धनबाद में नकली किन्नरों पर असली का वार: श्वेता बनाम सुनैना गुट में सड़क पर जंग, आठ फर्जी पकड़ाये

धनबाद बरवाअड्डा में नकली किन्नरों को पकड़ने के बाद श्वेता और सुनैना गुट आमने-सामने। आठ फर्जी पकड़ाये, हफ्ता वसूली और धमकी के आरोप, पुलिस जांच में जुटी।

धनबाद में नकली किन्नरों पर असली का वार: श्वेता बनाम सुनैना गुट में सड़क पर जंग, आठ फर्जी पकड़ाये
किन्नरों में भिड़ंत।
  • श्वेता किन्नर का दावा – नकली गिरोह को संरक्षण देती हैं सुनैना किन्नर
  • गाड़ी रोककर गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी का आरोप
  • पुलिस मामले की जांच में जुटी

धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद के बरवाअड्डा इलाके में रविवार की रात असली और नकली किन्नरों के बीच सड़क पर जंग छिड़ गयी। जीटी रोड किनारे नकली किन्नरों के एक गैंग को असली किन्नरों ने रंगे हाथों पकड़ लिया। इन नकली किन्नरों पर आरोप है कि ये युवक किन्नर का भेष धरकर राहगीरों और वाहनों से जबरन पैसे वसूलते थे और मौका मिलते ही मोबाइल-पर्स भी छीन लेते थे।
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झारखंड प्रदेश किन्नर बोर्ड की जिला सदस्य श्वेता किन्नर और उनकी टीम ने इन आठ नकली किन्नरों को पकड़कर पुलिस को सौंपा। हालांकि, इसके बाद मामला सिर्फ नकली किन्नरों तक नहीं रुका बल्कि किन्नर समाज के दो गुटों—श्वेता गुट और सुनैना गुट—के बीच टकराव की वजह भी बन गया।
घटना की शुरुआत
लोकल लोगों की कंपलेनलंबे समय से मिल रही थी कि बरवाअड्डा और आसपास के क्षेत्रों में कुछ युवक किन्नर का वेश धारण कर जीटी रोड पर वाहनों को रोककर पैसे वसूलते हैं। पैसे न देने पर वे गाली-गलौज करते और धमकाते भी थे। रविवार की रात, किसान चौक से पंडुकी तक सर्विस रोड पर नकली किन्नर सक्रिय थे। इसी दौरान श्वेता किन्नर और उनकी टीम मौके पर पहुंची। नकली किन्नरों ने असली किन्नरों को देखते ही भागने की कोशिश की, लेकिन श्वेता और उनके साथियों ने स्थानीय लोगों की मदद से उनका पीछा किया और पकड़ लिया। लोगों ने जमकर पिटाई करने के बाद आठों नकली किन्नरों को पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ में सामने आया कि ये सभी धनबाद के भूली और गांधीनगर क्षेत्र के रहने वाले युवक हैं।
नकली किन्नरों से असली की बदनामी
श्वेता किन्नर ने बताया कि नकली गिरोह की वजह से पूरे किन्नर समाज की छवि खराब हो रही है। उन्होंने कहा –“हम लोग समाज में आशीर्वाद देकर सम्मान से जीना चाहते हैं। नकली लोग हमारी पहचान का गलत इस्तेमाल कर ठगी और अपराध कर रहे हैं। इससे लोग हम असली किन्नरों को भी संदेह की नजर से देखने लगते हैं।”किन्नर समाज का मानना है कि असली किन्नर शुभ अवसरों पर ही आशीर्वाद लेने आते हैं। वे कभी जबरदस्ती नहीं करते। जबकि नकली गिरोह दिन-रात सड़क पर घूमकर वसूली करता है। सोमवार शाम श्वेता किन्नर द्वारा बरवाअड्डा थाना पहूंच कर नकली किन्नरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई ना कर चेतावनी देकर छोड़ देने की की बात पुलिस से कही।
श्वेता बनाम सुनैना: गुटबाजी का नया चेहरा
नकली किन्नरों की गिरफ्तारी के बाद बरवाअड्डा में तनाव का नया दौर शुरू हो गया। श्वेता किन्नर ने आरोप लगाया कि सुनैना किन्नर गुट इन नकली किन्नरों को संरक्षण देता है और उनसे हर महीने हफ्ता वसूली करता है। उन्होंने कहा कि थाना से वापस लौटते समय उदयपुर मोड़ के पास सुनैना और उनकी टीम ने उनकी गाड़ी रोककर गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी दी। श्वेता ने सुनैना गुट की सोनाक्षी, सोनम, रीना और मुस्कान किन्नर पर भी हमले का आरोप लगाया। वाहन घेरते और गाली-गलौज करते देख स्थानीय लोग जुटने लगे। लोगों को जुटते देख सुनैना किन्नर एवं उनकी टीम भाग निकली।  श्वेता किन्नर बरवाअड्डा थाना पहूंच कर सुनैना किन्नर एवं उनकी टीम के खिलाफ आवेदन देकर गाली-गलौज एवं जान मारने की धमकी देने की आरोप लगायी है। श्वेता किन्नर ने प्रशासन से जाल माल की सुरक्षा करने की गुहार लगाई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
नकली और असली में फर्क
यह मामला समाज में यह सवाल भी खड़ा करता है कि असली और नकली किन्नरों की पहचान आखिर कैसे की जाए।
असली किन्नरों की पहचान
उनका अपना समूह और गुरु परंपरा होती है।

