पीएम, गृह मंत्री व सीएम ने शोक जतायाजयपुर: राजस्थान के बाड़मेर जिले के जसोल कस्बे में रविवार शाम को तेज आंधी और बारिश के दौरान रामकथा का पंडाल गिरने से 16 लोगों की मौत हो गई और 55 घायल हो गये. पंडाल गिरते ही बिजली का करंट फैल गया, जिसके कारण अधिकांश मौत हुई. मृतकों में 12 लोगों की पहचान हुई है. कुछ लोगों की मौत भगदड़ मचने से भी हुई. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.पंडाल में चल रही रामकथा के दौरान लगभग दो हजार लोग मौजूद थे.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने घटना पर दुख जताया है.
हादसे की सूचना मिलते ही आइजी सचिन मित्तल, जिला कलेक्टर हिंमाशु गुप्ता, एएसपी रतन लाल, लोकल एमएलए मदन प्रजापत,एक्स मिनिस्टर अमराराम समेत अन्य पुलिस व प्रशानिक अफसर घटना स्थल पर पहुंचे. घायलों को पहले बालोतरा के स्थानीय नाहटा अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन फिर एंबुलेंस और निजी वाहनों से बाड़मेर एवं जोधपुर के सरकारी अस्पताल भेजा गया. रविवार का अवकाश होने के कारण चिकित्सकों की छुट्टी रद्द कर ड्यूटी पर बुलाया गया. लौटने के लिए कहा गया है. मृतकों में अधिकांश बुजुर्ग शामिल हैं.जिला कलेक्टर हिंमाशु गुप्ता ने बताया कि मृतकों में नौ महिलाएं और सात पुरुष शामिल हैं. इनमें से 13 ने मौके पर ही दम तोड़ दिया और शेष तीन की मौत अस्पताल ले जाते समय हुई.
सीएम अशोक गहलोत ने जिला कलेक्टर व एसपी से टेलिफोन पर बात कर बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए है. गहलोत ने हादसे पर संवेदना जताते हुए दो केबिनेट मंत्रियों रमेश मीणा और सालेह मोहम्मद को तत्काल जसोल पहुंचकर राहत कार्यों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।.मृतकों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है. घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बाड़मेर में राम कथा के दौरान टेंट गिरने से हुए हादसे पर दुख जताया है. उन्होंने ईश्वर से दिवंगतों की आत्मा को शांति प्रदान करने,शोकाकुल परिजनों को संबल देने की प्रार्थना है. घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की. सीएम ने कहा किस्थानीय प्रशासन द्वारा राहत व बचाव कार्य जारी है. संबंधित अधिकारियों को हादसे की जांच करने, घायलों का शीघ्र उपचार सुनिश्चित करने, प्रभावितों व उनके परिजनों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.
पतले लोहे के खंभों पर लगाया गया था पंडाल
स्थानीय लोगों ने रामकथा का आयोजन किया था. आयोजकों ने रामकथा के लिए ना तो जिला प्रशासन से मंजूरी ली थी और ना ही मौके पर हजारों लोगों की मौजूदगी के बावजूद आपात स्थिति से निपटने के लिए कोई प्रबंध था. फायर और पुलिस से भी अनुमति नहीं ली गई थी. एक मंदिर के पास सरकारी स्कूल के खुले मैदान में 200 फीट बड़ा पंडाल भी केवल पतले लोहे के खंभों पर लगाया गया था. बिजली का कनेक्शन भी अस्थाई लिया गया था.
मृतकों को पांच-पांच लाख व घायलों को दो-दो लाख मुआवजे का एलान
राजस्थान गर्वमेंट ने घटना के जद में आये लोगों को मुआवजा देने का ऐलान किया है. सीएम अशोक गहलोत ने इस घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को 5 लाख रुपये देने की घोषणा की है. .घायलों को 2-2 लाख रुपये तक की राशि दी जायेगी.