पटना में अरेस्ट PFI आतंकी जलालुद्दीन खान 29 साल झारखंड पुलिस में रहा पोस्टेड

बिहार की राजधानी पटना में पीएफआई व अन्य आतंकी संगठनों के सांठगांठ के आरोप में अरेस्ट रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर मो जलालुद्दीन खान की बहाली 22 जनवरी 1982 को बतौर कांस्टेबल हुई थी।

पटना में अरेस्ट PFI आतंकी जलालुद्दीन खान 29 साल झारखंड पुलिस में रहा पोस्टेड
  • 2021 में गिरिडीह से हुआ था रिटायर

रांची। बिहार की राजधानी पटना में पीएफआई व अन्य आतंकी संगठनों के सांठगांठ के आरोप में अरेस्ट रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर मो जलालुद्दीन खान की बहाली 22 जनवरी 1982 को बतौर कांस्टेबल हुई थी।

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एकीकृत बिहार के पटना में बहाली के बाद 10 सालों तक जलालुद्दीन पटना में ही रहा। कांस्टेबल जलालुद्दीन खान का चार जनवरी 1992 को पटना से ट्रांसफर गोड्डा जिले में हो गया। इसके बाद से वह लगातार वह झारखंड के जिलों में ही रहा और कांस्टेबल से प्रमोशन पाकर सब इंस्पेक्टर बना गया। वह 30 अप्रैल 2021 को वह गिरिडीह जिले से रिटायर हुआ। रिटायरमेंट के ठीक पहले तक जलालुद्दीन की पोस्टिंग गिरिडीह के नक्सल प्रभाव वाले भेलवाघाटी पुलिस स्टेशन में सब इंस्पेक्टर पोस्ट पर रही। 
 कहां-कहां रही पोस्टिंग

गोड्डा जिले में 14 दिसंबर 1992 को कांस्टेबल के पद पर योगदान देने के बाद जलालुद्दीन यहां छह सितंबर 2008 तक पोस्टेड रहा। इसके बाद उसकी पोस्टिंग रांची जिला में हो गयी। रांची में वह 13 सितंबर 2008 से 17 मई 2010 तक पोस्टेड रहा। रांची में रहते हुए ही एएसआई में जलालुद्दीन को प्रोमोशन मिली। इसके बाद वह हजारीबाग में बतौर एएसआई पोस्टेड हुआ। हजारीबाग में पेलावल, चरही जैसे पुलिस स्टेशन में 21 मई 2010 से पांचसितंबर 2018 तक मो जलालुद्दीन की बचौर एएसआइ पोस्टिंग रही। इसके बाद वह सब इंस्पेक्टर के पोस्ट पर प्रमोट किया।

सब इंस्पेक्टर बनने के बाद जलालुद्दीन की पोस्टिंग बाद हजारीबाग से गिरिडीह में हुई। बतौर दरोगासब इंस्पेक्टर जलाउद्दीन नौ सितंबर 2018 से 30 अप्रैल 2021 तक वह गिरिडीह जिला बल में रहा। गिरिडीह में 20 नवंबर 2018 से 27 जनवरी 2021 तक जलालुद्दीन भेलवाघाटी पुलिस स्टेशन में पोस्टेड रहा था। 39 सालों तक पुलिस विभाग में काम करते हुए वह एसआइ के पद से रिटायर हुआ। इसके बाद वह पटना के फुलवारीशरीफ में सपरिवार रह रहा था।
विवादास्पद रहा है जलालुद्दीन,एसपी ने पुलिस स्टेशन में की थी पिटाई
हजारीबाग में एएसआइ रहते हुए मोहम्मद जलालुद्दीन का चरित्र संदिग्ध रहा है। वह सांप्रदायिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता था। हजारीबाग के चरही पुलिस स्टेशन में रहते हुए एक घटना में हजारीबाग के तत्कालीन एसपी ने पुलिस स्टेशन के एक कमरे में बंद कर उसकी जमकर पिटाई की थी। उसपर चरही के एक युवक से मोबाइल का सिम का गलत तरीके से इस्तेमाल करने, उससे हजारीबाग की एक महिला को ब्लैकमेल कर शारीरिक शोषण करने का आरोप लगा था। वह उस युवक को धमका कर उसके मोबाइल सिम का प्रयोग स्वयं करता था। जलालुद्दीन से तंग आकर उस युवक ने ही सीनियर पुलिस अफसर से उसकी शिकायत की थी, जिसके बाद उससे उस युवक ने अपना पिंड छुड़ाया था।
सांप्रदायिक तनाव भड़काने में भूमिका
चरही पुलिस स्टेशन में उक्त एएसआइ की पोस्टिंग वर्ष 2010 के जून महीने में हुई थी। कई माह चरही में रहने के बाद उसे हजारीबाग के पेलावल पुलिस स्टेशन में पोस्टिंग की गयी। पेलावल में भी वह शांत नहीं बैठा और एक बार फिर पेलावल में दुर्गा पूजा के प्रतिमा विसर्जन के दौरान 2015 में सांप्रदायिक तनाव भड़काने में उसकी भूमिका संदिग्ध रही। उस पर जिला में मादक पदार्थो की तस्करी के आरोप समेत कई गंभीर आरोप लगे थे।