कोरोना की थर्ड वेव को रोकने के लिए डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने दिये तीन 'मंत्र', नियमों का पालन, निगरानी और तेजी से वैक्सीनेशन जरुरी

एम्स दिल्ली के के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कोरोना की थर्ड वेव को रोकने के तीन 'मंत्र' बताये हैं। उन्होंने कहा कि थर्ड वेव रोकने के लिए  नियमों का पालन, निगरानी और तेजी से वैक्सीनेशन जरुरी है। 

कोरोना की थर्ड वेव को रोकने के लिए डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने दिये तीन 'मंत्र', नियमों का पालन, निगरानी और तेजी से वैक्सीनेशन जरुरी
  • देश में अभी डेल्टा प्लस वेरिएंट के 42 मामले, यह खतरनाक या नहीं, यह कहना अभी मुश्किल
  • देश में सितंबर-अक्टूबर तक बच्चों के लिए शुरू हो सकती है कोरोना वायरस की वैक्सीनेशन 

नई दिल्ली। एम्स दिल्ली के के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कोरोना की थर्ड वेव को रोकने के तीन 'मंत्र' बताये हैं। उन्होंने कहा कि थर्ड वेव रोकने के लिए  नियमों का पालन, निगरानी और तेजी से वैक्सीनेशन जरुरी है। 
उन्होंने कहा कि थर्ड को अगर रोकना है हमारे हाथ में है। अगर हम कोरोना के नियमों का पालन करेंगे तो वायरस नहीं फैलेगा। अगर हम मास्क पहनते हैं, फीजिकल डिस्टेंस का पालन करते हैं, हाथ धोते हैं, भीड़ लगाने से बचते हैं तो कोई भी वेरिएंट फैल नहीं पाएगा।'
मैं सबसे अपील करूंगा कि सभी कोरोना नियमों का पालन करें। जहां भी कोरोना के मामले ज़्यादा हो वहां लॉकडाउन लगाएं तथा सभी वैक्सीन लगाएं।
लापरवाही नहीं, नियमों का सख्ती से पालन जरूरी
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि थर्ड वेव हमारे हाथ में हैं। अगर हम इसे आने से रोकना चाहते हैं तो हमें दो-तीन चीजों को करना चाहिए। पहली यह कि हमें सख्ती से कोविड एप्रोप्रिएट बिहैवियर का पालन करना चाहिए। जब केस कम हो रहे हैं तो हमें उसी गलती को नहीं दोहराना चाहिए जो पहली लहर के दौरान की गई थी। हमने सोचा कि वायरस चला गया है और अब हम जो चाहे वह कर सकते हैं। हमें यह समझना चाहिए कि वायरस नहीं गया है, अभी भी है, म्यूटेट हो रहा है। चिंता बढ़ाने वाला रूप धर रहा है। इसलिए कोविड अप्रोप्रिएट बिहैवियर बहुत जरूरी है। 
निगरानी
उन्होंने बताया कि 'कोरोना की थर्ड वेव  को आने से रोकने के लिए निगरानी महत्वपूर्ण चीज है। जिस इलाके में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, पॉजिटिविटी रेट बढ़ रहा है, हॉस्पीटल में पेसेंट बढ़ रहे हैं तो हमें उस इलाके को कंटेन करने की जरूरत है। सख्ती से वहां पाबंदियां लगाने की जरूरत है ताकि वायरस न फैले। उस इलाके में तेजी से टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटिंग (इलाज) की जरूरत है। ताकि वहां जितने भी कोरोना पॉजिटिव हों, उनका टेस्ट कर उन्हें आइसोलेट किया जा सके।
तेजी से वैक्सीनेशन
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि कोरोना के थर्ड वेव को रोकने के लिए तीसरी महत्वपूर्ण चीज वैक्सीनेशन है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग जाने से गंभीर रूप से बीमारों की संख्या कम होगी। संक्रमण की कमी टूटेगी। अगर हम इन दो-तीन चीजों को करते हैं तो थर्ड वेव आयेगी ही नहीं या फिर देर से आयेगी और बहुत कमजोर रहेगी।
सितंबर-अक्टूबर तक शुरू हो सकता है बच्चों का वैक्सीनेशन
गुलेरिया ने कहा कि बच्चों के लिए फाइजर वैक्सीन को एफडीए अप्रूवल मिल चुका है। इस वैक्सीन को भारत में आने की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा है कि बच्चों में कोरोना की बीमारी बहुत हल्की होती है। हमें सबसे पहले बुजुर्गों और जिन्हें पहले से कई बीमारी है, उन्हें वैक्सीन लगाना चाहिए। बच्चों के लिए फाइजर वैक्सीन को एफडीए अप्रूवल मिल चुका है और इस वैक्सीन को भारत में आने की अनुमति दी गई है।उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक का अप्रूवल मिलेगा तो हम 2-18 साल के बच्चों को वैक्सीन लगा सकते हैं। जैसे ही दो-तीन3 महीनों के फालोअप के साथ हमारे पास सितंबर तक डेटा होगा। उम्मीद है कि उस समय तक मंजूरी मिल जायेगी, ताकि सितंबर-अक्टूबर तक बच्चों को लगाने के लिए हमारे पास वैक्सीन होंगे।
डेल्टा प्लस वेरिएंट पर अभी कुछ कहना मुश्किल
डॉ  गुलेरिया ने कहा कि अभी हमारे देश डेल्टा प्लस वेरिएंट के लगभग 42 केस हैं इसलिए यह कहना बहुत मुश्किल है कि यह कुछ ऐसा नुकसान पहुंचा रहा है जिसके बारे में हमें चिंतित होना चाहिए।