उत्तर प्रदेश: कलयुग के दानवीर कर्ण बने बिजनसमैन डॉ अरविंद गोयल, 600 करोड़ की संपत्ति कर दी दान

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के रहने वाले बिजनसमैन डॉ अरविंद गोयल कलयुग के दानवीर कर्ण बन गये हैं। अरविंद ने अपनी जीवन भर की संपत्ति करीब 600 करोड़ रुपये गरीबों को दान दे दी है। डॉ गोयल ने अपने पास सिर्फ एक घर रखा है जिसमें वो रहते हैं।

उत्तर प्रदेश: कलयुग के दानवीर कर्ण बने बिजनसमैन डॉ अरविंद गोयल, 600 करोड़ की संपत्ति कर दी दान
  • अपने पास सिर्फ घर रखा
  • 50 साल की मेहनत से कमाई थी प्रॉपर्टी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के रहने वाले बिजनसमैन डॉ अरविंद गोयल कलयुग के दानवीर कर्ण बन गये हैं। अरविंद ने अपनी जीवन भर की संपत्ति करीब 600 करोड़ रुपये गरीबों को दान दे दी है। डॉ गोयल ने अपने पास सिर्फ एक घर रखा है जिसमें वो रहते हैं।

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मुरादाबाद के सिविल लाइंस में डॉ. अरविंद कुमार गोयल का बंगला है। बस यही बंगला डॉ गोयल ने अपने पास रखा है। उन्होंने 50 साल की मेहनत से यह प्रॉपर्टी बनाई थी।गोयल ने दान सीधे राज्य सरकार को दिया है। ताकि जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाई जा सके। गोयल उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में 100 से ज्यादा शिक्षण संस्थान, वृद्धा आश्रम और हॉस्पिटल ट्रस्टी हैं। कोविड लॉकडाउन के दौरान भी मुरादाबाद के 50 गांवों को गोद लेकर उन्होंने लोगों को मुफ्त खाना और दवा दिलवाई थी।
फैसले में वाइफ और बच्चों का भी समर्थन
डॉ. अरविंद कुमार गोयल की फैमिली में उनकी वाइफ रेणु गोयल के अलावा उनके दो बेटे और एक बेटी है। उनके बड़े बेटे मधुर गोयल मुंबई में रहते हैं। छोटा बेटा शुभम प्रकाश गोयल मुरादाबाद में रहकर अपने पिता को समाज सेवा और बिजनस में मदद करता है। बेटी शादी के बाद बरेली में रहती है। बच्चों और पत्नी ने उनके इस फैसले का स्वागत किया है।
संपत्ति दान करने के फैसले को लेकर डॉ गोयल ने कहा कि उन्होंने 25 साल पहले ही अपनी सारी संपत्ति दान करने का फैसला कर लिया था। उस वक्त एक घटना का उल्लेख करते हुए डॉ गोयल ने कहा कि दिसंबर का महीना था और वो ट्रेन से कहीं जा रहे थे। उन्होंने देखा कि सामने एक आदमी ठंड से ठिठुर रहा है। उसके पास ना कोई कंबल था ना पैरों में चप्पल। डॉ गोयल ने कहा कि मैने उसे अपने जूते दे दिए लेकिन ठंड की वजह से मुझसे भी रहा नहीं गया। 
स्वतंत्रता सेनानी रहे माता-पिता के बेटे हैं डॉ. गोयल
डॉ गोयल के पिता प्रमोद कुमार गोयल और मां शकुंतला देवी स्वतंत्रता सेनानी थे। उनके बहनोई मुख्य चुनाव आयुक्त रह चुके हैं। वे पहले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन भी रह चुके हैं। डॉ गोयल के दामाद आर्मी में कर्नल और ससुर जज रह चुके हैं। 
चार राष्ट्रपति कर चुके हैं सम्मानित
