Bihar : बिहार में तीन बार के MLA, मिनिस्टर और MLC रहे दसई चौधरी ने छोड़ा नीतीश का साथ, थामा PK का दामन

बिहार के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री दसई चौधरी ने जदयू को अलविदा कह PK की जन सुराज पार्टी जॉइन की। नीतीश कुमार पर लगाया उपेक्षा का आरोप।

Bihar : बिहार में तीन बार के MLA, मिनिस्टर और MLC रहे दसई चौधरी ने छोड़ा नीतीश का साथ, थामा PK का दामन
जनसुराज में शामिल हुए दसई चौधरी।

पटना। बिहार की राजनीति में शुक्रवार को बड़ा बदलाव देखने को मिला जब तीन बार विधायक, मंत्री और एमएलसी रह चुके वरिष्ठ नेता दसई चौधरी ने जदयू को अलविदा कह दिया। उनके साथ भुवन पटेल ने भी पार्टी छोड़कर प्रशांत किशोर (PK) की जन सुराज पार्टी (जसुपा) का दामन थाम लिया।
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जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने पटना में आयोजित कार्यक्रम में दोनों नेताओं का स्वागत किया और उनके कंधे पर पीला गमछा डालकर पार्टी में शामिल कराया। इस मौके पर बड़ी संख्या में समर्थक भी मौजूद रहे। मिलन समारोह में जसुपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती, सुधीर शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री सुभाष कुशवाहा, एक्स एमपी सीताराम यादव और पूर्व एमएलसी रामबली चंद्रवंशी उपस्थित रहे।
नीतीश कुमार पर लगाया उपेक्षा का आरोप
दसई चौधरी ने नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें लगातार नजरअंदाज किया जा रहा था। उन्होंने कहा, “मैं संगठन में काम करने आया था, लेकिन मेरी उपेक्षा की गयी। इसलिए अब मैंने जन सुराज से जुड़ने का फैसला किया है।”दसई ने कहा कि लालू प्रसाद की पार्टी से तीन बार एमएलए रहने के बाद मैंने तन-मन-धन से नीतीश कुमार का साथ दिया। हालांकि, बाद में नीतीश ने हमपर ध्यान नहीं दिया। संगठन व सरकार में सहभागी नहीं बनाया। हम बार-बार उनसे अनुरोध करते रहे। मुलाकात भी की, लेकिन कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिला।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि मुझे महुआ से चुनाव नहीं लड़ना है। मैं संगठन में काम करने आया हूं। मैं एमएलसी, तीन बार एमएलए, एमपी और चंद्रशेखर सरकार में मंत्री भी रहा हूं। अब क्या ही चाहिए!
लालू से नीतीश तक, अब PK के साथ
दसई चौधरी का राजनीतिक सफर लंबा और रोचक रहा है। वे लालू प्रसाद यादव की पार्टी से तीन बार विधायक रह चुके हैं। इसके बाद नीतीश कुमार की जदयू में शामिल होकर मंत्री और एमएलसी भी बने। अब वे PK की जन सुराज पार्टी में अपनी नई राजनीतिक पारी की शुरुआत कर रहे हैं।
भुवन ने भुवन ने कहा कि मैं समता पार्टी का संस्थापक सदस्य रहा हूं। जिलाध्यक्ष रहा। बिहार और उत्तर प्रदेश में पार्टी की ओर से चुनाव पर्यवेक्षक के तौर पर काम किया। नीतीश कुमार सबसे जीनियस मुख्यमंत्री हैं, लेकिन अब उम्र के अनुसार उनकी शारीरिक क्षमता कम हो रही है। उनके अगल-बगल के कुछ लोग ही सरकार चला रहे हैं। इससे समर्पित कार्यकर्ताओं को दिक्कत हो रही है।
उदय सिंह ने कहा कि इन दोनों की तरह ही कई अच्छे लोगों को साथ लेकर नीतीश कुमार ने अच्छी राह पर चलना शुरू किया था, लेकिन अब नीतीश राह भटक गये हैं। अब उन्हें वैसे लोगों ने घेर लिया है, जो बिहार को तेजी से सर्वनाश की ओर ले जा रहे। ये लोग पद-लोलुपता में नहीं, बल्कि घुटन के कारण जदयू छोड़कर जसुपा के साथ आए हैं।
जन सुराज को मिला नया बल
भुवन पटेल और दसई चौधरी जैसे नेताओं के शामिल होने से प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूती मिलने की उम्मीद है। खासकर ग्रामीण इलाकों और पिछड़े वर्ग के वोटरों पर इन नेताओं का प्रभाव माना जाता है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में यह कदम जदयू और नीतीश कुमार के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।