स्वरोजगार के जरिये महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर, महिलाओं के माध्यम से राज्य की तस्वीर बदलेंगे : सीएम

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में महिलाओं को स्वरोजगार के जरिये आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। जेएसएलपीएस व अन्य विभागों की विभिन्न योजनाओं के जरिये लाखों महिलाओं को स्वरोजगार दिया जा रहा है। वर्तमान समय महिलाओं के आगे बढ़ने का बेहतर वक्त है। महिलाएं आगे आएं। हर माध्यम से महिलाओं को प्रोत्साहन देना सरकार की प्राथमिकताओं में है। 

स्वरोजगार के जरिये महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर, महिलाओं के माध्यम से राज्य की तस्वीर बदलेंगे : सीएम
  • सीएम हेमंत सोरेन ने भुईफोंड़ में वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर का किया ऑनलाइन उद्घाटन

धनबाद। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में महिलाओं को स्वरोजगार के जरिये आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। जेएसएलपीएस व अन्य विभागों की विभिन्न योजनाओं के जरिये लाखों महिलाओं को स्वरोजगार दिया जा रहा है। वर्तमान समय महिलाओं के आगे बढ़ने का बेहतर वक्त है। महिलाएं आगे आएं। हर माध्यम से महिलाओं को प्रोत्साहन देना सरकार की प्राथमिकताओं में है। 

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सीएम अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मंगलवार को धनबाद के भूईंफोड़ मंदिर के सामने गोसाईंडीह साबलपुर रोड में निर्मित वोकेशनल स्किल्स ट्रेनिंग सेंटर का ऑनलाइन उद्घाटन कर अपना संबोधन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार हर महिला के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को संकल्पित है। मेरा मानना है कि महिलाओं को समान अधिकार मिलना चाहिए। हम महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, लेकिन झारखंड के परिपेक्ष्य में बात करें तो कई क्षेत्रों में महिलाओं को आगे लाने और उन्हें अपने साथ लेकर चलने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। क्योंकि महिलाएं आधी जिम्मेवारी की हिस्सेदार होती हैं। आज के भौतिकवादी युग में बदलाव हुए हैं। आज कहीं ना कहीं रोशनी उन इलाकों तक भी पहुंच रही है, जहां महिलाओं को उनके पैरों पर खड़ा करने का प्रयास किया गया है और यह क्रम लगातार जारी है। उनके पारंपरिक सांस्कृतिक व्यवस्था के साथ आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। इन सब विषयों को उन तक हमें पहुंचाने की जरूरत है। 
उन्होंने कहा कि हम महिला सशक्तीकरण की बात करते हैं, लेकिन झारखंड के परिप्रेक्ष्य में बात करें, तो कई क्षेत्रों में महिलाओं को आगे लाने और उन्हें अपने साथ लेकर चलने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। डीसी संदीप सिंह ने कहा कि इस सेंटर में एनआइएफए द्वारा लॉजिस्टिक इन्वेंटरी क्लर्क सहित अन्य परियोजनाओं का प्रशिक्षण दिया जायेगा।
फस्ट फेज में 443 महिलाओं का सलेक्शन
बड़े मॉल, जहां महिलाएं लॉजिस्टिक इन्वेंटरी क्लर्क का कार्य करती हैं, उस एरिया में फस्ट फेज में जिले की 443 महिलाओं का सलेक्शन किया गया है। फस्ट बैच में 120 प्रशिक्षणार्थियों को एनआइएफए इंफोकॉम्प सर्विस द्वारा लॉजिस्टिक इन्वेंटरी क्लर्क का ट्रेनिंग दिया जायेगा। ट्रेनिंग प्रोग्राम तीन महीने का है।ट्रेनिंग प्राप्त करने के उपरांत प्रशिक्षणार्थियों के लिए संबंधित कंपनी जॉब की व्यवस्था भी सुनिश्चित करायेगी। उन्होंने बताया कि 1,16,629 किशोरियों को तेजस्विनी प्रोजेक्ट से जोड़ा गया है। जिले में 1146 तेजस्विनी क्लब है। हर क्लब में औसतन 100 सदस्य हैं। मुख्यमंत्री सुकन्या योजना में 15,800 लाभुक हैं। मुख्यमंत्री सुकन्या योजना में 15800 लाभुक है। इसमें शत-प्रतिशत लाभुकों को लाभ दिया गया है। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में विवाह के लिए ₹30000 प्रदान किए जाते हैं। इसमें जिले ने 84% लक्ष्य हासिल किया है। मातृ वंदना योजना में 48000 के विरुद्ध 40000 लाभुकों को लाभ दिया है।
कार्यक्रम में नृत्य संगीत की प्रस्तुति
कार्यक्रम में युवतियों के द्वारा नृत्य संगीत की प्रस्तुति की गई। इससे पूर्व डीसी, डीडीसी, डीएसडब्ल्यूओ, डीपीआरओ, डीआईओ ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
दिव्यांग रेखा मिश्रा सम्मानित 
रोड एक्सीडेंट में अपना एक पांव गंवा चुकी बलियापुर की रहनेवाली रेखा मिश्रा को डीसी व डीडीसी ने शॉल व मोमेंटो देकर सम्मानित किया। रेखा मिश्रा ने एक पांव खोने के बावजूद बेहतर नृत्य का जौहर दिखा सभी को अचंभित कर दिया। डीसी संदीप सिंह व डीडीसी शशि प्रकाश सिंह ने किशोरियों, डीआइओ सुनीता तुलस्यान, डीपीआरओ ईशा खंडेलवाल, डीएसडब्ल्यूओ स्नेह कश्यप, तेजस्विनी क्लब की पर्यवेक्षिकाओं, बलियापुर, निरसा व अन्य प्रखंडों की सीडीपीओ को पुष्पगुच्छ, शॉल एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया।