यूपी: हाथरस कांड चारों एक्युज्ड के खिलाफ सीबीआइ ने दाखिल की चार्जशीट दाखिल, गैंगरेप, मर्डर, छेड़छाड़ व एससी-एसटी एक्ट में कार्रवाई

उत्तर प्रदेश की बहुचर्चित हाथरस कांड में सीबीआइ ने चारों एक्युज्ड के खिलाफ शुक्रवार को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। गैंगरेप, मर्डर, छेड़छाड़ व एससी-एसटी एक्ट की धारा में चार्जशीट दाखिल की गयी है। 

यूपी: हाथरस कांड चारों एक्युज्ड के खिलाफ सीबीआइ ने दाखिल की चार्जशीट दाखिल, गैंगरेप, मर्डर, छेड़छाड़ व एससी-एसटी एक्ट में कार्रवाई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की बहुचर्चित हाथरस कांड में सीबीआइ ने चारों एक्युज्ड के खिलाफ शुक्रवार को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। गैंगरेप, मर्डर, छेड़छाड़ व एससी-एसटी एक्ट की धारा में चार्जशीट दाखिल की गयी है। 

जिले के चंदपा पुलिस स्टेशन एरिया के बूलगढ़ी गांव में दलित युवती के साथ गैंगरेप और उसकी मर्डर के मामले की जांच कर रही सीबीआई अपनी रिपोर्ट सौंपी है। सीबीआइ की टीम की ओर से केस के आइओ सीमा पाहूजा ने चार्जशीट दाखिल की। पीड़िता के भाई की ओर से ही एफआईआर दर्ज कराई गई थी। हाथरस मामले में दाखिल चार्जशीट में चारों आरोपितों के खिलाफ सीबीआइ ने गैंगरेप, मर्डर, छेड़छाड़ व एससी-एसटी एक्ट  में केस बनाया है। एडवोकेट मुन्ना सिंह पुंडीर ने बताया कि चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है।

सीबीआई ने दो दिन पहले हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई के दौरान 18 दिसंबर को चार्जशीट दाखिल करने की बात कही थी। सीबीआई पीड़िता के भाई को फरेंसिक साइकलॉजिकल टेस्ट के लिए गुजरात लेकर जा सकती है। यहां उसका साइकलॉजिकल असेस्मेंट कराया जायेगा। साइकलॉजिकल असेस्टेंट (मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन) में शिकायतकर्ता / अभियुक्तों को विभिन्न काल्पनिक स्थितियों के साथ मामले से संबंधित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रश्न किये जाते हैं। इस दौरान उनकी प्रतिक्रियाएं रेकॉर्ड की जाती हैं। इन सभी प्रतिक्रियाओं के आधार पर मनोवैज्ञानिक पहलुओं, लक्षणों और उद्देश्यों को नापते है।बूलगढ़ी कांड के चारों आरोपितों के गांधीनगर में पॉलीग्राफ टेस्ट हो चुका है। जांच एजेंसी ने बूलगढ़ी गांव में सीन रीक्रिएशन करने के साथ ही यहां पर हर स्तर की पड़ताल कर चुकी है। सीबीआइ गांव में मृतका के भाई और घटना स्थल वाले खेत के मालिक का पॉलीग्राफ कराने के प्रयास में है। अभी तक दोनों इंकार कर रहे हैं।

क्या है केस

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले  में 14 सितंबर को 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित गैंगरेप हुआ था। पीड़िता की 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरगंज हॉस्पीटल में मौत हो गई थी। इस केस में देशभर सियासत तेज हुई। यूपी की योगी सरकार को निशाने पर लिया गया।जब जिला प्रशासन और पुलिस ने जबरन पीड़िता का शव जला दिया तो मामला तब और तूल पकड़ा। गांव में मीडिया, नेताओ और अन्य लोगों की एंट्री बैन कर दी गयी। इसके बाद इस घटना को साजिश करार दिया गया। घटना की जांच के लिए एसआईट गठित की गई। इसके बाद सीबीआई जांच हुई। एसआईटी अपनी रिपोर्ट सरकार को दे चुकी है। बाजरा के खेत में 14 सितंबर की सुबह आखिर क्या हुआ था इसकी सच्चाई पता लगाने में सीबीआई जुटी है।