बिहार में राज्यसभा उपचुनाव 30 मई को, किंग महेंद्र की सीट पर KC त्यागी को मिल सकता है मौका

चुनाव आयोग नेजेडीयू के राज्यसभा सांसद डॉ. महेंद्र प्रसाद उर्फ किंग महेंद्र के निधन के बाद खाली हुई सीट के लिए उप चुनाव की घोषणा कर दी है। चुनाव आयोग की ओर से गुरुवार को जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, 12 मई से इस सीट पर चुनावी प्रक्रिया शुरू होगी। 30 को वोटिंग होगी। उसी दिन रिजल्ट की भी घोषणा कर दी जायेगी। इस सीट का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 तक होगा।

बिहार में राज्यसभा उपचुनाव 30 मई को, किंग महेंद्र की सीट पर KC त्यागी को मिल सकता है  मौका
  • जातीय समीकरण साधने की होगी कोशिश 

पटना। चुनाव आयोग नेजेडीयू के राज्यसभा सांसद डॉ. महेंद्र प्रसाद उर्फ किंग महेंद्र के निधन के बाद खाली हुई सीट के लिए उप चुनाव की घोषणा कर दी है। चुनाव आयोग की ओर से गुरुवार को जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, 12 मई से इस सीट पर चुनावी प्रक्रिया शुरू होगी। 30 को वोटिंग होगी। उसी दिन रिजल्ट की भी घोषणा कर दी जायेगी। इस सीट का कार्यकाल 2 अप्रैल 2024 तक होगा।

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राज्यसभा उपचुनाव में जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी का नाम सबसे आगे चल रहा है। पॉलिटिकल सोर्सेज के अनुसार, पार्टी उन्हें राज्यसभा भेज एक साथ कई समीकरण साध सकती है। बताया जा रहा है कि दिल्ली में नीतीश कुमार एक सॉफ्ट चेहरा चाह रहे हैं और इसमें वो पूरी तरह फिट बैठते हैं।

पुराने समाजवादी चेहरा, नीतीश के भरोसेमंद, सॉफ्ट स्पोकेन
केसी त्यागी पुराने समाजवादी चेहरा हैं। उनकी पूरी सियासत समाजवाद के ईर्द-गिर्द ही रही है। यही कारण है कि इस सीट के लिए वे नीतीश कुमार की पहली पसंद बन सकते हैं। इसके अलावा पिछली बार उन्हें किसी सीट से ऐडजस्ट नहीं किया गया था। बावजूद वे धैर्य बनाए रखे। इसका इनाम उन्हें मिल सकता है। हरिवंश के राज्यसभा उपसभापति बन जाने के बाद दिल्ली के मीडिया दरबार और JDU के बीच गैप बढ़ गया है। उस गैप को पाटने में केसी त्यागी पूरी तरह फिट बैठते हैं। मीडिया में उनकी छवि सॉफ्ट स्पोकेन नेता की है। इस मामले में वो पूरी तरह नीतीश के भरोसेमंद भी है। किसी भी मुद्दे पर वे उनकी लाइन से इतर नहीं होते हैं। बिना उनको विश्वास में लिए वे कुछ नहीं बोलते हैं। इसके अलावा अगर 2024 में कोई समीकरण बिगड़ता है तो इसमें भी वो अहम भूमिका निभा सकते हैं।

जातिगत बैलेंस बनाने की भी कोशिश
त्यागी जातिगत बैलेंस बनाने के मामले में भी पूरी तरह फिट बैठते हैं। किंग महेंद्र भूमिहार जाति से ताल्लुक रखते थे। केसी त्यागी भी उसी जाति की श्रेणी में आते हैं। नीतीश कुमार को करीब से जानने वाले कहते हैं कि वे कभी भी उद्योगपति को उद्योगपति से रिप्लेस नहीं करते हैं। ऐसे में बिहार के जातीय समीकरण के लिहाज से भी केसी त्यागी नीतीश की पसंद बन सकते हैं।
27 दिसंबर को किंग महेंद्र के निधन के बाद खाली हुई थी सीट
बिहार के सबसे अमीर सांसदों में से एक 81 साल के किंग महेंद्र उर्फ महेंद्र प्रसाद का निधन 27 दिसंबर 2021 को दिल्ली में हुआ था। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। अरिस्टो फार्मास्युटिकल और माप्रा लैबोरेटरीज प्रा. लि. के नाम से उनकी दो दवा कंपनियां थीं। चार हजार करोड़ रुपये से भी ज्या दा संपत्ति के मालिक किंग महेंद्र नेआरजेडी छोड़ JDU में शामिल हुए थे। जेडीयू की ओर से उन्हें लगातार तीन बार राज्येसभा भेजा गया था।किंग महेंद्र प्रसाद 1985 से लगातार राज्यसभा का सदस्य रहे और उनकी गिनती देश के सर्वाधिक अमीर सांसदों में होती रही। अभी उनका कार्यकाल सवा दो वर्ष से कुछ अधिक ही बचा हुआ था। दो अप्रैल, 2024 को उनका कार्यकाल पूरा होने वाला था। रिक्त सीट पर छह माह के अंदर चुनाव कराने की बाध्यता होती है। इस तथ्य के साथ चुनावी जानकार बता रहे कि राष्ट्रपति चुनाव भी राज्यसभा की इस रिक्त सीट पर चुनाव का एक कारण है।