पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक, मणिपुर में दो व यूपी में सात फेज में वोटिंग, 10 मार्च को काउंटिग व रिजल्ट

इलेक्शन कमिशन ने शनिवार को पांच स्टेट में विधानसभा चुनावों की डेट का एलान किया। चीफ इलेक्शन कमिश्नर  सुशील चंद्रा ने बताया कि उत्तराखंड, पंजाब, गोवा में एक फेज में जबकि मणिपुर में दो और उत्तर प्रदेश में सात फेज में वोटिंग होगा। वोटिंगकी शुरुआत उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से होगी। सभी स्टेट में के एक साथ 10 मार्च को काउंटिंग की जायेगी और रिजल्ट गोषित होंगे। 

पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक, मणिपुर में दो व यूपी में सात फेज में वोटिंग, 10 मार्च को काउंटिग व रिजल्ट
  • चीफ इंलेक्शन कमिश्नर सुशील चंद्रा ने पांच स्टेट के विधानसभा चुनावों की तारीखों का किया एलान 

नई दिल्ली। इलेक्शन कमिशन ने शनिवार को पांच स्टेट में विधानसभा चुनावों की डेट का एलान किया। चीफ इलेक्शन कमिश्नर  सुशील चंद्रा ने बताया कि उत्तराखंड, पंजाब, गोवा में एक फेज में जबकि मणिपुर में दो और उत्तर प्रदेश में सात फेज में वोटिंग होगा। वोटिंगकी शुरुआत उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से होगी। सभी स्टेट में के एक साथ 10 मार्च को काउंटिंग की जायेगी और रिजल्ट घोषित होंगे। 

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पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को वोटिंग
चीफ इलेक्शन कमिश्नर ने कहा इलेक्शन के दौरान सख्त प्रोटोकाल का पालन कराया जायेगा। जीत के बाद विजय जुलूस की इजाजत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को एक फेज में वोटिंग होगा। मणिपुर में 27 फरवरी और तीन मार्च को दो फेज में वोट डाले जायेंगे। पांचों स्टेट के वोटों की काउंटिंग 10 मार्च को होगी।
यूपी में सात फेज में वोटिंग, 10 फरवरी से शुरुआत
CEC सुशील चंद्रा ने कहा उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले फेज  के वोटिंग के साथ ही विधानसभा चुनावों की शुरुआत होगी। सेकेंड फेज में 14 फरवरी को को वोटिंग होगी। इसी दिन पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक फेज में मतदान पूरे होंगे। उत्तर प्रदेश में 20 फरवरी को थर्ड और 23 फरवरी को फोर्थ फेज के वोटिंग होंगे। उत्तर प्रदेश में 27 फरवरी को फिफ्थ फेज के तहत वोट डाले जाएंगे। इसी दिन मणिपुर के पहले फेज का वोटिंग होगा। तीन मार्च को उत्तर प्रदेश में सिक्स फेज और मणिपुर के सेकेंड फेज की वोटिंग होंगे। उत्तर प्रदेश के सातवें और लास्ट फेज की वोटिंग सात मार्च को होगा।

