उत्तर प्रदेश: आगरा में महिला डॉक्टर ने मुंह से सांस देकर बचाई नवजात की जान

आगरा के एत्मादपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नवजात को मुंह से सांस देकर एक महिला डॉक्टर ने उसकी जिंदगी बचाई। CHC पर प्रसव के दौरान ऐसा मामला सामने आया। महिला डाक्टर के कार्य की प्रशंसा की जा रही है।

उत्तर प्रदेश: आगरा में महिला डॉक्टर ने मुंह से सांस देकर बचाई नवजात की जान

आगरा। आगरा के एत्मादपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नवजात को मुंह से सांस देकर एक महिला डॉक्टर ने उसकी जिंदगी बचाई। CHC पर प्रसव के दौरान ऐसा मामला सामने आया। महिला डाक्टर के कार्य की प्रशंसा की जा रही है।

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एत्मादपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव के बाद नवजात जिंदगी जद्दोजहद कर रहा था। प्रसव पीड़ा के बाद नवजात की मां बेहोशी की हालत में थी। लेकिन चाहकर भी आंखें बंद नहीं होने दे रही थी। शिशु को बचाने की हर संभव कोशिश करती डाक्टर सुरेखा की गतिविधि पर टकटकी लगाये थी। महिला डॉक्टर ने भी अपनी कोशिशें तब तक जारी रखीं जब तक नवजात के रोने की किलकारी हॉस्पिटलमें नहीं सुनाई दी। महिला डाक्टर की कोशिशों का असर ऐसा हुआ कि शिशु को नई जिंदगी मिल गयी।

महिला को आठ मार्च को हुई थी प्रसव पीड़ा

आगरा सीएचसी पर बुर्जगंगी निवासी खुशबू को आठ मार्च को प्रसव पीड़ा हुई थी। आशा सुशीला उसे स्वास्थ्य केंद्र लेकर आईं थीं। खुशबू ने एक बेटी को जन्म दिया। लेकिन नवजात सांस नहीं ले रही थी। ऑपरेशन थिएटर में प्रसव करा रहीं डाक्टर सुरेखा चौधरी ने मशीन से ऑक्सीजन देने का प्रयास किया। लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने नवजात को अपने मुंह से लगाकर सांस देना शुरू कर दिया।

सीएचसी के स्टाफ ने बनाया वीडियो

सीएचसी स्टाफ द्वारा मोबाइल से बनाए गए वीडियो में डाक्टर सुरेखा नवजात को मुंह से सांस देने के साथ उसके सीने पर पंप करती दिखाई दे रही हैं। आखिरकार वे एक मां की आंखों के सामने नवजात को जीवन देने में सफल रहीं। शिशु किलकारी मारकर रोने लगीं। नवजात की सांस लौटने पर डाक्टर सुरेखा के चेहरे पर कोई जंग जीतने जैसी खुशी और चमक थी, प्रसूता की आंखों में खुशी के आंसू थे। घरवालों में भी खुशी छा गई। प्रसूता ने महिला डॉक्टर को शुक्रिया किया। ये वीडियो सोमवार सुबह सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो वायरल के बाद महिला डॉक्टर की लोग प्रशंसा कर रहे हैं। लोग फोन कर धन्यवाद बोल रहे हैं।

सांस नहीं थी नवजात की
मेडिकल सुपरिटेंडेंट  डाक्टर संजीव वर्मा ने बताया कि मामला आठ मार्च का है। गांव बुर्ज गंगी की महिला के प्रसव के बाद नवजात की सांस नहीं चल रही थी। इसके बाद सरकारी उपचार भी दिया गया। लेकिन कोई फर्क नहीं हुआ। डाक्टर सुरेखा ने नवजात को अपने मुंह से सांस दी। इसके बच्ची रोने लगी और उसकी जिंदगी लौट आई।
पहला प्रसव था महिला का
महिला डाक्टर सुरेखा ने बताया कि महिला खुशबू (22) का पहला प्रसव था और उसने बेटी को जन्म दिया। लेकिन उसकी सांसें नहीं आने पर उसे मुंह से सांस देने से उसकी सांस वापस आ गई। बच्ची का वजन कम था, अब दोनों स्वस्थ्य हैं। महिला खुशबू ने बताया कि डाक्टर की वजह से बेटी की जान बच सकी। घर में खुशियां लौट आईं।