झारखंड: JPSC की फस्ट व सेकेंड एग्जाम की उत्तर पुस्तिकाओं की दुबारा जांच होगी, सुप्रीम कोर्ट ने चार माह का टाइम दिये

रांची: सुप्रीम कोर्ट में जेपीएससी द्वारा ली गई परीक्षाओं की जांच के मामले में सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने सीलबंद लिफाफे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है. रिपोर्ट में सीबीआइ की ओर से कहा गया कि जेपीएससी फस्ट व सेकेड एग्जाम की उत्तर पुस्तिकाओं की दोबारा जांच की जायेगी. दुबारा जांच में समय लगेगा. जस्टिस दीपक गुप्ता व जस्टिस अनिरुद्ध बोस की बेंच ने सीबीआइ को चार माह का समय दिया है. उल्लेखनीय है कि जेपीएससी फस्ट व सेकेंड एग्जाम में सफल अभ्यर्थियों के अंक में छेड़छाड़ का आरोप लगा है जिसकी सीबीआइ जांच चल रही है. सुप्राीम कोर्ट ने ने 22 जुलाई को सुनवाई के दौरान सीबीआइ से जांच की अद्यतन रिपोर्ट मांगी थी. सीबीआइ ने बारह मामलों में से सात मामलों में प्रारंभिक जांच की जिसमें कुछ गड़बड़ी नहीं मिलने के बाद उसकी जांच बंद कर दी है. 2010-11 में हुई एग्जाम की सीबीआइ जांच के लिए राज्य सरकार से अभियोजन की स्वीकृति मांगी है.कोर्ट ने चार सप्ताह में इस मामले में निर्णय लेने का निर्देश दिया है. स्टेट गर्वमेंट की ओर से एडवोकेट तपेश कुमार सिंह ने पक्ष रखा. फ्लैश बैक झारखंड हाई कोर्ट ने 12 जून 2012 को जेपीएससी द्वारा ली गई 12 परीक्षाओं में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए सीबीआइ जांच का आदेश दिया था. कोर्ट ने जेपीएससी की द्वितीय परीक्षा से नियुक्ति हुए अधिकारियों को काम करने से रोकते हुए उनके वेतन पर रोक लगा दी थी. हाइकोर्ट के आदेश के बाद सभी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2014 को हाई कोर्ट के सीबीआइ जांच के आदेश को निरस्त कर दिया.इसके बाद प्रार्थी बुद्धदेव उरांव की ओर से पुनर्विचार याचिका दाखिल कर कहा गया कि हाईकोर्ट ने 12 परीक्षाओं की सीबीआइ जांच का आदेश दिया है. सिर्फ जेपीएससी द्वितीय की याचिका पर सुनवाई कर आदेश पारित नहीं किया जा सकता है जबकि सीबीआइ की ओर से इस मामले में पांच चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 27 जनवरी 2017 को इस मामले में सीबीआइ जांच को फिर से बहाल कर दिया.