झारखंड:ट्रांसफर के बाद भी IPS अनुराग गुप्ता दो साल तक बने रहे जेएसईबी में आइजी विजिलेंस

रांची। झारखंड पुलिस के सस्पेंड एडीजी 1990 बैच के आइपीएस अफसर अनुराग गुप्ता के एक और नये कारनामे का खुलासा हुआ है। राज्यसभा चुनाव में पार्टी विशेष के लिए काम करने के आरोप में घिरे श्री गुप्ता पर एक सनसनीखोज आरोप लगा है। आरोप है कि ट्रांसफर होने के बावजूद तत्कालीन झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड (जेएसईबी) में लगभग दो साल तक आइजी विजीलेंस के पोस्ट पर रहकर कई कई महत्वपूर्ण व विवादास्पद काम का डिस्पोजल किये। उन्होंने बिजली बोर्ड में निजी कंपनियों के टेंडर में अपने पद का दुरुपयोग किया। श्री गुप्ता की इस कारनामे की रिपोर्ट गवर्नमेंट तक पहुंची है। गवर्नमेंट ने झारखंड राज्य ऊर्जा विकास निगम को पूरे मामले में जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। इस प्रकरण पर आइपीएस अफसर अनुराग गुप्ता से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। यह भी पढ़ें:सीआइडी एडीजी अनुराग गुप्ता सस्पेंड,राज्यसभा चुनाव 2016 में लगा था गड़बड़ी का आरोप सूत्रों का कहना है कि आइपीएस अफसर अनुराग गुप्ता को वर्ष 2011 की 21 जुलाई को जेएसईबी में आइजी विजिलेंस के पोस्ट पर पोस्टिंग की गयी थी। गवर्नमेंट ने वर्ष 2013 की 20 जुलाई को उनका ट्रांसफर आइजी प्रोविजन के पोस्ट पर किया था। हाल ही में एक कथित पत्र ने यह सनसनी फैला दी है कि ट्रांसफर होने के बावजूद अनुराग गुप्ता ने 2015 को जेएसईबी में आइजी विजिलेंस के हैसियत से पत्र जारी किया था। अब झारखंड राज्य ऊर्जा निगम की जांच रिपोर्ट के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट होगी। यह भी पढ़ें:होमगार्ड डीजी एमवी राव करेंगे निलंबित एडीजी अनुराग गुप्ता पर विभागीय कार्रवाई का संचालन बेड़ो डीएसपी ने कैसे किया जगन्नाथपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज केस का सुपरविजन राज्यसभा चुनाव के दौरान पार्टी विशेष के लिए काम करने के आरोपित आइपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता के खिलाफ रांची के जगन्नाथपुर पुलिसस्टेशन में दर्ज मामले में प्रशासनिक घेरा कसता जा रहा है। जांच में आरोपितों को बचाने में जो-जो अफसर शामिल रहे हैं, उनका भी तय माना जा रहा है।अब एक नई सूचना आई है कि जगन्नाथपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज उक्त कांड के सुपरविजन की जिम्मेदारी बेड़ो के डीएसपी को दी गई थी। जगन्नाथपुर पुलिस स्टेशन हटिया के डीएसपी (वर्तमान में एएसपी हटिया) के अधीन आता है। अब इस कांड का सुपरविजन करने वाले बेड़ो के डीएसपी पर भी कार्रवाई की गाज गिरेगी। गवनर्मेंट आदेश पर पूरे प्रकरण की जांच चल रही है।