बिहार: बीजेपी के ही स्वजातीय दो लीडर के टारगेट पर हैं विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा! सदन में पार्टी के लीडर ही कर रहे हैं विरोध

बिहार के पॉलिटिकल खेमे में चर्चा है कि क्या बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा बिहार स्टेट में बीजेपी को चला एक मिनिस्टर व उनके स्वजातीय बड़े लीडर के टारगेट पर आ गये हैं। आरोप है कि विधानसभा में बुधवार को सीएम बनने का सपना देख रहे एक लीडर व उनके संरक्षक स्वजातीय लीडर के खासमखास सम्राट चौधरी स्पीकर के साथ बतमीजी की।

बिहार: बीजेपी के ही स्वजातीय दो लीडर के टारगेट पर हैं विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा! सदन में पार्टी के लीडर ही कर रहे हैं विरोध

पटना। बिहार के पॉलिटिकल खेमे में चर्चा है कि क्या बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा बिहार स्टेट में बीजेपी को चला एक मिनिस्टर व उनके स्वजातीय बड़े लीडर के टारगेट पर आ गये हैं। आरोप है कि विधानसभा में बुधवार को सीएम बनने का सपना देख रहे एक लीडर व उनके स्वजातीय बड़े लीडर के खासमखास सम्राट चौधरी स्पीकर के साथ बतमीजी की।

पिछले कुछ दिनों में सदन में डिप्टी सीएम तारकेश्वर प्रसाद व एक ग्रुप के अन्य लीडरों के बयान आये हैं उससे सवाल यही उठ रहा है कि स्पीकर टारगेट में हैं। बीजेपी को जानने वाले कई लीडर इसके पीछे बीजेपी के अंदर हो रहे जातीय के पॉलिटिक्स के खेल को भी जिम्मेवार बता रहे हैं। 
सदन में शर्मसार हुआ लोकतंत्र
विधानसभा में जिस तरीके से मिनिस्टर सम्राट चौधरी ने स्पीकर को अपमानित किया, वो अभूतपूर्व था। सदन की कार्यवाही लाइव हो रही थी। उसमें दिख रहा था कि स्पीकर ने कोई ऐसी बात नहीं कही थी जिससे मिनिस्टर को कुछ बुरा मान जाना चाहिये था। स्पीकर बार-बार मिनिस्टर सम्राट चौधरी को सिर्फ ये कह रहे थे कि पहले से तय हुए नियम के मुताबिक वे एमएलए के सवालों का जवाब ऑनलाइन डाल दें।
उल्लेखनीय है कि सदन में ज्यादा से ज्यादा एमएलए को सवालों पूछने का मौका मिले, इसके लिए ये व्यवस्था की गयी है। एमएलए को जब सवालों का जवाब ऑनलाइन मिल जाता है तो मिनिस्टर को सदन में पूरा जवाब नहीं पढ़ना पड़ता है। ऐसे में समय बचता है और ज्यादा एमएलए सवाल पूछ पाते हैं। स्पीकर को सिर्फ इस बार पर आपत्ति थी कि मिनिस्टर सम्राट चौधरी के विभागों के सवालों का जवाब ऑनलाइन नहीं आता। मिनिस्टर ने जब सदन को गलत जानकारी दी तो अस्पीकरने उन्हें टोका और आंकड़े बताये कि सिर्फ 67 परसेंट जवाब ही ऑनलाइन दिये जा रहे हैं।मिनिस्टर ने भरे सदन में अध्यक्ष के साथ बतमीजी की। ये ऐतिहासिक शर्मनाक वाकया था कि किसी मिनिस्टर से आहत होकर स्पीकर को सदन की कार्यवाही स्थगित कर आसन से उठ जाना पड़ा।सदन को स्थगित करने वक्त विधानसभा अध्यक्ष रूआंसे हो गये थे। उनकी आवाज भर आयी थी।
आहत स्पीकर ने की इस्तीफे की ऑफर!
जानकार सोर्सेज का कहना है कि सम्राट चौधरी की बदतमीजी से आहत स्पीकर ने इस्तीफे तक का ऑफर कर दिया था। स्पीकर ने सदन में जाने तक से इंकार कर दिया। पहली बार जब सदन स्थगित होकर शुरू हुआ तो स्पीकर सदन में नहीं आये। कार्यवाहक अध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव को आसन पर बिठाया गया और सदन को फिर से दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। दो बजे जब फिर से सदन शुरू हुआ तो स्पीकर फिर से नहीं आये। लगभग 10 मिनट के बाद वे आसन पर पहुंचे, तब तक बहुत कुछ हो चुका था।
किसी के शह पर अड़े थे सम्राट चौधरी
बताया जाता है कि सदन में स्पीकर के साथ बदतमीजी करने के बाद भी सम्राट चौधरी के तेवर ढीले नहीं पडे थे। सदन की गरिमा तार-तार हो गयी थी लेकिन सम्राट चौधरी को कोई असर नहीं पड़ रहा था। वह खेद जताने तक को तैयार नहीं थे। स्पीकर के चेंबर में संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी समेत सत्ताधारी दल के कई एमएलए पहुंचे। सभी स्पीकर को मना रहे थे लेकिन विजय सिन्हा सदन में जाने को तैयार नहीं थे।
सीएम नीतीश ने किया हस्तक्षेप
बताया जाता है कि बात जब खुद सीएम नीतीश कुमार ने हस्तक्षेप किया तो बात बनी। बिहार बीजेपी लीडरशीप अपने मिनिस्टर सम्राट चौधरी के साथ खड़ा था। स्पीकर की गरिमा की चिंता किसी को नहीं थी। नीतीश कुमार ने बीजेपी के नेताओं से बात कर कहा कि इस घटना से सरकार की भारी फजीहत हो रही है। ऐसे सरकार कैसे चलेगी। इसके बाद स्टेट बीजेपी लीडरशीप इस बात पर तैयार हुआ कि सम्राट चौधरी सदन में खेद प्रकट करेंगे। खुद नीतीश कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष से भी बात कर उन्हें समझाया।
सदन की कार्यवाही शुरू होने के जब विधानसभा अध्यक्ष पहुंचे तो पहले नीतीश कुमार के प्रतिनिधि और संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने ही खेद जताया। उन्होंने मंत्री के आचरण के लिए माफी मांगी और ये भरोसा दिलाया कि भविष्य में ऐसी किसी घटना की पुनरावृति नहीं होगी। विजय चौधरी के बोलने के बाद सम्राट चौधरी खडे हुए और अपने आचरण के लिए खेद जताया।

