बिहार: पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज, रणक्षेत्र बना डाकबंगला चौराहा

बिहार में शिक्षक नियोजन प्रक्रिया को जल्दीा पूरा करने के लिए अभ्यर्थियों ने सोमवार को पटना के डाकबंगला पर प्रदर्शन किया। अभ्ययर्थी सरकार से जल्द से जल्द नियोजित करने की मांग कर रहे हैं। ट्रैफिक व्यनवस्थाा को बिगड़ते देखकर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। डाकबंगला चौराहे पर मजिस्ट्रेट रूप मे तैनात एडीएम लॉ एंड ऑर्डर केके सिंह ने अभ्यर्थी की पिटाई की। एक साथी की पिटाई से प्रदर्शनकारी जब और ज्यादा उग्र होने लगे तो केके सिंह को वहां से हटा दिया गया।

बिहार: पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज, रणक्षेत्र बना डाकबंगला चौराहा
  • लाठीचार्ज को लेकर सियासत तेज
  •  पप्पूा यादव ने भी किया प्रदर्शन

पटना। बिहार में शिक्षक नियोजन प्रक्रिया को जल्दीा पूरा करने के लिए अभ्यर्थियों ने सोमवार को पटना के डाकबंगला पर प्रदर्शन किया। अभ्ययर्थी सरकार से जल्द से जल्द नियोजित करने की मांग कर रहे हैं। ट्रैफिक व्यनवस्थाा को बिगड़ते देखकर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। डाकबंगला चौराहे पर मजिस्ट्रेट रूप मे तैनात एडीएम लॉ एंड ऑर्डर केके सिंह ने अभ्यर्थी की पिटाई की। एक साथी की पिटाई से प्रदर्शनकारी जब और ज्यादा उग्र होने लगे तो केके सिंह को वहां से हटा दिया गया।

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गर्दनीबाग में  15 दिनों से धरना दे रहे थे अभ्यर्थी 

बिहार के विभिन जिले से राजधानी में सरकार से नौकरी मांगने आए शिक्षक अभ्यर्थियों पर सोमवार की दोपहर में जमकर लाठी बरसी। शिक्षक अभ्यर्थी सातवें चरण के नियोजन की मांग कर रहे थे। पिछले 15 दिनों से शहर के गर्दनीबाग में धरना पर बैठे हुए थे, लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही थी। लाठीचार्ज के दौरान कई अभ्यर्थी घायल हो गए। कई महिला अभ्यर्थियों को काफी चोटें आई हैं। प्रशासन ने पहले तो शिक्षक अभ्यर्थियों को अरेस्ट करने की कोशिश की, लेकिन भीड़ ज्यादा होने के कारण लाठी चार्ज कर तितर-बितर कर दिया।

लाठी चार्ज के बाद तितर-बितर हुई भीड़

इससे पहले जेपी गोलंबर से शिक्षक अभ्यर्थियों ने डाकबंगला चौराहा पर पैदल मार्च निकाला। प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थी चौक छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुए। तब पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठी चार्ज कर दी।लाठी चार्ज होने के बाद भगदड़ मच गई। इस दौरान काफी संख्या में अभ्यर्थी सड़क पर गिर पड़े। उसके बावजूद भी पुलिस अभ्यर्थियों को पीटती रही।
लाठीचार्ज को लेकर कांग्रेस ने सवाल पूछा 
नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की बिहार कांग्रेस ने कड़े शब्दों में निंदा की है। कांग्रेस प्रवक्ता असितनाथ तिवारी ने कहा, लाठीचार्ज की घटना ये बताने के लिए काफी है कि नौकरशाही का एक हिस्सा बेहद अलोकतांत्रिक हो चुका है। ये नौकरशाह लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचलते हुए आगे बढ़ने लगे हैं। जबकि हम सब जानते हैं कि रोजगार मांगना ना तो गैरकानूनी कृत्य है और ना ही रोजगार के लिए प्रदर्शन करना गैरकानूनी है। इसके साथ ही कांग्रेस ने यह भी सवाल पूछा कि लाठीचार्च को लेकर अफसर को किसने आदेश दिया। 

लाठी चार्ज के बाद डाकबंगला चौराहे पर अफरा-तफरी का माहौल

लाठी चार्ज के बाद डाकबंगला चौराहे पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।  प्रदर्शनकारी शिक्षक अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। उनका कहना है कि सातवें चरण के शिक्षक नियोजन की विज्ञप्ति निकले बगैर वे वापस नहीं जायेंगे। पुलिस अफसर व पटना एसडीएम उन्हें समझाने में लगे हैं।  इस बीच मौके पर तैनात एडीएम केके सिंह ने एक प्रदर्शनकारी की लाठियों से पिटाई कर दी। उनके साथ सुरक्षा में तैनात सिपाहियों ने भी सड़क पर गिरे अभ्यर्थी को लाठी से पीटा। लगभग पांच हजार से ज्यादा शिक्षक अभ्यर्थी डाकबंग्ला चौराहे पर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों का जत्था सचिवालय की ओर बढ़ रहा था जिसे इनकम टैक्स के पास रोक दिया गया। उसके बाद अभ्यर्थी डाकबंगला पर आकर सड़क पर बैठ गये।  इसी दौरान एक की पिटाई की गई।प्रदर्शनकारी शिक्षक अभ्यर्थी सातवें चरण की बहाली की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के लिए अविलंब बहाली की विज्ञप्ति निकाला जाए। 
के शिक्षा विभाग का तर्क है अभी छठे चरण के नियोजन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। इस चरण के लगभग 53 हजार पद अभी खाली हैं। इस पर टीईटी पास अभ्यर्थियों का कहना है कि रिक्ति वाले विषय में रोस्टर के अनुसार आवेदक नहीं होने से यह रिक्ति बनी हुई है। इन 53 हजार पदों को सातवें चरण में सम्मिलित करके नई विज्ञप्ति प्रकाशित किया जाए। सरकार इस पर उन्हें आश्वासवन दे रही है पर कोई बहाली नहीं हो रही है।2019 में  एसटीईटी पास कर चुके शिक्षक अभ्यर्थियों ने बताया कि एसटीईटी का आयोजन आठ साल बाद हुआ।  नोटिफिकेशन 2019 में जारी किया गया। जनवरी 2020 में ऑफलाइन मोड में परीक्षा ली गई। मगर, कुछ परीक्षा केंद्रों पर फर्जीवाड़े की बात सामने आने पर उसे रद्द कर दिया गया। दोबारा इस परीक्षा का आयोजन सितंबर 2020 में किया गया। तब इसे ऑनलाइन मोड में किया गया ये अभ्यर्थी तीन साल से नौकरी मिलने  का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार  इनलोगों का नियोजन नहीं कर रही है। 
अभ्यर्थियों का कहना है कि इस मामले में शिक्षा मंत्री कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। बात करने पर  शिक्षा विभाग हमारी मांग को अनसुनी करती रही है।यही कारण है कि नई सरकार बनने के बाद आज से प्रदर्शन शुरू किया गया है। जब तक एसटीईटी उतीर्ण अभ्यर्थियों का नियोजन नहीं किया जायेगा, तब तक ऐसे ही प्रदर्शन जारी रहेगा।