देवघर के असिस्टेंट रजिस्टार राहुल चौबे सस्पेंड, सीएम ने दी सस्पेंशन प्रोपोजल को मंजूरी,भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेन्स

सीएम हेमंत सोरेन ने देवघर के जिला अवर निबंधक(असिस्टेंट रजिस्टार), राहुल चौबे को सस्पेंड करने से संबंधित प्रोपोजल को मंजूरी दे दी है।

रांची। सीएम हेमंत सोरेन ने देवघर के जिला अवर निबंधक(असिस्टेंट रजिस्टार), राहुल चौबे को सस्पेंड करने से संबंधित प्रोपोजल को मंजूरी दे दी है। राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा जिला अवर निबंधक, देवघर के खिलाफ जमीन के निबंधन से जुड़े मामलों में अनियमितता बरते जाने की शिकायतों को लेकर आरोप पत्र गठित  किया है। उनके द्वारा स्पष्टीकरण समर्पित नहीं किये जाने पर डीसी द्वारा अनुशंसा के आलोक में यह निर्णय लिया गया है। डीसी ने अपनी अनुशंसा में राहुल चौबे पर लगे आरोप को गंभीर प्रकृति का बताया है।

क्या है आरोप

देवघर जिला के देवीपुर अंचल अंतर्गत कुल 31 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री में नियम कानूनों की अवहेलना करने से जुड़े मामले में जिला अवर निबंधक के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। इस मामले में देवघर के डीसी द्वारा राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी गई है। रिपोर्ट के अनुसार राहुल चौबे के द्वारा तथ्यों को जान-बूझकर नजरअंदाज करते हुए गलत इरादे से एवं व्यक्तिगत लाभ के लिए उक्त जमीन का रजिसट्री किया गया।
समय में नहीं समर्पित किया स्पष्टीकरण

उक्त जमीन के निबंधन में अनियमितता बरते जाने के आरोप को लेकर चौबे से स्पष्टीकरण की मांग की गई थी। उनके द्वारा निर्धारित समय में उनके द्वारा स्पष्टीकरण समर्पित नहीं किया गया। यह अनुशासनहीनता और उच्च अधिकारी के आदेश की अवहेलना है।डीसी ने जिला अवर निबंधक राहुल चौबे को निलंबित करते हुए कठोर अनुशासनिक कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी।

जमीन रजिस्ट्री संबंधी मामलों की चल रही जांच

डीसी को जिला अवर निबंधक राहल चौबे के खिलाफ विभिन्न माध्यमों से लगातार शिकायत मिल रही है। डीसी द्वारा उनके पिछले एक साल के कार्यकाल के दौरान जमीन निबंधन संबंधी मामलों की जांच के लिए जिला स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ हेमंत सरकार का जीरो टॉलरेंस, दो दिन में देवघर के दो बड़े अफसर सस्पेंड

हेमंत सरकार भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं करेगी। सरकार गठन के बाद ही सीएम हेमन्त सोरेन ने भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेन्स की बात कही थी। इस परिपेक्ष्य में बीते एक वर्ष में ठोस निर्णय लिए गए। इस कड़ी में सीएम ने जिला अवर निबंधक, देवघर राहुल चौबे के निलंबन प्रोपोजल को स्वीकृति दी है। एक दिन पूर्व ही राजस्व कार्यों में अनियमितता, देवघर अंचल में पिछले एक साल में किये गये राजस्व संबंधी कार्यों की जांच समिति को सहयोग नहीं करना, बिना अवकाश स्वीकृत कराए अनाधिकृत रूप से अपने कार्यालय एवं मुख्यालय से अनुपस्थित रहना, अपने कार्यों के प्रति लापरवाही, उच्चाधिकारियों द्वारा दिए गए आदेश की अवहेलना, कर्तव्यहीनता, आम जनों के प्रति असंवेदनशीलता एवं विधि व्यवस्था संधारण और आम जनों के कार्यों के निष्पादन में लापरवाही बरतने के आरोप में देवघर सीओ निल कुमार सिंह के निलंबन प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। 

