Delhi:तीस हजारी कोर्ट में वकीलों व पुलिस में हिंसक झड़प, कई गाड़ियों में आग लगायी, फायरिंग, एडवोकेट को गोली लगी

  • पार्किंग विवाद कोलेकर पुलिसकर्मी और वकील के बीच कहासुनी हिंसक झड़प में बदली
  • आरोप-पुलिसकर्मियों ने वकील की पिटाई की व फायरिंग भी की पुलिस ने फायरिंग से किया इनकार
  • चार नवंबर को वकील  काम नहीं करेंगे
नई दिल्ली:दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट कैंपस में शनिवार दोपहर बाद पार्किंग के विवाद में दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच हिंसक झड़प हो गई. पुलिस को स्थिति कंट्रोल करने के लिए फायरिंग करनी पड़ी. फायरिंग के से नाराज वकीलों ने पुलिस की गाड़ियों में जमकर तोड़फोड़ की, पीसीआर वैन समेत कई गाड़ियों में आग तक लगा दी.फायरिंग में विजय वर्मा नामक वकील को गोली लगी है, अन्य कई वकील जख्मी हए हैं. वकील को सेंट स्टीफेंस अस्पताल में इलाज चल रहा है.झड़प में लगभग 10 पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जख्मी पुलिसकर्मियों में एडिशनल डीसीपी (नॉर्थ) हरेंद्र सिंह, कोलवाली और सिविल लाइंस के एसएचओ और डीपीसी (नॉर्थ) का ऑपरेटर शामिल है वकीलों का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने एक वकील को रोका और कहा कि लॉकअप के सामने गाड़ी क्यों लगाई. वकील को पीटा गया. जब बवाल हुआ तो पुलिस ने गोली मार दी. एक राउंड गोली चलाई है.वकील अस्पताल में भर्ती है. आग बुझाने के लिए मौके पर दमकल की गाड़ियां पहुंचीं. अतिरिक्त पुलिस बल को भेजा गया. वकीलों ने घटना का विडियो बना रहे या फोटो ले रहे लोगों के मोबाइल फोन तोड़ दिये और उनसे मारपीट की.कुछ मीडियाकर्मी की भी पिटाई की गयी. घटना के विरोध में वकील सोमवार को काम नहीं करेंगे. हिंसा के बाद देर शाम कोर्ट के अंदर कई जज, सीनियर वकील और बार एसोसिएशन के लोग पुलिस अफसरों के साथ बातचीत कर मसला हल करने की कोशिश की.वकीलों ने अडिशनल डीसीपी नार्थ हरेंद्र कुमार की पिटाई कर अंदर लॉकअप में बंद कर दिया, पुलिस ने उन्हें अंदर से छुड़ा लिया. वकीलों द्वारा डीसीपी मोनिका भारद्वाज के साथ भी बदसलूकी की सूचना है. बताया जाता है कि फायरिंग और पिटाई से भड़के वकीलों ने जमकर तोड़फोड़ की. इस दौरान जो भी वहां पुलिस की वर्दी में मिला उसकी वकीलों ने उसकी पिटाई की.पुलिस अफसरों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया. एसएचओ से हाथापाई की गयी. वकीलों की दहशत के चलते पुलिस वाले भाग खड़े हुए. हिंसक रुख अख्तियार कर चुके वकीलों ने न्यूज़ चैनलों के कुछ कैमरे भी तोड़ दिये. कुछमीडिया कर्मियों के मोबाइल फोन भी छीनकर तोड़ दिये. बताया जाता है कि कुछ वकीलों ने कड़कड़डूमा कोर्ट में भी हंगामा किया और दिल्ली पुलिस के बैरिकेड में आग लगा दी.मौके पर पहुंचे सीनीयर अफसरों ने पुलिस ने बातचीत कर वकीलों का गुस्सा शांत किया.दिल्ली पुलिस का कहना है कि फायरिंग नही हुई है. पुलिस की गाड़ी जलाई गई है. किस बात पर बवाल हुआ? उसकी जांच की जा रही है. लॉक अप के बाहर तीसरी बटालियन की पुलिस और वकीलों के बीच झगड़ा हुआ. पार्किंग को लेकर झगड़ा हुआ। विवाद इतना बढ़ा कि पीसीआर वैन में भी आग लगा दी गई. फिर पुलिसवालों को निशाना बनाया जाने लगा. यहां तीसरी बटालियन कैदियों को कोर्ट लाने और ले जाने का काम करती है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने कहा है कि यह दिल्ली पुलिस की बहुत बर्बर कार्रवाई है. पार्किंग को लेकर मामूली विवाद में पुलिस ने निर्दोष वकीलों पर फायरिंग शुरू कर दी. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. हमने सीनीयर पुलिस अफसरों और सरकार से दोषी पुलिसकर्मियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है. उन्हें तुरंत सस्पेंड किया जाए. यदि ऐसा नहीं किया गया तो स्थिति बिगड़ सकती है और सरकार व बार काउंसिल के नियंत्रण से बाहर हो जायेगी.दिल्ली बार काउंसिल के चेयरमैन केसी मित्तल ने कहा है कि हम बिना किसी उकसावे के पुलिस की ओर से तीस हजारी कोर्ट में की गई फायरिंग की निंदा करते हैं. एक युवा वकील को लॉकअप में पीटा गया. यह पुलिस की मनमानी है. उन्हें बर्खास्त किया जाए और केस चलाया जाए. हम दिल्ली के वकीलों के साथ खड़े हैं. तीस हजारी बार एसोसिएशन के सचिव जयवीर सिंह चौहान ने कहा है कि एक वकील की कार, पुलिस की जेल वैन को छू गई जिसके बाद वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच बहस हो गयी.इसके बाद उन्हें हवालात ले जाया गया और बुरी तरह पीटा गया. थाना प्रभारी आये लेकिन भीतर जाने नहीं दिया गया. मध्य और पश्चिमी जिले के जिला न्यायाधीश, छह अन्य न्यायाधीशों के साथ वहां गये लेकिन वकील को नहीं निकलवा पाये.उन्होंने दावा किया कि न्यायाधीश जब जा रहे थे तो 20 मिनट बाद पुलिस ने चार राउंड गोलियां चलाई.अन्य वकीलों के साथ बाहर में प्रदर्शन कर रहे एक वकील रंजीत सिंह मलिक गोली से घायल हो गये. पुलिस का कहना है कि झड़प के दौरान एक वाहन में आग लगा दी गई और 8 अन्य को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. दमकल विभाग ने मौके पर 10 गाड़ियों को भेजा. झड़प के बाद घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिसकर्मियों और दंगा रोधी वाहनों को तैनात किया गया. कोर्ट कैंपस के द्वार के सामने बैठकर प्रदर्शन करते हुए वकीलों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने घटना के दौरान गोली चलाई और इसमें संलिप्त कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह ने कहा है कि सिर्फ पार्किंग को लेकर विवाद था. वकील हवालात में घुसकर बदला लेना चाहते थे. हवालात में कुछ कैदी और पुलिसकर्मी मौजूद थे. जब वकीलों को रोका गया तो उन्होंने तोड़फोड़ शुरू कर दी. इसके बाद पुलिस ने मानव श्रृंखला बनाकर कैदियों को दूसरे हवालात में शिफ्ट किया और उन्हें बचाया. अगर किसी को गोली लगी है तो यह मेडिकल रिपोर्ट में सामने आ जायेगा. डीसीपी ने कहा कि लोगों को बचाते हुए मुझे भी चोट आई है.