भुवनेश्वर: पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ओडिशा में दो दिन पहले आये फोनी चक्रवाती तूफान प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया. पीएम को ओड़ीसा पहुंचने पर सीएम नवीन पटनायक ने उनका स्वागत किया व तूफान सा हुई क्षति व स्टेट गर्वमेंट की ओर से की गयी कार्रवाई से अवगत कराया. पीएम ने तूफान से तबाही से मदद के लिए एक ओड़ीसा को हजार करोड़ रुपये की तत्काल मदद का ऐलान किया है.
पीएम ने दौरान मीडिया से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि तूफान के दौरान नवीन पटनायकजी ने अच्छा काम किया है. तूफान के दौरान ओडिशा के लोगों ने समझदारी दिखाई. इस कारण कम जनहानि हुई. मैंने नुकसान का आकलन किया. केंद्र सरकार हर कदम पर ओडिशा के साथ है. तत्काल 1000 करोड़ की तत्काल मदद का ऐलान किया जा रहा है.चक्रवात से प्रभावित लोगों की संख्या भी कम से कम 11 जिलों के 14,835 गांवों में लगभग 1.08 करोड़ हो गई है. उन्होंने कहा कि आपदा से 24 घंटे पहले 13.41 लाख से अधिक लोगों को निकाला गया था. पीएम ने तूफान से हुई तबाही का जायजा लेने के दौरान सीएम नवीन पटनायक की जमकर तारीफ की.

पीएम मोदी ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार के बीच संचार बहुत अच्छा था मैं निगरानी भी कर रहा था. ओडिशा के लोग जिस तरह से सरकार के हर निर्देश का अनुपालन करते हैं, वह सराहनीय है पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले 381 करोड़ रुपये की घोषणा की थी, अब 1000 करोड़ रुपये जारी किए जायेंगे. पीएम ने प्रभावित इलाकों की समीक्षा के लिए पीएम मोदी ने ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक व अफसरों के साथ बैठक भी की.
पीएम मोदी का भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर गर्वनर गणेशी लाल, सीएम नवीन पटनायक और सेंट्रल मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने स्वागत किया. पीएम ने इससे पहले प्रदेश के राज्यपाल गणेशी लाल और सीएम नवीन पटनायक से फोन पर बात कर स्थिति का जायजा लिया था. पीएम ने केंद्र की ओर से राज्य सरकार को पूरी मदद का आश्वासन दिया था. उन्होंने प्रदेश के लोगों तूफान से बहादुरी के साथ मुकाबला करने के लिए धन्यवाद भी दिया था.
पुरी व खुर्दा सर्वाधिक नुकसान, युद्धस्तर पर राहत कार्य
विनाशकारी तूफान फोनी के गुजर जाने के 36 घंटे बाद भी राज्य के प्रभावित इलाकों मे व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकी है. पुरी व खुर्दा जिले सर्वाधिक प्रभावित हैं. यहां बिजली-पानी व खाद्य सामग्री का संकट अभी भी बना हुआ है. तूफान में मृतकों की संख्या 39 तक पहुंच गयी है. ओड़ीसा के चीफ सेकरेटरी ने 29 लोगों के ही मरने की पुष्टि की है. पुरी में ही 21 लोगों की जान गयी है.
11 जिले प्रभावित
तूफान से राज्य के 11 जिले प्रभावित हुए हैं. पुरी व खुर्दा पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. अभी भी बिजली, पानी और खाने के सामान की आपूर्ति सुचारू ढंग से शुरू नहीं हो पाई है. गर्वमेंट का कहना है कि हालात को सामान्य बनाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किए जा रहे हैं. तूफान से 10 हजार गांव व 52 शहरी इलाके प्रभावित हुए हैं और करीब एक करोड़ की आबादी इसकी चपेट में आयी है. सीएम नवीन पटनायक ने उम्मीद जताई है कि बहुत जल्द पुरी व भुवनेश्वर में बिजली-पानी की आपूर्ति सुचारू रूप से होने लगेगी. उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों में अगले 15 दिनों तक सरकार लोगों को भोजन मुहैया करायेगी.
