राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग, एमपी राकेश सिन्हा राज्यससभा में उठायेंगे

राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर दिनकर के बिहार बेगुसराय जिले के सिमरिया स्थित घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने का प्रस्ताव संसद में रखेंगे। उन्होंने इस संबंध में आज राज्यसभा में प्रस्ताव रखने के लिए राज्यसभा के महासचिव को पत्र लिखा है।

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर  के घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग, एमपी राकेश सिन्हा राज्यससभा में उठायेंगे

नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर दिनकर के बिहार बेगुसराय जिले के सिमरिया स्थित घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने का प्रस्ताव संसद में रखेंगे। उन्होंने इस संबंध में आज राज्यसभा में प्रस्ताव रखने के लिए राज्यसभा के महासचिव को पत्र लिखा है।

एमपी राकेश सिन्हा ने अपने पत्र में लिखा है कि श्रेष्ठ साहित्यकार अपनी रचनाओं से राष्ट्र और समाज को प्रगतिशील बनाता है। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ऐसे ही एक रचनाकार थे जिन्होंने आने वाली पीढ़ी को ना सिर्फ प्रोत्साहित किया है बल्कि उन्होंने देश और समाज में चेतना जगायी। उनकी रचनाएं विश्व के श्रेष्ठ साहित्यकार शेक्सपियर, पुश्किन, गार्सिया और पॉल इल्यार के समकक्ष है। प्रति वर्ष सैकड़ों लोग उनके गांव जाते हैं ताकि उनके जन्मस्थान के दर्शन कर सकें। ऐसे में संस्कृति मंत्रालय का यह उत्तरदायित्व बनता है कि वह उनके घर को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करे, ताकि उसका भलीभांति संरक्षण हो सके।

दिनकर की रचनाओं में है ओज गुण
रामधारी सिंह दिनकर का जन्म वर्ष 1908 की 24 सितंबर को बिहार के बेगूसराय जिले के सिमरिया गांव में हुआ था। उनकी रचनाएं इतनी प्रभावशाली हैं पढ़ने वाला उससे ओत-प्रोत हो जाता है। एक ओर तो उनकी कविताओं में ओज गुण है ।वहीं उर्वशी जैसी रचना में श्रृंगार रस की प्रधानता है। दिनकर को राष्ट्रकवि की उपाधि दी गयी थी। उनके प्रमुख काव्यों में शामिल हैं- कुरुक्षेत्र, रश्मिरथी, उर्वशी, परशुराम की प्रतिज्ञा और दिल्ली शामिल है। जबकि गद्य में उनकी रचना भारतीय संस्कृति के चार अध्याय काफी चर्चित हैं।