धनबाद के जज उत्तम आनंद मर्डर मामले में सीबीआई दर्ज किया FIR, 20 सदस्यीय टीम गठित,इन्विस्टीगेशन शुरू

सीबीआइ ने धनबाद के जज उत्तम आनंद मर्डर केस को टेकओवर कर लिया है। सीबीआइ ने बुधवार को इसकी नोटिफिकेशन जारी कर दी है। सीबीआइ ने मामले में FIR दर्ज कर इन्विस्टीगेशन के लिए 20 मेंबर की टीम गठित की है।इनमें फोरेंसिक स्पेशलिस्ट भी शामिल हैं। 

धनबाद के जज उत्तम आनंद मर्डर मामले में सीबीआई दर्ज किया FIR, 20 सदस्यीय टीम गठित,इन्विस्टीगेशन शुरू
जज उत्तम आनंद (फाइल फोटो)।

धनबाद।सीबीआइ ने धनबाद के जज उत्तम आनंद मर्डर केस को टेकओवर कर लिया है। सीबीआइ ने बुधवार को इसकी नोटिफिकेशन जारी कर दी है। सीबीआइ ने मामले में FIR दर्ज कर इन्विस्टीगेशन के लिए 20 मेंबर की टीम गठित की है।इनमें फोरेंसिक स्पेशलिस्ट भी शामिल हैं। 
 सीबीबाइ ने जज उत्तम आनंद मर्डर मामले में दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच -1 ने अननोन ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज की है। मर्डर केस के लिए सीबीआइ की स्पेशल टीम नई दिल्ली से धनबाद पहुंच गयी है। दिल्ली से गुरुवार को फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम धनबाद पहुंच सकती है।जज मर्डर मामले में जांच के लिए CBI ने दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 के सीनियर एसपी जगरूप एस गुसिन्हा के नेतृत्व में 20 अफसरों की स्पेशल टीम बनायी है।सीबीआइ की एफआइआर में  जज की पत्नी कृति सिन्हा की कंपलेन पर धनबाद पुलिस स्टेशन में दर्ज केस (300/21) को आधार बनाया गया है।एएसपी रैंक के अफसर विजय कुमार शुक्ला को जज मर्डर केस का इन्विस्टीगेशन ऑफिसर बनाया गया है।

झारखंड गवर्नमेंट ने  30 जुलाई को जज मर्डर केस की सीबीआइ जांच की अनुशंसा की थी। इसके बाद सेंट्रल गवर्नमेंट के डीओपीटी के द्वारा केस के इन्विस्टीगेशन का आदेश जारी हुआ था। सीबीआई के स्पेशल क्राइम सेल ने मामले में चार अगस्त को धनबाद पुलिस स्टेशन में दर्ज केस को टेक ओवर किया। इस केस की जांच में  सीबीआई को में झारखंड पुलिस भी मदद करेगी।
फ्लैश बैक
जज उत्तम आनंद 28 जुलाई की अहले सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे।रणधीर वर्मा चौके समीप वॉक के दौरान ऑटो ने जज को धक्का मार दिया था। हॉस्पीटल में उनकी मौत हो गयी थी।  इसके बाद सीसीटीवी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें स्पष्ट दिखा था कि एक ऑटो रोड किनारे की तरफ जाकर जज उत्तम आनंद को चपेट में लिया था। जज की वाइफ के कंपलेन पर धनबाद पुलिस स्टेशन ऑटो ड्राइवर के खिलाफ धक्का मारकर मर्डर करने की एफआईआर दर्ज की गई थी।

पुलिस की एसआइटी कर रही थी जांच

पुलिस हेडक्वार्टर ने मामले की जांच के लिए एडीजी (ऑपरेशन) संजय आनंद टाळकर के नेतृत्व में एक एसआइटी का गठन किया था। एसआईटी ने अबतक की जांच में सुनियोजित मर्डर से जुड़ा कोई एवीडेंस नहीं मिला पाया है। जज मर्डर  मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया था। मामले की जांच की झारखंड हाईकोर्ट के द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है। पुलिस घटना के दूसरे दिन 29 जुलाई को ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा को गिरिडीह से और उसके साथ ऑटो में बैठे राहुल वर्मा को धनबाद रेलवे स्टेशन से अरेस्ट किया। जज को धक्का मारने वाला ऑटो गिरिडीह से जब्त किया गया। पुलिस लखन व राहुल को पांच दिनों तक रिमांड पर लेकर पूछताछ की। पुलिस  दोनों का नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराने की अनुमति कोर्ट से प्राप्त कर ली थी।

जज का जबड़ा और सिर की हड्डी कई जगहों पर गयी थी टूट 
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जज का जबड़ा और सिर की हड्डी कई जगहों पर टूटी हुई थी। सिर पर गंभीर चोट लगने से उनकी मौत हुई थी। जज के बॉडी पर तीन जगह बाहरी और सात जगहों पर अंदरूनी चोट भी लगी हुई थी। उनके ब्रेन में चोट लगी थी, जिससे वे मौके पर बेहोश हो गये थे।पेट में ब्लड चला गया था।