सोशल मीडिया पोस्टों पर रहेगी नजर
चीफ इलेक्शन कमिश्नर सुशील चंद्रा ने कहा कि यूपी में 10 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी होगा जबकि 21 जनवरी नॉमिनेशन  की लास्ट डेट रखी गई है। उन्होंने कहा कि इस बार सोशल मीडिया पोस्टों पर भी कड़ी नजर रहेगी। नफरत वाले भाषणों यानी हेट स्पीच को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
विजय जुलूस की इजाजत नहीं
उन्होंने कहा- डोर-टु-डोर कैंपेन में भी अधिकतम पांच लोग ही शामिल हो सकेंगे। चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पूरी तरह अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। इसमें शामिल होने वाले लोगों के लिए कोरोना से बचाव के लिए मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था राजनीतिक दल ही करेंगे। काउंटिंग के बाद किसी भी तरह के विजय जुलूस की इजाजत नहीं होगी...
15 जनवरी तक रोड शो, रैली, जुलूस नहीं
चीफ इलेक्शन कमिश्वर ने कोरोना की चुनौतियों पर कहा- यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को हमारी सलाह है कि वे अपने चुनाव प्रचार कार्यक्रमों को डिजिटल मोड में ही चलाएं। 15 जनवरी तक कोई भी रोड शो, बाइक रैली, जुलूस या पद यात्रा की इजाजत नहीं होगी। यही नहीं 15 जनवरी तक कोई फीजिकल रैली भी नहीं आयोजित की जायेगी। बाद में डीटेल गाइडलाइंस जारी की जायेंगी।
पॉलिटिकल पार्टियों के लिए दिशा-निर्देश
CEC ने कहा कि राजनीतिक दलों के सभी चुनावी कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। पार्टियों को अपने उम्मीदवारों की आपराधिक रिकार्ड की घोषणा अनिवार्य रूप से करनी होगी। यूपी, पंजाब और उत्तराखंड में हर कैंडिडेट 40 लाख रुपये ही खर्च कर पायेगा। वहीं मणिपुर और गोवा में कैंडिडेट के लिए चुनावी खर्च सीमा 28 लाख रुपये तक ही सीमित रहेगी।
पारदर्शी चुनाव के लिए डिजिटल टेकनीक की मदद
CEC ने कहा कि वोटरों को एक छोटी सी गाइड मुहैया कराई जायेगी। स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए डिजिटल टेकनीक अपनाई गई है। इस बार सी-विजिल एप पर किसी भी तरह के चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी दी जा सकेगी। यही नहीं दिव्यांगों के लिए हर बूथ पर व्हील चेयर की भी व्यवस्था की जायेगी।
900 ऑबजर्वर, संवेदनशील बूथों की वीडियोग्राफी
सुशील चंद्र ने कहा कि धन बल और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग को लेकर हर बार की तरह इस बार भी जीरो टालरेंस की नीति रहेगी। कुल 900 पर्यवेक्षक चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखेंगे। यदि जरूरी हुआ तो स्पेशल आब्जर्वर भी तैनात होंगे। संवेदनशील बूथों पर पूरे दिन वीडियोग्राफी कराई जायेगी। पांचों राज्यों में एक लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशनों का लाइव वेबकास्ट किया जायेगा।
अधिकतम वोटर्स की संख्या 1500 से 1250 निर्धारित
CEC ने कहा कि इस बार आयोग पर्याप्त संख्या में वीवीपैट की व्यवस्था करेगा। कैंडिडेट्स को आनलाइन नॉमिनेशन का भी विकल्प मिलेगा। पोलिंग स्टेशन पर अधिकतम वोटर्स की संख्या 1500 से 1250 निर्धारित की गई है। दिव्यांगों और 80 साल से ज्यादा उम्र वाले वरिष्ठ नागरिकों के साथ कोविड संक्रमितों को घर से वोटिंग करने की सुविधा मिलेगी।
इलेक्शन ऑफिसर्स को लगेगी प्रीकोशनरी डोज

चीफ इलेक्शन कमिश्नर ने कहा कि सभी इलेक्शन ऑफिसर्स व स्टाफ को फ्रंटलाइन वर्कर माना गया। उन्होंने कहा कि सभी पात्र अधिकारियों को प्रीकोशनरी डोज लगाई जायेगी। कम वोटिंग प्रतिशत वाले पोलिंग बूथ पर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोटर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें।
16 पसरेंट पोलिंग बूथ बढ़ाये गये
CEC ने कहा कि इस बार 16 परसेंट पोलिंग बूथ बढ़ाए गये हैं। 2.15 लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशन बने हैं। चुनाव कोविड प्रोटोकाल के साथ कराये जायेंगे।  पोलिंग बूथ पर कोरोना से बचाव के लिए मास्क, सेनिटाइजर आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। थर्मल स्कैनिंग की भी व्यवस्था की गई है।
18.34 करोड़ वोटर इस चुनाव में हिस्सा लेंगे
सुशील चंद्र ने कहा कि सर्विस वोटर को मिलाकर 18.34 करोड़ वोटर इस चुनाव में हिस्सा लेंगे। इनमें से 8.55 करोड़ महिला वोटर हैं। 24.9 लाख वोटर पहली बार वोट डालेंगे। हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पोलिंग स्टेशन ऐसा होगा जिसका संचालन पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में होगा। यहां तक की इस पोलिंग स्टेशन पर सुरक्षाकर्मी भी महिलाएं ही होंगी।
तीन टारगेट पर काम, एक घंटे समय बढ़ाया

CEC ने कहा कि इस बार पांचों राज्यों में वोटिंग के लिए अतिरिक्त एक घंटे का समय बढ़ाया गया है।आयोग ने तीन टारगेट पर काम किया है। ये टारगेट हैं आसान और कोविड सेफ चुनाव के साथ साथ वोटर्स की ज्यादा से ज्यादा से ज्यादा भागीदारी। कोरोना काल में पांच राज्यों की 690 विधानसभा क्षेत्रों कोविड सेफ चुनाव कराना बेहद चुनौती भरा काम है। पांच स्टेट के इन चुनावों में 18 करोड़ से ज्यादा वोटर हिस्सा लेंगे।