छठ गीत से शारदा सिन्हा कर रहीं कोरोना से सजग रहने की अपील, अइसन विपतिया आइल, व्रत लगाईं पार..

कोरोना काल में त्योहार भी और कोरोना उचित व्यवहार भी जरूरी है। इस बार इसी की अपील पद्म भूषण शारदा सिन्हा भी अपने छठ गीत के माध्यम से कर रही हैं। लोग कोरोना से बचे रहें इसके लिए वे गीत के साथ संवाद भी कर रही हैं। 

छठ गीत से शारदा सिन्हा कर रहीं कोरोना से सजग रहने की अपील, अइसन विपतिया आइल, व्रत लगाईं पार..

लोक गायिका का VIDEO संदेश

नई दिल्ली। कोरोना काल में त्योहार भी और कोरोना उचित व्यवहार भी जरूरी है। इस बार इसी की अपील पद्म भूषण शारदा सिन्हा भी अपने छठ गीत के माध्यम से कर रही हैं। लोग कोरोना से बचे रहें इसके लिए वे गीत के साथ संवाद भी कर रही हैं। 

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सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टरी ने फेमस लोक गायिका शारदा सिन्हा गीत से लोगों कोरोना से सजग रहने की अपील कर रही है। पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित शारदा सिन्हा के इस ओडियो-विजुअल गीत को यूट्यूब चैनल पर जारी किया है।वीडियो के प्रारंभ मां-बेटे के बीच बातचीत से होती है। बेटा अपनी  मां से कहता है कि इतनी भीड़ में घाट पर अभी भी जाना सुरक्षित नहीं है। मां गुस्से में कहती हैं कि इस बार तुम्हारे बाबू जी कोरोना की वजह से घर पर नहीं आये।  अब हम पूजा के लिए घाट पर भी नहीं जाएं... एक बात कान खोलकर सुन ले... छठ पूजा तो हम घाट पर ही करेंगे... इस करोना ने सब कुछ बरबाद करके रख दिया। 

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 पुत्र अपनी मां कोरोना का हवाला देकर घर पर छठ करने की सलाह देता है। उसी के साथ श्रीमती सिन्हा का गीत भी शुरू हो जाता है। गीत में कोरोना को लेकर उत्पन्न स्थिति के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग तक को स्वर दिया गया है। इसके बाद लोक गायिका शारदा सिन्हा का गाया नया लोक गीत शुरू होता है। शारदा सिन्हा की वही आवाज जिसके बिना छठ पूरा नहीं होता। वीडियो के अंत में दिखता है कि गुस्सा छोड़ कर मां छत पर छठ करती हैं।

चार मिनट 23 सेकेंड की फिल्म, तीन मिनट 50 सेकेंड का गीत 
इस वीडियो का नाम है 'अइसन बिपतिया।' इस चार मिनट 23 सेकेंड की फिल्म में गीत तीन मिनट 50 सेकेंड का है। मुंबई में इसकी रिकॉर्डिंग हुई है। गीतकार हैं ज्योतेन्द्र मिश्रा, म्यूजिक अरेंजमेंट सुदीप बनर्जी, म्यूजिक कॉन्सेप्ट अंशुमान सिन्हा का है। एडिटर हैं प्रदीप कुमार।
अइसन बिपतिया आइल.. बरत लगाईं पार... रऊए से असरा लगल बा.. अइसन बिपतिया आइल.. बरत लगाईं पार... रऊए से असरा लगल बा.. कर दीही जग उजियार...छठि मईया जग के आधार... बहंगी से भारी समईया.. दुख में डूबल संसार... खोली-खोली अंखिया सूरजदेव कर दिही जग उजिआर....गंगा जी के पनियां किरिणिया निहारे......दूर बइठल ननदी गोतनिया कैसे बनी ठेकुआ... कसार....।

अंत में शारदा सिन्हा कहती हैं कि कोरोना संक्रमण खत्म नहीं हुआ है। इसलिए कोरोना उचित व्यवहार करें। जिम्मेदारी से छठ मनाएं। वह हिदायत देती हुई यह भी कहती हैं कि कोरोना के दोनों वैक्सीन लेना नहीं भूलें।