डिगवाडीह CIMFR कैंपस में जेसीबी से धवस्त किये गये कई घर, हंगामा,MLA के विरोध पर अतिक्रमिण हटाओ अभियान रूका

सिंफर डिगवाडीह कैंपस में अतिक्रमित किये गये 78 घरों को खाली कराने को लेकर रविवार को जमकर हंगामा हुआ। ग्रामीणों व पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची झरिया एमएलए पूर्णिमा नीरज सिंह ने एसडीएम व सिंफर डायरेक्टर से वार्ता की। लोगों को घर खाली करने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है। 

डिगवाडीह CIMFR कैंपस में जेसीबी से धवस्त किये गये कई घर, हंगामा,MLA के विरोध पर अतिक्रमिण हटाओ अभियान रूका
  • एमएलए व मैनेजमेंट के साथ वार्ता के बाद एसडीएम ने घर खाली कराने के लिए दिया 15 दिनों का समय

धनबाद। सिंफर डिगवाडीह कैंपस में अतिक्रमित किये गये 78 घरों को खाली कराने को लेकर रविवार को जमकर हंगामा हुआ। ग्रामीणों व पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची झरिया एमएलए पूर्णिमा नीरज सिंह ने एसडीएम व सिंफर डायरेक्टर से वार्ता की। लोगों को घर खाली करने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है। 

एमएलए ने नाराजगी जताते हुए पहले ग्रामीणों से वार्ता कर उनकी समस्याओं को सुनने के बाद अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाना चाहिए। उन्होंने सिंफर व जिला प्रशासन की कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए तत्कालान तोड़-फोड़ रोकने की बात कही। इसके बाद स्थानीय मंदिर कैंपस में एमएलए,एसडीओ व सिंफर डायरेक्टर के बीच एक घंटा तक त्रिपक्षीय वार्ता चली। हलांकि इसमें कोई हल नहीं निकल सका।

एमएलए ने कहा कि ग्रामीणों को तीन डिसमिल जमीन किसी अन्य जगह पर दिलवाने को लेकर डीसी के सामने वार्ता की जाये। यह जमीन स्टेट नहीं सेंट्रल गवर्नमेंट की है। इसमें विस्थापन को लेकर कोई प्रावधान नहीं है। मामले में आपसी सहमति बनाने की जरूरत है। जिनका घर तोड़ा गया है  उन्हें अस्थायी तौर पर रहने की व्यवस्था की जाये।इसके बाद सिंफर मैनेजमेंट व  एसडीओ ने ग्रामीणों को घर खाली करने के लिए 15 दिनों का समय दिया। तत्काल अभियान रोक दिया गया।
एसडीओ सुरेंद्र कुमार, झरिया सीओ राजेश कुमार, सिंफर डायरेक्टर डॉ पीके सिंह, सिंदरी डीएसपी अजित कुमार सिन्हा, जोडापोखर थाना राजदेव सिंह सहित कई थानों की पुलिस रविवार सुबह 10.30 बजे पहुंची। जेसीबी से मनोहर राउत, उपेंद्र प्रसाद, भगवान यादव, अजय यादव का घर तोड़ दिया गया। घर टूटता देखकर लोग रोने लगे।  महिलाएं ने घर नहीं तोड़ने की गुहार लगाने लगीं। इसका कोई असर नहीं तो  ग्रामीण उग्र होकर विरोध करने लगे।