illegal mining case: बिरसा मुंडा जेल सुपरिटेंडेट, बरहरवा केस के IO, पंकज के करीबी सूरज व चंदन को ED का समन

झारखंड में इलिगल माइनिंग में मनी लॉड्रिंग की जांच कर ईडी ने बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के सुपरिटेंडेंट हामिद अख्तर बरहरवा टोल प्लाजा केस के आइओ ASI शरफुद्दीन खान समन जारी किया है। दोनों को पांच दिसंबर को ईडी के ऑफिस पेश होने को कहा गया है।

illegal mining case: बिरसा मुंडा जेल सुपरिटेंडेट, बरहरवा केस के IO, पंकज के करीबी सूरज व चंदन को ED का समन

रांची। झारखंड में इलिगल माइनिंग में मनी लॉड्रिंग की जांच कर ईडी ने बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के सुपरिटेंडेंट हामिद अख्तर बरहरवा टोल प्लाजा केस के आइओ ASI शरफुद्दीन खान समन जारी किया है। दोनों को पांच दिसंबर को ईडी के ऑफिस पेश होने को कहा गया है।

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ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के ड्राइवर सूरज पंडित और चंदन को भी तलब किया है। दोनों को क्रमश: छह और सात दिसंबर को पेश होने को कहा गया है।  ईडी दोनों से ज्यूडिशियल कस्टडी के दौरान कुछ विचाराधीन कैदियों द्वारा इलिगल स्टोन माइनिंग मामले के अलावा सत्ता के कथित दुरुपयोग के बारे में पूछताछ करना चाहती है।

ASI को देना है इन सवालों का जवाब

ईडी को एएसआइ को ईडी के कई प्रश्नों का उत्तर देना होगा। उन्हें यह बताना होगा कि टेंडर से हटने के लिए शिकायतकर्ता शंभूनंदन कुमार को धमकाने वालों के फोन की जांच के लिए उन्होंने क्या कदम उठाया। जब फोन पर धमकाया गया तो उस रिकार्डिंग की आवाज का मिलान के लिए उन्होंने क्या किया और उक्त आवाज की जांच के लिए फोरेंसिक लैब का सहारा क्यों नहीं लिया गया?

12 जून को शंभूनंदन के बयान पर दर्ज हुई थी एफआइआर
बड़हरवा पुलिस स्टेशन में 12 जून 2020 को पाकुड़ के हरिणडंगा बाजार निवासी शंभूनंदन कुमार के बयान पर एफआइआर दर्ज की गई थी। इसमें तपन सिंह, दिलीप साह, इश्तखार आलम, सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, मिनिस्टर आलमगीर आलम, तेजस भगत, कुंदन गुप्ता, धनंजय घोष, राजीव रंजन शर्मा, निताई, टिंकू रज्जाक अंसारी व अन्य अज्ञात आरोपित बने थे। इसमें आरोपितों पर मारपीट का आरोप लगा था। छानबीन में पंकज मिश्रा व आलमगीर आलम के विरुद्ध साक्ष्य नहीं मिला, जिन्हें निर्दोष पाते हुए अन्य आठ आरोपितों के विरुद्ध 30 नवंबर 2020 को चार्जशीट दाखिल किया गया था।

पंकज मिश्रा को कैसे क्लीन चिट दी गई, इसकी जांच कर सकती है ईडी
ईडी बरहरवा टोल प्लाजा केस में पुलिस पंकज मिश्रा को कैसे क्लीन चिट दे दी, इसकी गहराई से जांच करना चाहती है. ईडी ने पहले केस के आिओ शरफुद्दीन खान का बयान दर्ज किया था। वह ईडी के गवाहों में से एक है। ईडी ने मामले के आईओ  को ऐसे समय में बुलाया है, जब एजेंसी को संदेह था कि साहिबगंज पुलिस एफआईआर को कमजोर कर पंकज मिश्रा और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच को खराब करने की कोशिश कर रही है, जिसे ईडी ने जांच के लिए लिया था। ईडी ने शुरु की है इलिगल स्टोन माइनिंगकी जांच  
ईडी ने 22 जून, 2020 को साहिबगंज जिले के बरहरवा पुलिस स्टेशन में बिजनसमैन शंभू नंदन प्रसाद द्वारा दर्ज मामले (एफआईआर 85/2020) के बाद इलिगल स्टोन माइनिंग की जांच शुरू की है। इस मामले में पंकज मिश्रा, मिनिस्टर आलमगीर आलम व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

शंभू नंदन प्रसाद ने कहा था कि उन्हें पंकज मिश्रा और मिनिस्टर ने फोन पर धमकी दी थी। बरहरवा टोल के टेंडर में हिस्सा नहीं लेने को कहा था। मना करने पर पंकज मिश्रा के कहने पर भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। ईडी द्वारा इस मामले को हाथ में लेने से महीनों पहले साहिबगंज पुलिस ने चार्जशीट दायर की।डिजिटल और अन्य सबूतों के बावजूद पंकज मिश्रा और मंत्री को क्लीन चिट दे दी। हालांकि, शिकायतकर्ता ने कहा कि उसे क्लीन चिट के बारे में बाद में पता चला. पुलिस ने उसे अंधेरे में रखा, इसलिए वह उपलब्ध कानूनी उपायों का सहारा नहीं ले सका। जांच के दौरान ईडी ने साहिबगंज पुलिस से पूछताछ की। ईडी को बताया गया कि किस आधार पर पंकज मिश्रा को क्लीन चिट दी गई थी।