डॉ गोयल को उनके सामाजिक कार्यों के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सम्मानित कर चुके हैं। शिक्षा और समाजसेवा के क्षेत्र में अनूठे कार्यों के लिए डॉक्टर गोयल को देशभर में विभिन्न मंचों से सम्मानित किया जा चुका है।समाजसेवा के क्षेत्र में अपने अनूठे कार्यों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर श्री गोयल को देश-दुनिया के विभिन्न मंचों से सम्मानित किया जा चुका है। एक्स पीएम मनमोहन सिंह, सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, क्रिकेट का भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर से लेकर देश -दुनिया की तमाम जानी मानी हस्तियां डॉक्टर गोयल के समाजसेवा के जज्बे को सलाम कर चुकी हैं। देश के तमाम राज्यों के गर्वनर भी समय-समय पर डॉ. गोयल के समाजसेवा के जज्बे को सम्मानित कर चुके हैं।
सैकड़ों अनाथालय और स्कूल चलाते हैं डॉ गोयल
डॉ. गोयल पहले से भी समाज सेवा के कार्यों को लेकर प्रसिद्ध हैं।  उनकी मदद से देश भर में पिछले 20 साल से सैकड़ों वृद्धाश्रम, अनाथालय और मुफ्त स्वास्थ्य केंद्र चलाये जा रहे हैं। उनकी मदद से चल रहे स्कूलों में गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा भी दी जा रही है। कोविड लॉकडाउन में भी उन्होंने करीब 50 गांवों को गोद लेकर लोगों को मुफ्त भोजन और दवा उपलब्ध कराई थी।
जीवन का भरोसा नहीं, इसलिए लिया फैसला
डॉ. अरविंद कुमार गोयल पिछले 20 सालों से भी अधिक समय से गरीब और असहाय लोगों की सेवा में जुटे हैं।डॉ. गोयल ने सोमवार रात संपत्ति दान करने का ऐलान किया। इसके बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि 25 साल पहले ही मैंने अपनी संपत्ति दान करने की ठान ली थी। तब हुई एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "दिसंबर का महीना था। मैं जैसे ही ट्रेन में सवार हुआ। सामने एक गरीब आदमी ठंड से ठिठुरता नजर आया। उसके पास न चादर थी न पैरों में चप्पल। उस आदमी को देखकर मुझसे रहा नहीं गया। मैंने अपने जूते उतारकर उसे दे दिए। कुछ देर मैंने सहन किया। लेकिन कड़ाके की ठंड होने की वजह से मेरी भी हालत खराब होने लगी।"
डॉ. गोयल आगे कहते हैं, "उस दिन मैंने सोचा था कि इसकी तरह कितने लोग ठिठुरते होंगे। तभी से मैंने गरीबों और बेसहारा की मदद करना शुरू किया। अब मैंने काफी तरक्की की है। जीवन का कोई भरोसा नहीं है। इसलिए जीवित रहते अपनी संपत्ति सही हाथों में सौंप दी। ताकि यह अनाथ, गरीब और बेसहारा लोगों के काम आ सकेगी। मैंने अपनी संपत्ति दान करने के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिख दिया है। वह आगे की कार्रवाई करेगा।"
पांच सदस्यों की कमेटी करेगी निगरानी
डॉ. गोयल की संपत्ति को सही कीमत पर बेचने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई जायेगी। इसमें तीन सदस्य गोयल खुद नामित करेंगे। बाकी दो सरकार की ओर से नामित होंगे। संपत्ति बेचकर मिले पैसों से अनाथ और बेसहारा लोगों के लिए फ्री शिक्षा और इलाज की व्यवस्था की जायेगी।

स्कूटी पर घूमकर करते हैं सेवा
यूपी के टॉप उद्योगपतियों में शुमार डॉक्टर अरविंद कुमार गोयल का जिंदगी जीने का तरीका बेहद सादगी भरा है। उन्हें अक्सर शहर में स्कूटी से घूम घूमकर गरीबों और जरूरतमंद लोगों की मदद करते देखा जाता है। वह अक्सर अस्पतालों में घूमकर गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करते देखे जाते हैं।