RBI ने रेपो रेट में किया 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी, होम, कार और पर्सनल लोन होगा महंगा

आबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को रेपो दर में 50 बेसिस प्‍वाइंट की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। इससे जल्द ही बैंक अब होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन की EMI में बढ़ोतरी कर सकते हैं।आरबीआई गवर्नर ने ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कि केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर में 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने के लिए वोट किया है। अब यह रेट 4.90 परसेंट हो गई है।

RBI ने रेपो रेट में किया 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी, होम, कार और पर्सनल लोन होगा महंगा

नई दिल्ली। आबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को रेपो दर में 50 बेसिस प्‍वाइंट की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। इससे जल्द ही बैंक अब होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन की EMI में बढ़ोतरी कर सकते हैं।आरबीआई गवर्नर ने ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कि केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर में 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने के लिए वोट किया है। अब यह रेट 4.90 परसेंट हो गई है।

यह भी पढ़ें: झारखंड: हेमंत सोरेन चलायेंगे ट्रक, बीजेपी चलायेगी सरकार: नीलकंठ सिंह मुंडा

रेपो रेट और EMI का कनेक्शन
रेपो रेट वो दर होती है जिस पर RBI से बैंकों को लोन मिलता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते है जिस दर पर बैंकों को RBI पैसा रखने पर इंटरेस्ट देती है। जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंक भी ज्यादातर समय इंटरेस्ट को कम करते हैं। यानी कस्टमर्स को दिए जाने वाले लोन की इंटरेस्ट रेट कम होती हैं, साथ ही EMI भी घटती है। इसी तरह जब रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है, तो इंटरसेट् रेट में बढ़ोतरी के कारण कस्टमर्स के लिए लोन महंगा हो जाता है। 

पांच वीक में दूसरी बार बढ़ा रेपो रेट 

RBI ने 8 जून को मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद पांच वीक में दूसरी बार रेपो रेट में बदलाव किया है। इससे पहले पिछले माह चार मई 2002 को ही आरबीआई ने अचानक रेपो रेट में 0.40 बेसिस प्वाइंट के इजाफे का ऐलान किया था। वही आरबीई की तरफ से पांच वीक बाद आज यानी आठ जून 2022 को फिर रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है।आरबीआई की तरफ से ग्‍लोबल मार्केट में कमोडिटी की बढ़ती कीमतों एवं पेट्रोल-डीजल सहित अन्य ईंधन के बढ़ते दबाव की वजह से रेपो रेट में बदलाव किया है।

मई-जून में रिटेल महंगाई दर के 7.5 परसेंट रहने का अनुमान  

आरबीआई की तरफ से रिटेल महंगाई देर अप्रैल-जून की तिमाही में 7.5 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया गया है। जबकि दूसरी तिमाही के दौरान रिटेल महंगाई दर 7.4% रहने का अनुमान है। जबकि वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में यह आंकड़ा 6.2 फीसदी हो सकता है। जबकि चौथी तिमाही में रिटेल महंगाई दर 5.8 फीसदी हो सकती है।आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 31 मई को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी अनुमानों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की जीडीपी विकास दर के 8.7% रहने का अनुमान है। जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में वास्तविक जीडीपी महामारी यानी 2019-20 के स्तर से ज्यादा है।
क्रेडिट कार्ड के जरिए भी होगा UPI पेमेंट
RBI ने क्रेडिट कार्ड को यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) से जोड़ने का ऐलान किया है। इसकी शुरुआत Rupay क्रेडिट कार्ड से की गई है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज UPI के माध्यम से Rupay क्रेडिट कार्ड से भुगतान की अनुमति दे दी है। वर्तमान में, UPI यूजर्स डेबिट कार्ड के माध्यम से सेविंग्स या करेंट अकाउंट को जोड़कर लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है। दास ने कहा कि नई व्यवस्था से ग्राहकों को यूपीआई प्लेटफॉर्म के माध्यम से भुगतान करने में अधिक अवसर और सुविधा मिलने की उम्मीद है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वर्तमान में 26 करोड़ से अधिक यूजर्स और 5 करोड़ कारोबारी यूपीआई प्लेटफॉर्म पर शामिल हैं। अकेले मई 2022 में यूपीआई के माध्यम से 10.40 लाख करोड़ रुपये के 594.63 करोड़ लेनदेन किये गये थे। 

आरबीआई के अहम फैसले
रेपो रेट को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत किया गया। पांच सप्ताह में यह रेपो दर में दूसरी बढ़ोतरी है।
चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 5.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत किया गया।
2022-23 के लिए आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार।
क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ा जाएगा। रूपे क्रेडिट कार्ड पहले जुड़ेंगे।
ग्रामीण सहकारी बैंकों को वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र को कर्ज देने की अनुमति।
शहरी सहकारी बैंक घर के दरवाजे पर बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करा सकेंगे।
इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से नियमित अंतराल पर जरूरी सेवाओं के लिये खुद-ब-खुद होने वाले भुगतान को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये किया गया।