टारगेट पर हैं स्पीकर
आरोप है कि विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा बिहार बीजेपी को चला रहे दो लीडरों के  टारगेट पर हैं? सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि सदन में बीजेपी के लीडर ही स्पीकर पर सवाल उठा रहे हैं। पिछले सप्ताह डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने भरे सदन में कहा था कि सदन में किसी खास व्यक्ति को प्रश्रय दिया जा रहा है। उनका इशारा था कि स्पीकर तेजस्वी यादव को बोलने का मौका दे रहे हैं। तारकिशोर प्रसाद बीजेपी विधायक दल के नेता भी हैं। अपनी ही पार्टी के एमएल से स्पीकर के बारे में सदन में उनका बोलना कई बातें साफ कर रहा है। मिनिस्टर प्रमोद कुमार रामसूरत राय मंगलवार को स्पीकर के मना करने के बावजूद अपनी मनमानी करते रहे। रामसूरत राय ने सदन में तेजस्वी यादव के खानदान को उकटने के बाद स्पीकर को मजबूरन सदन की कार्यवाही स्थगित कर देनी पडी।
बीजेपी ने मजबूरी में विजय सिन्हा को स्पीकर बनाया
बिहार विधानसभा चुनाव के बाद जब कैबिनेट बना तो बीजेपी ने भूमिहार मिनिस्टर का कोटा कम कर दिया था। पहले के विधानसभा स्पीकर भूमिहार थे। वह जेडीयू एमएलए थे।  बीजेपी को लगा कि अगर स्पीकर से भूमिहार का पत्ता साफ कर दिया जाये तो उस तबके में भारी नाराजगी फैल सकती है। इसके बाद ही मजबूरी में विजय सिन्हा का नाम आगे किया गया। लेकिन बीजेपी में बी व एन की जोड़ी स्पीकर को अभी भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।
जाति का एंगल भी है कारण!
बीजेपी की पॉलिटिक्स पर नजर रखने वाले इसके पीछे जाति का एंगल आरोप लगा रहे हैं। बिहार बीजेपी के पूर्व महामंत्री सुधीर कुमार शर्मा का आरोप है कि यादव और राय ने भूमिहारों को टारगेट पर ले रखा है। बीजेपी से भूमिहार जाति के नेताओं को चुन चुन कर किनारे किया जा रहा है।  विधानसभा अध्यक्ष को भी इसलिए टारगेट किया जा रहा है क्योंकि वे भूमिहार जाति से आते हैं।  सुधीर शर्मा का कहना है कि सम्राट चौधरी जैसे लोग जब आरजेडी और जेडीयू का झंडा ढोकर बीजेपी और नरेंद्र मोदी को गाली दे रहे थे तब विजय सिन्हा बीजेपी के लिए खून-पसीना बहा रहे थे। अब सम्राट चौधरी जैसों के माध्यम विजय सिन्हा को ही जलील किया जा रहा है। इससे पहले भी भूमिहार जाति से आने वाले सीटिंग एमएलसी का पत्ता साफ कर सम्राट चौधरी को विधान परिषद भेजा गया था। यह सब कहां से गाइड हो रहा है व क्या मामला है अब ये बताने की जरूरत नहीं है।जनता सब जानती है।