वे सरकारी योजनाओं से जुड़े हैं और पहचान पत्र भी रखते हैं।

आशीर्वाद लेते समय उनका व्यवहार विनम्र होता है।

वे ज्यादातर शादियों, बच्चों के जन्म और त्योहारों पर ही दिखाई देते हैं।

उनका पहनावा पारंपरिक और सादगीपूर्ण होता है।

नकली किन्नरों की पहचान

वे अकेले या दो-तीन की टीम में घूमते हैं।

जबरन पैसे मांगते और न देने पर गाली-गलौज करते हैं।

उनका मेकअप भड़कीला और कपड़े सस्ते व अजीब होते हैं।

वे अक्सर राहगीरों से मोबाइल या पर्स छीनने की कोशिश करते हैं।

पुलिस की भूमिका
बरवाअड्डा पुलिस ने नकली किन्नरों को पकड़ने और श्वेता-सुनैना विवाद दोनों मामलों में जांच शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नकली किन्नरों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है लेकिन उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई पर विचार चल रहा है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या सच में नकली गिरोह को किसी गुट का संरक्षण मिलता है या नहीं।
लोकल लोगों की राय
बरवाअड्डा के लोकल निवासियों का कहना है कि नकली किन्नरों की वजह से वे लंबे समय से परेशान थे। रोजाना जीटी रोड पर वाहनों को रोककर पैसे मांगना आम बात हो गई थी। कई लोग डर से पैसे दे देते थे, जबकि कुछ लोगों को धमकी और गाली-गलौज का सामना करना पड़ता था। एक दुकानदार ने बताया –“हम असली-नकली का फर्क नहीं समझ पाते। इसलिए मजबूरी में पैसे देने पड़ते थे। अब असली किन्नरों ने खुद कार्रवाई की है, तो उम्मीद है पुलिस भी सख्ती करेगी।”
निष्कर्ष
बरवाअड्डा की घटना ने किन्नर समाज में गुटबाजी और नकली किन्नरों के नेटवर्क दोनों को उजागर कर दिया है। श्वेता किन्नर का कहना है कि उनका अभियान आगे भी जारी रहेगा और समाज की बदनामी करने वाले किसी भी छद्मवेशी को बख्शा नहीं जायेगा। अब देखना होगा कि पुलिस जांच में सुनैना गुट पर लगे आरोपों का सच सामने आता है या नहीं। लेकिन फिलहाल, इस सड़क पर हुई जंग ने यह साफ कर दिया है कि असली और नकली का फर्क समझना समाज के लिए कितना जरूरी है।