चेन्नई:सात साल तक कोर्ट में चला रेप का मुकदमा निकला झूठा, अब युवती देगी पीड़ित को15 लाख का मुआवजा

चेन्नई कोर्ट में सात साल से संतोष नामक युवक पर लगे रेप का आरोप झूठा पाया गया है। कोर्ट ने मामला झूठा पाये जाने के बाद उस पीड़ित को 15 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

नई दिल्ली। चेन्नई कोर्ट में सात साल से संतोष नामक युवक पर लगे रेप का आरोप झूठा पाया गया है। कोर्ट ने मामला झूठा पाये जाने के बाद उस पीड़ित को 15 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। कॉलेज की एक गर्ल्स स्टूडेंट ने युवक पर रेप का आरोप लगाया था। युवक के खिलाफ सात साल तक केस चला। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, रेप पीड़िता के डीएनए टेस्ट में साबित हुआ कि वह युवक आरोपी नहीं था। इसके बाद युवक ने मुआवजे के लिए मुकदमा दायर कर कहा कि झूठे रेप के आरोप ने उनके करियर और जीवन को बर्बाद कर दिया। कोर्ट ने आंशिक रूप से युवक की याचिका की अनुमति देते हुए पीड़ित को 15 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह मुआवजा राशि उस महिला व उसके माता-पिता को झूठी कंपलेन दर्ज कराने के एवज में देने का निर्देश दिया है।

पीड़ित संतोष ने रेप का आरोप लगाने वाली लड़की, उसके माता-पिता और सचिवालय कॉलोनी पुलिस इंस्पेक्टर से हर्जाने के रूप में 30 लाख रुपये की मांग की थी। संतोष के एडवोकेट ए सिराजुद्दीन ने कहा कि उनके मुवक्किल का फैमिली और महिला का परिवार पड़ोसी थे। वे एक ही समुदाय के थे, परिवारों के बीच यह सहमति थी कि संतोष महिला से शादी करेगा। हालांकि, बाद में परिवार एक संपत्ति विवाद के बाद अलग हो गये।