रांची: हाई कोर्ट ने बीसीसीएल के Ex CMD AK Singh की याचिका खारिज की, अब होगी नये सीएमडी की एप्वाइंटमेंट

रांची: झारखंड हाईकोर्ट की जबल बेंच ने बीसीसीएल के एक्स सीएमडी अजय कुमार सिंह की याचिका खारिज कर दी है. एक्स सीएमडी की ओर से याचिका दिखल कर कहा गया था कि सेंट्रल गर्वमेंट ने उन्हें सीएम से हटाकर जीएम बना दिया है. गर्वमेंट ने उनका पक्ष नहीं सुना और एकतरफा फैसला कर डिमोट कर जीए म बना दिया जो न्यायसंगत नहीं है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस व रत्नाकर भेंगरा की बेंच ने सेंट्रल गर्वमेंट के फैसले को सही ठहराया है. कोर्ट ने एक्स सीएमडी अजय कुमार सिंह की याचिका खारिज कर दी. बताया जाता है कि हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ एक्स सीएमडी अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है. हाइकोर्ट के फैसले के बाद बीसीसीएल में नये सीएमडी की एप्वाइंटमेंट का रास्ता साफ हो गया है. कई माह से बीसीसीएल सीएमडी का पोस्ट प्रभार में चल रहा है. पहले सीसीएल के सीएमडी और अभी सीएमपीआइएल के सीएमडी को बीसीसीएल सीएमडी का एडीशन चार्ज मिला है. बीसीसीएल के सीएमडी रहे अजय कुमार सिंह को ईसीएल के फोर क्लोजर से संबंधित एक मामले में डिमोट किया गया था. पिछले साल सीएमडी से हटाकर अजय कुमार सिंह को ईसीएल में जीएम बना दिया गया था. ईसीएल में रहने के दौरान अजय कुमार सिंह पर गड़बड़ी के आरोप थे. विजीलेंस की रिपोर्ट पर एक्स सीएमडी पर कार्रवाई की गयी थी.एक्स सीएमडी ने खुद को डिमोट कर जीएम बनाये जाने के फैसले को हाइकोर्ट की सिंगल बेंच में चुनौती दी थी. सिंगल बेंच ने सेंट्रल गर्वमेंट के फैसले को सही ठहराते हुए एक्स सीएमडी की याचिका खारिज कर दी थी. एक्स सीएमडी फिर डबल बेंच में अपील की थी. पीएम प्रसाद का हो चुका है बीसीसीएल सीएमडी के लिए सलेक्शन पब्लिक इंटरप्राइजेज सेलेक्शन बोर्ड ने इंटरव्यू के बाद दो अप्रैल को कोल इंडिया की नॉदर्न कोल फील्ड लिमिटेड के डीटी (प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग) पोलावरापु मल्लिकार्जुन प्रसाद का बीसीसीएल सीएमडी के लिए सलेक्शन कर चुका है. श्री प्रसाद ने 1984 में उस्मानिया विवि से बीई (माइनिंग) ग्रेजुएशन करने के बाद वर्ष 1984 के अगस्त में सीआइएल में ज्वाइन किया था. श्री प्रसाद को फायर एरिया में काम करने का भी अनुभव है. श्री प्रसाद ने साल 1994-95 में डब्ल्यूसीएल की डीआरी माइंस को तालू कराने में अबम भूमिका निभायी थी. कोयला सचिव और सीआइएल अध्यक्ष ने इस उत्कृष्ट कार्य के लिए वर्ष 1995 में डब्ल्यूसीएल में उन्हें से श्रेष्ठ खान प्रबंधन प्रमाण-पत्र दिया था.