काबुल एयरपोर्ट के बाहर सीरियल ब्लास्ट, 12 अमेरिकी सैनिकों समेत 80 की मौत, 150 लोग घायल 

अफगानिस्तान में काबुल हवाईअड्डे के बाहर गुरुवार को एक के बाद एक हुए दो बम धमाकों में 12 अमेरिकी मरीन कमांडो मारे समेत 80 लोगों की मौत की हो गयी है। तीन अमेरिकी सैनिक समेत लगभग 150 लोग घायल हो गये हैं।

काबुल एयरपोर्ट के बाहर सीरियल ब्लास्ट, 12 अमेरिकी सैनिकों समेत 80 की मौत, 150 लोग घायल 

एयरपोर्ट अफरा-तफरी, जान बचाने लिए भागते रहे लोग 
आतंकी संगठन ISIS पर हमले का शक
काबुल।अफगानिस्तान में काबुल हवाईअड्डे के बाहर गुरुवार को एक के बाद एक हुए दो बम धमाकों में 12 अमेरिकी मरीन कमांडो मारे समेत 80 लोगों की मौत की हो गयी है। तीन अमेरिकी सैनिक समेत लगभग 150 लोग घायल हो गये हैं। 

हमले में 12 अमेरिकी मैरीन कमांडो मारे जाने की जानकारी दी है। हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है लेकिन इसे आइएस के आत्मघाती हमलावर पर शक की जा रही है।अफसरों  ने यहां और भी धमाकों को लेकर अलर्ट जारी कर नागरिकों से एयरपोर्ट से दूर रहने को कहा है। एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में मौजूद अमेरिकी सैनिक रेस्क्यू ऑपरेशनमें जुटे हुए हैं। अमेरिकी न्यूज पेप 'द वॉल स्ट्रीट जर्नल' ने एक अफसर के हवाले से बताया कि अमेरिकी राजदूत ने स्टाफ को बताया है कि काबुल एयरपोर्ट पर धमाकों में चार अमेरिकी मरीन भी मारे गये हैं। जबकि तीन घायल हैं। विस्फोट में मरने वालों में कई बच्चे भी हैं।न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार हमले में महिलाओं, अमेरिकी सुरक्षा कर्मियों और तालिबान के गार्ड समेत कई लोग घायल हुए हैं। काबुल हवाई अड्डे के पास दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों ने भीड़ को निशाना बनाकर हमला किया।

काबुल के हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आतंकी हमलों को लेकर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने जो आशंका जताई थी वह सच साबित हुआ है। यहां इस्लामिक स्टेट के हमले को लेकर अलर्ट जारी किया गया था। विस्फोट के बाद एयरपोर्ट पर अफरातरफी का माहौल है। काबुल से आईं फोटो में लोगों को लहूलुहान और जान बचाकर भागते हुए देखा जा सकता है।पहला विस्फोट एयरपोर्ट के अब्बे गेट पर दूसरा बरून होटल के पास हुआ है। इस होटल में ब्रिटिश आर्मी ठहरे हुए हैं। घायलों को हॉस्पीटल पहुंचाया जा रहा है। इमरजेंसी हॉस्पीटल के अनुसार एयरपोर्ट में बम विस्फोट के 100 से अधिक घायलों को इलाज के लिए लाया गया।घटना के बाद मौके पर काफी देर तक अफरातफरी की स्थिति रही। तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह ने बम धमाके की घटना को आतंकी वारदात बताया है।
पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि है कि काबुल एयरपोर्ट के बाहर विश्पोट हुआ है। हमले की खबर आने से कुछ मिनटों पहले ही इटले के सैन्य विमान पर भी गोलीबारी की सूचना दी गई थी। 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से बड़ी संख्या में लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं। एयरपोर्ट पर हजारों की संख्या में एकत्रित हैं। अमेरिका, भारत सहित अधिकतर देश अपने नागरिकों के साथ इन लोगों को बाहर निकालने में जुटे हैं। तालिबान ने विदेशी सैनिकों को 31 अगस्त तक काबुल से निकल जाने को कहा है। 
इस्लामिक स्टेट के हमले का था अलर्ट
अफगानिस्तान में अमेरिकी दूतावास ने सुरक्षा अलर्ट जारी करते हुए अपने नागरिकों को काबुल में हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास खतरे का हवाला देते हुए वहां की यात्रा करने से बचने के लिए कहा था। ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने भी इस्लामिक स्टेट की ओर से हमले की आशंका जाहिर की थी।अमेरिकी दूतावास ने कहा था, ''काबुल हवाई अड्डे के द्वार के बाहर सुरक्षा खतरों के कारण हम अमेरिकी नागरिकों को हवाईअड्डे की यात्रा करने से उस समय तक बचने की सलाह दे रहे हैं, जब तक कि ऐसा करने के लिए अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधि से व्यक्तिगत निदेर्श नहीं मिलते।' दूतावास ने यह भी कहा कि जो अमेरिकी नागरिक काबुल हवाई अड्डे के 'एबी गेट' , 'ईस्ट गेट' अथवा 'नॉर्थ गेट' पर हैं, उन्हें तुरंत वहां से निकल जाना चाहिए।
इस्लामिक स्टेट पर शक
अमेरिका समेत पश्चिमी देश हमले के लिए आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) पर शक जता रहे हैं। अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों ने इसे आत्मघाती हमला बताया है। पेंटागन ने भी हमले की पुष्टि करते हुए अमेरिकी नागरिकों के भी हताहत होने की जानकारी दी है । इस हमले में मृतकों की संख्या और भी बढ़ सकती है। यह आत्म।घाती हमला अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई देशों की ओर से जारी अलर्ट के बाद हुआ है।