लोगों का का आरोप, इलाज ठीक से नहीं हो रहा है, रोज बच्चे मर रहे हैं, नीतीश अब क्यों जागे हैं, वापस जायें
मुजफ्फरपुर: सीएम नीतीश कुमार ने मंगलवार को एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रॉम) से बच्चों की लगातार हो रही मौत के एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर पहुंच स्थिति का जायजा लिया. सीएम ने एसकेसीएमसीएच में एडमिट एईएस पीडि़त बच्चों का हाल देखा,उनके परिजनों से बात की. सीएम ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि एसकेएमसीएच को ढाई हजार बेड की क्षमता वाला अस्पताल बनाया जाये. वहां अभी पांच पीआइसीयू में एईएस पीडि़त बच्चों का इलाज हो रहा है. यहां अलग से 100 बेड की पीआइसीयू को अगले वर्ष तक तैयार करने को कहा. सीएम ने इसके अलावा बीमारी के कारणों तक पहुंचने के लिए रिसर्च के साथ सामाजिक सर्वे कराने व इस क्षेत्र की जलवायु का भी विशेष अध्ययन को जरूरी बताया है.
सीएम के हॉस्पीटल पहुंचने पर जमकर विरोध भी हुआ. सीएम लगातार हो रही इस बीमारी से मौतों के 18 दिन बाद जायजा लेने पहुंचे थे. नीतीश के दौरे के दौरान हॉस्पीटल के बाहर लोगों ने जमकर विरोध किया और नीतीश वापस जाओ के नारे लगाये. बच्चों की मौत से गुस्साये परिजन नीतीश मुर्दाबाद और हाय-हाय के नारे लगाते रहे.
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पीडि़त परिजन लगा रहे थे नीतीश मुर्दाबाद के नारे.[/caption]
हॉस्पीटल के बाहर खड़े लोगों का कहना था इलाज ठीक से नहीं हो रहा है, रोज बच्चे मर रहे हैं. नीतीश अब क्यों जागे हैं, उन्हें वापस चले जाना चाहिए. अस्पताल के बाहर लोग सीएम से सवाल पूछने के लिए आतुर थे लेकिन नीतीश कुमार ने अस्पताल में मरीजों का हाल जानने के बाद किसी से कोई बात नहीं की और सीधा पटना के लिए रवाना हो गये. अस्पताल के भीतर सीएम ने AES से पीड़ित बच्चों के परिजनों का भी हालचाल जाना. सीएम नीतीश कुमार के साथ डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी भी थे. चमकी बुखार से अबतक 150 बच्चों की मौत हो गयी है. अस्पतालों में भर्ती बीमार बच्चों की संख्या बढ़कर 414 हो गयी है. बच्चों की मौतों के इस सिलसिले के 17 दिन बाद हीसीएम नीतीश कुमार बीमारी और इससे हो रही मौत के हालात का जायजा लेने मुजफ्फरपुर पहुंचे थे.
SKMCH 2500 बेड का होगा,PICU अगले वर्ष तक 100 बेड की होगी: नीतीश
सीएम ने यहां पांचों पीआइसीयू में भर्ती बच्चों के परिजनों से बात की. सीएम ने आश्वस्त किया कि इलाज में किसी तरह की कोताही नहीं होगी. जायजा लेने के बाद सीएम स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों, अस्पताल अधीक्षक,प्राचार्य एवं चिकित्सकों से सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श करते हुए उन्होंने बेहतर चिकित्सा के दिशा-निर्देश दिये. सीएम को कई परिजनों ने मुख्यमंत्री को बताया कि भूख नहीं लगने के कारण बच्चा रात में बिना खाए सो गया. सुबह में उसकी तबीयत खराब हो गयी. सीएम ने कहा कि इस बिंदु से भी हमें देखना होगा, कि कहीं दिन में हीबच्चों की ऐसी स्थिति तो नहीं हो गई थी, जिसके कारण रात में भूख महसूस नहीं हुई. उन्होंने कहा कि चमकी बुखार से प्रभावित पूरे क्षेत्र का 'एनवायरमेंटल स्टडी' कराकर विश्लेषण करना होगा, ताकि, बीमारी से बचाव केलिए प्राकृतिक व तकनीकी तौर पर क्या किया जा सकता है गर्मी में अक्सर मच्छर गायब हो जाते हैं. मगर, अधिक तापमान, गंदगी, और नमी के कारण अगर प्रभावित इलाकों में मच्छर पाए जाते हैं तो उसका भी उपाय करना होगा.
नीतीश ने कहा कि प्रभावित परिवारों के सामाजिक-आर्थिक अध्ययन के साथ-साथ साफ-सफाई के लिहाज से उनके घरों के वातावरण का भी आकलन करना होगा. पेयजल कहीं गुणवत्ता प्रभावित तो नहीं है। उसकी भीमॉनीटरिंग कराई जाये. सीएम ने अफसरों को निर्देश दिया कि एक भी कच्चा घर नहीं रहे. इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मुख्यमंत्री आवास योजना से पक्का मकान बनाए जाने हैं, उस पर भी ध्यान दें.
एसकेएमसीएच का जीर्णोद्धार जरूरी
सीएम ने निर्देश दिया कि फस्ट फेज में एसकेएमसीएच में डेढ़ हजार बेड की व्यवस्था करें. एसकेएमसीएच को ढाई हजार बेड का अस्पताल बनाना है. वर्तमान में यहां छह सौ बेड हैं. सीएम ने यहां एक धर्मशाला का भीनिर्माण कराने को कहा,ताकि, मरीजों के साथ आने वाले परिजनों को आवासन की परेशानी नहीं हो. इससे अस्पताल के अंदर अनावश्यक मूवमेंट पर भी रोक लगेगी. सीएम ने 50 वर्ष पुराने एसकेएमसीएच के जीर्णोद्धार काभी निर्देश दिया. दो साल में ये सारे काम दो साल में पूरा करने को कहा.
सीएम ने ने कहा कि जागरूकता अभियान के साथ-साथ और क्या करने की आवश्यकता है, इस पर विचार करें. सभी बिंदुओं पर गौर करते हुए आगे की कार्रवाई करें. यह देखें कि पीडि़त और मृत बच्चों में लड़के एवंलड़कियों का क्या अनुपात है. उन्होंने कहा कि लोगों को कन्या उत्थान योजना से भी एक-एक परिवार को अवगत कराना होगा. उन्होंने कहा कि एसकेएमसीएच में 24 घंटे चिकित्सक उपलब्ध हों, इसके लिए अतिरिक्त चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित होनी चाहिए. अस्पताल अधीक्षक को प्रतिदिन की स्थिति के बारे में अस्पताल में मीडिया ब्रीफिंग का समय निर्धारित करने को कहा.
सीएम के साथ डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, नगरविकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा, एमलएसी देवेश चंद्र ठाकुर, चीफ सेकरेटरी दीपक कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार, प्रमंडलीय आयुक्त नर्मदेश्वर लाल,डीएम आलोक रंजन घोष समेत अन्य अफसर मौजूद थे.
बच्चों की मौत नहीं हत्या: राबड़ी
राबड़ी देवी ने ट्वीट कर कहा है कि एनडीए सरकार की घोर लापरवाही, कुव्यवस्था, सीएम का महामारी को लेकर अनुत्तरदायी, असंवेदनशील और अमानवीय अप्रोच. लचर और भ्रष्ट व्यवस्था, स्वास्थ्य मंत्री के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार और भ्रष्ट आचरण के कारण गरीबों के 1000 से ज्यादा मासूम बच्चों की चमकी बुखार के बहाने हत्या की गई है.