नई दिल्ली: बिहार चुनाव में कांग्रेस में हार पर तकरार, असंतुष्ट नेताओं पर एक्शन शुरु, एक्स एमपी फुरकान अंसारी को शो कॉज

बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार को लेकर कांग्रेस के में घमासान तेज हो गया है। पार्टी के सीनीयर लीडर अलाकमान को भी निशाना बना रहे हैं। पार्टी के अंसतुष्ट नेताओं ने हार को आधार बनाकर लीडरशीप पर निशाना साध रहे हैं। अलाकमान ने अब सख्ती शुरु कर दी है। एक्स कांग्रेस प्रसिडेंट राहुल गांधी पर सवाल उठाने वाले गोड्डा के एक्स एमपी  फुरकान अंसारी को शोक कॉज कर कर जवाब मांगा गया है।

नई दिल्ली: बिहार चुनाव में कांग्रेस में हार पर तकरार, असंतुष्ट नेताओं पर एक्शन शुरु, एक्स एमपी फुरकान अंसारी को शो कॉज

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार को लेकर कांग्रेस के में घमासान तेज हो गया है। पार्टी के सीनीयर लीडर अलाकमान को भी निशाना बना रहे हैं। पार्टी के अंसतुष्ट नेताओं ने हार को आधार बनाकर लीडरशीप पर निशाना साध रहे हैं। अलाकमान ने अब सख्ती शुरु कर दी है। एक्स कांग्रेस प्रसिडेंट राहुल गांधी पर सवाल उठाने वाले गोड्डा के एक्स एमपी  फुरकान अंसारी को शोक कॉज कर कर जवाब मांगा गया है।

झारखंड कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा कि फुरकान अंसारी को सात दिन के अंदर शोक कॉज का जबाव  देने के लिए शो कॉज  को एक नजीर के तौर पर देख रहे हैं। कहा जा रहा है कि दूसरे नेताओं को भी नोटिस देने का रास्ता खुल जायेगा।कांग्रेस का बड़ा तबका पहले से ही पार्टी प्रसिडेंट सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 असंतुष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता रहा है। इस पत्र के बाद हुई सीडब्लूसी की बैठक में भी यह मांग उठी थी।  पर उस समय पार्टी प्रसिडेंट ने पुरानी बातों को भुलाकर आगे बढने की नसीहत दी थी। हलांकि अब परिस्थिति बदली हुई है। ऐसे में कांग्रेस अब एक्शन लेने की तैयारी कर रही है।

पार्टी के एक सीनीयर लीडर कहा है कि अनुशासन के नियम सभी के लिए समान हैं। फुरकान अंसारी को कारण बताओं नोटिस जारी करने के बाद दूसरे नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग उठेगी। पार्टी ने अभी तक किसी असंतुष्ट नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। अंसारी को नोटिस के बाद ऐसा हो सकता है। एक्स सेंट्रल मिनिस्टर कपिल सिब्बल द्वारा बिहार में हार के लिए लीडरशीप पर सवाल उठाया गया है।राजस्थान के सीएम अशोक गहलौत व लोकसभा में संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि हार पर सवाल पूछने वाले नेता चुनाव प्रचार में क्यों नहीं गये थे। उन्हें भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए थी।