रांची: सीएम रघुवर दास ने कहा कि आदिवासियों को वोट बैंक समझने वाले नेताओं ने इस समाज का समुचित विकास नहीं होने दिया. इन्हें सिर्फ मुर्गी पालन और ऐसे ही कार्यों के लिए ऋण दिए लेकिन अब सरकार छोटे-छोटे उद्योगों के लिए भी लोन मुहैया कराने में कारगर साबित होगी.
शीघ्र ही बस संचालन के लिए विज्ञापन निकालकर आदिवासियों से आवेदन लिए जायेंगे. उद्योगों की स्थापना के लिए इस समुदाय के लोगों को आधी जमीन सरकार मुफ्त देगी जबकि शेष की कीमत दस आसान किस्तों में भुगतान की व्यवस्था की जायेगी. झारखंड के आदिवासियों व दलितों में क्षमता है और इस समाज के लोगों को भी आगे बढऩे का हक है. सरकार पूरी मदद को तैयार है. सीएम सीआइआइ (भारतीय उद्योग परिसंघ) द्वारा आयोजित दूसरे ट्राइबल डेवलपमेंट मीट को संबोधित कर रहे थे.
यूपीएससी फाइनल की तैयारी करनेवाले एसटी स्टूडेंट को एक लाख रुपये मिलेंगे
सीएम ने कहा कि आज आदिवासियों को जल, जंगल और जमीन के नाम पर गुमराह किया जा रहा है. नेता डरा रहे हैं कि सरकार जमीन छीन लेगी लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं है. उन्होंने समुदाय के लोगों से भी सोच बदलने को कहा और भ्रष्ट लोगों के खिलाफ मुखर होने की बात की. ऐसे समुदाय के लोग भी भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाएं, चिकित्सक बनें, इंजीनियर बनें, जो चाहे बनें.जो आदिवासी युवा यूपीएससी फाइनल की तैयारी करना चाहते हैं सरकार उन्हें एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी. उद्योग लगाने वाले युवाओं को 50 फीसद रियायती दर जमीन सरकार देगी. शेष राशि 5 साल में 10 किस्तों में उन्हें चुकानी होगी, जिसपर कोई ब्याज सरकार नहीं लेगी. इन समुदायों के कल्याण के लिए सरकार आदिवासी वित्त निगम, पिछड़ा वित्त निगम, अल्पसंख्यक वित्त निगम और अनुसूचित वित्त निगम को 5-5 करोड़ रुपये देगी. उन्होंने ऐसे कार्यक्रम जिला और प्रखंडों में कराने पर जोर दिया.
[caption id="attachment_34993" align="alignnone" width="300"]

संबोधित करते सीएम.[/caption]
सीएम ने कहा कि दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स और आदिवासी इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स प्रदेश के 17 पिछड़े जिलों में से छह आकांक्षी जिलों में काम करे. वहां के आदिवासी, दलित, अनुसूचित और अल्पसंख्यक युवाओं को रोजगार प्रदान करना सरकार का ध्येय है. युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार हेतु प्रोत्साहित कर विकसित समाज की श्रेणी में लाना है.
उन्होंने युवाओं से अपील किया कि झारखंड की दशा और दिशा बदलना हम सबका परम लक्ष्य होना चाहिए. आदिवासी, दलित, अनुसूचित और अल्पसंख्यक युवा आप अपनी सोच को बदलें. दशकों तक आपको भ्रम में रखा गया। उस धुंध रूपी भ्रम को अब हटाने की जरूरत है.
स्टार्टअप और स्टैंडअप से जुड़े, टीम भावना से करें काम
सीएम ने कहा कि आदिवासी, दलित, अनुसूचित और अल्पसंख्यक समुदाय के युवा स्टार्टअप और स्टैंडअप से जुड़े. छोटी कंपनियां बनाएं और आगे आयें. आइटी का क्षेत्र को भी अपना सकते हैं. बैंक की जो मनोवृत्ति है उसमें बदलाव भी लाना होगा। छोटे उद्यमियों को भी लोन मिले यह सुनिश्चित करना है.
उन्होंने कहा कि भू संपदा, सीधे-सादे लोग (मानव संसाधन), 40 फीसद खनिज झारखंड की पहचान हैं. यहां संसाधन की कोई कमी नहीं, कोई कारण नहीं कि राज्य गरीब रहे. बस इन सब में समन्वय स्थापित कर कार्य करने की जरूरत है. रघुवर दास ने कहा कि वे कुर्सी को सुशोभित करने के लिए नहीं झारखंड को बदलने के लिए सीएम बने हैं. इसके लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं. आदिवासी बच्चियों का पलायन रोकना है. सबको प्रशिक्षित करके रोजगार से जोडऩा उद्देश्य है. गांवों में प्रतिभा की कमी नहीं है. मोदीजी का सपना है सबका साथ और सबका विकास हो. इसके लिए मेरा क्या, हमको क्या जैसी मनोवृत्ति से दूर भागना होगा. समाज के लोग भी अपने-अपने इलाके के लोगों की टीम बनाकर उन्हें आगे बढ़ाये.
मौके पर पद्मश्री दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन मिलिंद काम्बले, उद्योग सचिव के. रवि कुमार, ट्राइबल इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रेसिडेंट प्रेसिडेंट खेलाराम मुर्मू, सीआइआइ संजय सभरवाल आदि मौजूद थे.