मामले में उठाये गये सभी बिंदुओं की तह खंगाली जा रही है। यह भी पढ़ें: इलेक्शन कमीशन ने एडीजी स्पेशल ब्रांच अनुराग गुप्ता की चुनाव तक स्टेट में नो इंट्री , दिल्ली में झारखंड के रेसिडेंट कमीशनर के अधीन रहेंगे, लीव भी नहीं मिलेगी मनोज रतन चोथे जैसे विवादास्पद अफसरों को संरक्षण उल्लेखनीय है कि एडीजी अनुराग गुप्ता को राज्यसभा चुनाव में पार्टी विशेष के पक्ष में काम करने के आरोप में सस्पेंड किया जा चुका है। श्री गुप्ता के सस्पेंड होने से उनके खासमखास रहे आइपीएस व डीएसपी लेवल के अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है। आरोप है कि बीजेपी की सरकार में एडीजी अनुराग गुप्ता की तूती बोलती थी। भले ही वह एडीजी स्पेशल ब्रांच थे लेकिन पुलिस डिपार्टमेंट के हर फैसले विशेषकर ट्रांसफर व पोस्टिंग में उनकी अप्रत्यक्ष व प्रत्यक्ष रुप से हस्तक्षेप रहता था। श्री गुप्ता की टीम के अफसरों पर शिकायत के बावजूद कोई एक्शन नहीं होता था। आरोप है कि धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर, रामगढ़ समेत क्रीम जिलों में आइपीएस अफसर पर श्री गुप्ता की विशेष नजर रहती थी। श्री गुप्ता की टीम कारण ही धनबाद के एसएसपी रहे मनोज रतन चोथे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। चोथे को अनुराग गुप्ता की टीम का खासमखास माना जाता है। चोथे के कार्यकाल में धनबाद में क्राइम का ग्राफ बढ़ा। कई बड़ी मर्डर की घटनाएं हुई। रिकार्ड कोयला चोरी व इलिगल माइनिंग होता रहा। सीआइडी की रिपोर्ट के बावजूद चोथे ने इलिगल कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। स्पेशल ब्रांच ने कभी श्री चोथे के खिलाफ रिपोर्टिंग नहीं की। धनबाद एसएसपी रहे चौथे पर केस दर्ज करने के एवज में एक बड़े कारोबारी ने लाखों रुपये घूस लेने का आरोप लगाया था। कारोबारी ने पीएमओ व सीएमओ तक भी कंपलेन की। चौथे के कार्यकाल में धनबाद में इलिगल कोल कारोबारी की सीआइडी जांच हुई। संयोग से श्री चौथे की पोस्टिंग सीआइडी में हो गयी। बाद में सीआइडी के एडीजी भी अनुराग गुप्ता बन गये। चोथे का बाल भी बांका नहीं हो सका। सीआइडी में रहकर वह अपने अनुसार सभी कागजी कार्रवाई करवा लिये। यह भी पढ़ें:रांची: स्पेशल ब्रांच के एडीजी अनुराग गुप्ता हटाये गये, इलेक्शन कमीशन ने की कार्रवाई एडीजी स्पेशल ब्रांच में रहने के दौरान अनुराग गुप्ता डिपार्टमेंट पर हावी रहे थे। लोकसभा चुनाव 2019 में चुनाव आयोग ने श्री गुप्ता को एडीजी स्पेशल ब्रांच से हटाकर दिल्ली भेज दिया था। चुनाव के बाद झारखंड लौटने पर उन्हें एडीजी सीआइडी बनाया गया था। विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग की कार्रवाई से बचने के लिए वह छुट्टी पर चले गये थे। विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार व जेएमएम कांग्रेस की सरकार बनने के बाद श्री गुप्ता की कारगुजारियों की कंपलेन पहुंचने लगी थी। पुलिस महकमा में श्री गुप्ता की तूती बोलती थी। उनकी मरजी के बगैर कोई अफसर स्थिर नहीं रह पाते थे। स्पेशल ब्रांच के माध्यम से पुलिस हेडक्वार्टर व गवनर्मेंट तक रिपोर्ट भेज दी जाती थी। चोथे के खिलाफ पीआइएल की तैयारी धनबाद के एसएसपी रहे आइपीएस अफसर मनोज रतन चोथे के खिलाफ हाईकोर्ट में पीआइएल की तैयारी की जा रही है। धनबाद की एक संस्था ने अवैध कारोबार को संरक्षण देने, केस दर्ज करने में घूस लेने की लिखित कंपलेन के बाद कार्रवाई नहीं होने व उनकी संपत्ति की जांच की मांग को लेकर कोर्ट की शरण में जाने का मन बनाया है। सीएम हेमंत सोरेन को भी सभी आरोपों के साथ लिखित कंपलेन की जायेगी।