आईपीएस अफसर पर कार्रवाई

सीएम ने आइपीएस अफसर अनुराग गुप्ता (संप्रति निलंबित) के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 एवं 13 (1) (d) और 13 (2) सह पठित भारतीय दंड विधान की धारा 120 (b) के तहत गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग एवं बुंडू प्रखंड के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी और वर्तमान में निलंबित ललन कुमार को सेवा से बर्खास्त करने के प्रोपोजल पर सहमति दी। इसके अतिरिक्त उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग कार्यमंडल, सिमडेगा के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार को निलंबित करने के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दी। एसीबी की टीम ने कार्यपालक अभियंता को अपने आवास में संवेदक से रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

पेड़ कटवाया, सप्लाई में हुई गड़बड़ी, दर्ज करें एफआईआर 

सीएम ने मेदिनीनगर वन प्रमंडल के कुंदरी प्रक्षेत्र के वन क्षेत्र पदाधिकारी जितेंद्र कुमार हाजरा के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के प्रोपोजल कोस्वीकृति दी। उनके खिलाफ माफियाओं की मिलीभगत से 15 हेक्टयर से ज्यादा वनभूमि से लगभग 535 पेड़ों का अवैध पातन करने एवं अन्य आरोप है। धनबाद नगर निगम में ई-गवर्नेंस कार्यों हेतु कंप्यूटर सामग्रियों और अन्य उपकरणों की आपूर्ति में बरती गई अनियमितता को लेकर तत्कालीन नगर आयुक्त मनोज कुमार, तत्कालीन उप नगर आयुक्त प्रदीप कुमार प्रसाद और अनिल कुमार यादव के खिलाफ अलग-अलग एफआइआार दर्ज करने का निर्देश भी सीएम ने दिया है। इन तीनों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने, नगर निगम के तत्कालीन अरबन रिफॉर्म स्पेशलिस्ट मनीष कुमार के खिलाफ एफआइआ दर्ज करने का आदेश दिया गया है। वहीं कनीय पर्यवेक्षक-सह-भंडारपाल हरिशचंद्र पांडेय एवं लेखापाल अनिल कुमार मंडल को सस्पेंड किया गया है।

एसीबी करेगी आरोपों की जांच 

सीएम ने झारखंड हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार (विजिलेंस) के पत्र के आलोक में दुमका के तत्कालीन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश ओम प्रकाश सिंह के खिलाफ दुमका नगर थाना में भारतीय वन अधिनियम-1927 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम –1988 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दर्ज मामले, निरंजन कुमार (इंडियन पोस्ट एंड टीसी एकाउंट्स एंड फाइनांस सर्विस) के खिलाफ गंभीर आरोपों, झारखंड राज्य सहकारी बैंक के रांची शाखा और सरायकेला शाखा में वित्तीय अनियमितता, राशि का गबन और दुरुपयोग मामले की जांच, धनबाद नगर निगम में 14वें वित्त आयोग की योजना में लगभग दो सौ करोड़ रुपये के प्राक्कलन घोटाले, देवघर ब्लॉक के मसनजोरा ग्राम पंचायत के मथुरापुर ग्राम  में  मनरेगा योजनाओं में बरती गई अनियमितता की जांच एसीबी से एवं गिरिडीह डिवीजन के अंतर्गत गिरिडीह के प्रधान डाकघर और गिरिडीह टाउन उप डाकघर में जमा 11 करोड़, 64 लाख, 38 हजार , 635 रुपये की फर्जी निकासी के जरिए की गई धोखाधड़ी मामले की जांच हेतु सीबीआई को हस्तांतरित करने के प्रोपोजल को स्वीकृति दी है।

सीएम ने 132 होमगार्ड द्वारा नामांकन के दौरान व बाद में भी जाति प्रमाण पत्र को छिपाकर 28 सालों तक सेवा करने वालों के खिलाफ जांच कराने का एवं सरकार से पारिश्रमिक व भत्ता इत्यादि लेने के मामले में इन गृह रक्षकों से अगले आदेश तक  कोई भी कार्य नहीं लेने का आदेश दिया है।