एसीबी ने दुमका में महिला एएसआइ को चार हजार रुपये घूस लेते दबोचा, फंसे राजनगर थाना के पूर्व थानेदार

दुमका। एसीबी टीम ने शुक्रवार दुमका में घूसखोर महिला एएसआइ कल्याणी साहा को चार हजार रुपये घूस लेते को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। एएसआइ एक लापता युवक के परिजन से तीन हजार रूपये ले रही थी। जामताड़ा नारायणपुर निवासी सिमोन सोरेन ने दुमका एसीबी को एएसआइ के खिलाफ भयादोहन करने का कंपलेन किया था। सिमोन ने कहा था कि दुमका में पढ़ाई कर रहा उनका पुत्र मनोज सोरेन 12 फ़रवरी से लापता चल रहा था। काफी खोजबीन के बाद भी जब वह नहीं मिला तो उसकी गुमसुदगी की सूचना टाउन पुलिस स्टेशन दुमका को दी गई। आठ मार्च को टाउन पुलिस स्टेशन के एएसआइ कल्याणी साहा द्वारा उन्हें बुलाया गया। एएसआइ ने उन्होंने उन्हें धमकाते हुए कहा किआपका लड़का जामताड़ा चला गया है। आप अपने लड़के को छिपा कर रखे हुए है। मैं केस कर तुम्हें जेल भेज दूंगी। सिमोन ने कहा कि मैं जामताड़ा नहीं गया हूँ। इस कारण मेरे बेटे का वहां होने की खबर मुझे नहीं है। और यदि मेरा बेटा जामताड़ा में है तो मुझें केश नहीं करना। इस पर एएसआइ कल्याणी साहा द्वारा उन्हें काफी धमकाया गया।एएसआइ द्वारा उनसे एक हजार रुपया ले लिया गया। मामले को रफादफा करने को लेकर उनसे तीनहजार रूपये बतौर घूस की मांग की गई। एसीबी ने मामले की वेरीफिकेशन में महिला एएसआइ के खिलाफ आरोप को सहा पाया। एसीबी में एसआइ के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गयी। एसीबी टीम लेडी एएसआइ को घूस लेते को रंगे हाथ अरेस्ट कर ली। सरायकेला राजनगर पुलिस स्टेशन के एक्स इंचार्ज घूस मांगने मामले में फंसे सरायकेला-खरसावां जिले के राजनगर थाने के पूर्व थानेदार वेदानंद झा रिश्वत मांगने के आरोप में फंस गये. वेदानंद झा की बातचीत के ऑडियो की फॉरेंसिक जांच में पुष्टि हुई है। इसके बाद लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय ने गृह विभाग से कार्रवाई की अनुशंसा की है। उन्होंने की गई कार्रवाई से तीन माह के भीतर लोकायुक्त कार्यालय को अवगत कराने का निर्देश भी दिया है। पूर्व थानेदार वेदानंद झा पर बालू उठाव के नाम पर रिश्वत मांगने का आरोप सही पाया गया। लोकायुक्त ने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को केंद्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (सीएसएफएल) चंडीगढ़ की जांच रिपोर्ट भी भेजने का निर्देश दिया है। लोकायुक्त को कंपलेन मिली थी कि बालू उठाव के लिए थानेदार घूस मांग रहे हैं। घूस के लिए की गई बातचीत की ऑडियो सीडी भी लोकायुक्त कार्यालय को सौंपी गई थी।इसकी जांच सीएसएफएल चंडीगढ़ से कराई गई थी। जांच में बातचीत की पुष्टि हो गई थी।