Wedding Dates 2025: इस साल 18 नवंबर से बजेगी शहनाई
2025 में शादी कब है? जानिए नवंबर से दिसंबर तक के सभी शुभ विवाह मुहूर्त। भगवान विष्णु के जागरण के साथ शुरू होगा विवाह सीजन — मिथिला और बनारसी पंचांग के अनुसार तिथियों की पूरी सूची Threesocieties.com पर।
- भगवान विष्णु के जागरण के साथ शुरू हो रहा है शादी का सीजन
- 18 नवंबर से छह दिसंबर तक रहेंगे शुभ मुहूर्त
- जानिए मिथिला और बनारसी पंचांग के अनुसार कौन-से दिन हैं सबसे मंगलमय
रांची। चार महीने की योगनिद्रा के बाद भगवान विष्णु के जागरण के साथ ही शुभ कार्यों का आरंभ हो रहा है। कार्तिक शुक्ल एकादशी (1 नवंबर) को श्रीहरि विष्णु योगनिद्रा से जागेंगे और 16 नवंबर को सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश करने के साथ शादी-ब्याह का शुभ दौर 18 नवंबर से शुरू होकर छह दिसंबर 2025 तक चलेगा।
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पंडितों के अनुसार, चातुर्मास की समाप्ति के साथ ही विवाह जैसे मांगलिक कार्यों का शुभ समय शुरू होता है। मिथिला पंचांग और बनारसी पंचांग में इस बार विवाह मुहूर्तों की संख्या अलग-अलग बतायी गयी है—
मिथिला पंचांग में 10 मुहूर्त
बनारसी पंचांग में 13 मुहूर्त बताये गये हैं।
नवंबर-दिसंबर में शादी का मौसम
बनारसी पंचांग के अनुसार:
नवंबर: 18, 19, 21, 22, 23, 24, 25, 29, 30
दिसंबर: 1, 4, 5, 6
मिथिला पंचांग के अनुसार:
नवंबर: 20, 21, 23, 24, 26, 27, 30
दिसंबर: 1, 4, 5
छह दिसंबर के बाद शुक्र के अस्त होने से शादी-विवाह पर अस्थायी विराम लग जायेगा।
नववर्ष में फिर से बजेगी शहनाई
आठ दिसंबर से तीन फरवरी तक विवाह पर रोक रहेगी।
क्योंकि 11 दिसंबर से शुक्र ग्रह अस्त हो जायेंगे और यह स्थिति विवाहादि कार्यों के लिए अशुभ मानी जाती है।
एक फरवरी की शाम छह बजे शुक्र उदित होंगे, और उसके बाद चार फरवरी से 2026 के नए वैवाहिक मुहूर्त शुरू होंगे।
विवाह में ग्रहों की भूमिका
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुभ विवाह के लिए ग्रहों की स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
बृहस्पति, शुक्र और सूर्य का शुभ होना आवश्यक है।
रवि-गुरु का संयोग अत्यंत शुभ और सिद्धिदायक माना गया है।
शुभ लग्न: वृष, मिथुन, कन्या, तुला, धनु, मीन
शुभ नक्षत्र: अश्विनी, रेवती, रोहिणी, मृगशिरा, मूल, मघा, चित्रा, स्वाति, श्रवणा, हस्त, अनुराधा, उत्तरा फाल्गुनी, उत्तरा भद्र, उत्तरा आषाढ़।
अति शुभ नक्षत्र: रोहिणी, मृगशिरा, हस्त — इन नक्षत्रों में विवाह को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
ज्येष्ठ मास में विवाह क्यों नहीं?
पंडित के अनुसार, यदि वर और कन्या दोनों का जन्म ज्येष्ठ मास में हुआ हो, तो उनका विवाह भी उसी मास में नहीं किया जाता।
तीन ज्येष्ठ होने पर विषम योग बनता है, जिसे वैवाहिक लग्न में निषिद्ध माना गया है। विवाह के लिए माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़ और अगहन मास अत्यंत शुभ होते हैं।
वर्ष 2025-26 के प्रमुख वैवाहिक शुभ मुहूर्त (सारणी)
महीना शुभ तिथियां (बनारसी पंचांग)
नवंबर 18, 19, 21, 22, 23, 24, 25, 29, 30
दिसंबर 1, 4, 5, 6
फरवरी 4, 5, 6, 7, 8, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 19, 20, 21, 24, 25, 26
मार्च 2, 4, 5, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14






