द करना चाहिए। उन्होंने गुजरात के सीएम से अपील की है कि जैन मंदिर में तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
तीर्थस्थलों की पवित्रता का सम्मान करें: VHP 
विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने भी जैन समुदाय के लोगों का समर्थन किया है। VHP ने कहा कि सम्मेद शिखर एक तीर्थ स्थल है। उसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं किया जाना चाहिए। VHP के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि हम भारत के सभी तीर्थस्थलों की पवित्रता की रक्षा के लिए कोशिश कर रहे हैं। इस तरह से किसी भी तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में नहीं बदला जाना चाहिए।विवाद और विरोध
सम्मेद शिखर के आसपास के इलाके में मांस-मदिरा की खरीदी-बिक्री और सेवन प्रतिबंधित है। कुछ दिन पहले शराब पीते युवक का वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद विवाद शुरू हुआ। धर्मस्थल से जुड़े लोगों का मानना है कि पर्यटन स्थल घोषित होने के बाद से जैन धर्म का पालन नहीं करने वाले लोगों की भीड़ यहां बढ़ी। यहां मांस-मदिरा का सेवन करने वाले लोग आने लगे हैं।

सम्मेद शिखर का महत्व
झारखंड का हिमालय माने जाने वाले इस स्थान पर जैनियों का पवित्र तीर्थ शिखरजी स्थापित है। इस पुण्य क्षेत्र में जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति की। यहां पर 23वें तीर्थकर भगवान पार्श्वनाथ ने भी निर्वाण प्राप्त किया था। पवित्र पर्वत के शिखर तक श्रद्धालु पैदल या डोली से जाते हैं। जंगलों, पहाड़ों के दुर्गम रास्तों से गुजरते हुए नौ किलोमीटर की यात्रा तय कर शिखर पर पहुंचते हैं।