स्टेट गर्वमेंट ने सर्वाधिक प्रभावित पुरी व खुर्दा जिलों के पीडि़त परिवारों को एक महीने का राशन का चावल व एक हजार रुपये के साथ पालिथीन शीट देने की घोषणा की है. इससे कम प्रभावित कटक, केंद्रपाड़ा व जगतसिंहपुर जिलों में हर परिवार को एक महीने का चावल देने के साथ पांच सौ रुपये नकद दिये जायेंगे. जिन लोगों के मकान पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं, उन्हें प्रति मकान 95 हजार एक सौ रुपये देने की घोषणा की गयी है. आंशिक रूप में गिरे मकानों के एवज में 52 हजार रुपए व मामूली रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के एवज में 32 सौ रुपये दिये जायेंगे. फसल एवं पालतू पशुओं के नष्ट होने पर क्षतिपूर्ति देने की घोषणा की गई है.
पुरी रेलवे स्टेशन को 10 मई तक के लिए बंद कर दिया गया है. प्रभावित इलाकों में बिजली और दूर संचार व्यवस्था पूरी तरह ठप होने से जनजीवन पूरी तरह से ठप पड़ गया है. सीएम नवीन पटनायक ने रविवार को हवाई मार्ग से प्रभावित क्षेत्रों का अवलोकन कर सीनीयर अफसरों के साथ बैठक की. सीएम ने राहत व बचाव कार्य की निगरानी करने के लिए चार अधिकारियों की टीम को विशेष दायित्व सौंपा है.एनडीआरएफ, ओड्राफ, अग्निशमन विभाग के साथ विभिन्न सेवाभावी संगठनों से जुड़े लोग राहत कार्य में जुटे हैं. अस्पतालों में बिजली नहीं होने के कारण घायलों के इलाज तथा आपरेशन में परेशानी हो रही है.
हवाई सेवा बहाल, स्पेशल ट्रेनें चली
हवाई सेवा बहाल होने के साथ ही भुवनेश्वर से ट्रेनों का आवागमन भी शुरू हो गया है. पूर्व तट रेलवे के सूत्रों के अनुसार तूफान के कारण भुवनेश्वर, पुरी व खुर्दा रेलवे स्टेशनों को भारी नुकसान हुआ है जिनकी मरम्मत का कार्य धीरे-धीरे चल रहा है. दक्षिण पूर्व रेलवे के सूत्रों के अनुसार हावड़ा से भुवनेश्वर होते हुए तीन स्पेशल ट्रेनों हावड़ा-यशवंतपुर, हावड़ा-वास्कोडिगामा और हावड़ा चेन्नई सेंट्रल का संचालन किया जायेगा. इसके अलावा अन्य ट्रेने पहले की तरह रद रहेंगी। सूत्रों ने बताया कि आठ मई के बाद रेल सेवा सुचारू हो सकेगी.
फोनी के चलते श्रीमंदिर को भी आंशिक क्षति
ओडिशा के पुरी जिले में स्थित 21वीं सदी के ऐतिहासिक श्रीमंदिर अर्थात भगवान जगन्नाथ के मंदिर का एक हिस्से को शुक्रवार को आयी फोनी तूफान के प्रभाव से आंशिक रूप से क्षति पहुंची है. मंदिर की मुख्य इमारत को कोई नुकसान नहीं हुआ है.मंदिर के मुख्य प्रशासक पीके महापात्रा ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि हम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से आग्रह करेंगे कि वह क्षतिग्रस्त ढांचे का मुआयना करे.उन्होंने बताया कि श्रीमंदिर के सिंहद्वार को जय- विजय द्वार के नाम से भी जाना जाता है. यहां पर दोनों ओर प्रतिमाएं हैं। वास्तव में इन्हें ही जय-विजय कहा जाता है। इनमें से जय को आंशिक रूप से क्षति पहुंची है. विजय पूरी तरह से सुरक्षित है.यह स्थान मंदिर का अतिपवित्र स्थान माना जाता है. जिस समय फोनी तूफान ने 200 से 240 किमी की रफ्तार से पुरी के समुद्र तट का छुआ, उस समय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा मंदिर में रिपेयरिंग का काम किया जा रहा था.इसके लिए लगभग पांच हजार लोहे का पाइप लगाया गया है. जिनमें से अधिकांश तूफानी हवाओं के चलते जमीन पर गिर गये. इन्हीं के कारण सिंहद्वार पर लगी जय नामक प्रतिमा को आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गयी.