प्रशांत  किशो्र 29 अप्रैल को हो सकते हैं कांग्रेस में शामिल, पार्टी को दिया है 600 पेज का प्रेजेंटेशन

कांग्रेस प्रसिडेंट सोनिया गांधी व टॉप लीडर्स के साथ दो वीक में दो बार हुई  बातचीत के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अगले कुछ दिनों में पार्टी में शामिल हो सकते हैं।

प्रशांत  किशो्र 29 अप्रैल को हो सकते हैं कांग्रेस में शामिल, पार्टी को दिया है 600 पेज का प्रेजेंटेशन
  • आज फिर है सोनिया गांधी के साथ बैठक
  • पीके के प्रोपोजल का मूल्यांकन कर कांग्रेस कर रही है 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी 

नई दिल्ली। कांग्रेस प्रसिडेंट सोनिया गांधी व टॉप लीडर्स के साथ दो वीक में दो बार हुई  बातचीत के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अगले कुछ दिनों में पार्टी में शामिल हो सकते हैं। न्यूज एजेंसी एएनआइ के सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के नेता अभी भी संगठन को मजबूत करने के लिए उनके द्वारा प्रस्तुत की गई लगभग 600 स्लाइडों की जांच कर रहे हैं। कांग्रेस प्रसिडेंट सोनिया गांधी एक बार फिर शुक्रवार को प्रशांत किशोर के साथ बातचीत करेंगी।

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 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर पीके काफी गंभीर

बताया जाता है कि प्रशांत किशोर बिना किसी शर्त कांग्रेस में शामिल तो होना चाहते हैं। इसके अलावा कांग्रेस के नये अवतार के लिए पीके ने कांग्रेस 2.0 की रणनीति तैयार की है। पीके की नई रणनीति में कांग्रेस का नया अवतार होना तय है।पिछले हफ्ते सोनिया गांधी समेत कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के साथ प्रशांत किशोर पहली बैठक हुई थी। जिसमें कांग्रेस के लिए एक पुनरुद्धार योजना और राज्यों के साथ-साथ आगामी चुनाव जीतने की रणनीति की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। खासकर साल 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर पीके काफी गंभीर है।

पीके की योजनाओं पर राहुल गांधी ने भी सहमति जताई

अपनी पहली प्रस्तुति को पीके कांग्रेस के चुनिंदा नेताओं के बीच रख चुके हैं। उन योजनाओं पर राहुल गांधी ने भी सहमति जताई है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान ने पीके को लेकर पार्टी के दिग्गज नेताओं से चर्चा भी की है। पीके के करीबी सोसेर्ज ने न्यूज एजेंसी एएनआइ को बताया कि वह अगले तीन से चार दिनों में कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में शामिल होने की बात सिर्फ सोनिया गांधी और प्रशांत किशोर के बीच है। पीके की सोनिया के साथ मीटिंग के दौरान राहुल और प्रियंका गांधी भी मौजूद थे। पीके का प्रेजेंटेशन कांग्रेस के कुछ चुनिंदा लीडर्स को ही दिया गया है। उनसे इस पर दो फीडबैक मांगे गये हैं। पहला- प्रेजेंटेशन कैसा है। दूसरा- प्रशांत को कांग्रेस में शामिल किए जाने के बारे में है।इस प्लान को कांग्रेस 2.0 कहा जा रहा है। NDTV के अनुसार, प्लान में 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने पर फोकस किया गया है। प्लान में 1984 से 2019 के बीच कांग्रेस के सिलसिलेवार कारणों का भी उल्लेख है।

पीके के प्लान की खास बातें
सोनिया गांधी कांग्रेस प्रेसिडेंट बनें। पार्टी में एक वर्किंग प्रेसिडेंट या वाइस प्रेसिडेंट गांधी फैमिली से बाहर का होना चाहिए। राहुल गांधी को पार्लियामेंट्री बोर्ड का चीफ बनाया जाना चाहिए। नॉन गांधी वर्किंग या वाइस प्रेसिडेंट सीनियर लीडरशिप के आदेशों का पालन करे। कांग्रेस को आम नागरिकों के बीच पैठ बनानी होगी। इस दौरान अपने सिद्धातों का पालन करना होगा। सहयोगियों को भरोसे में लेना होगा।भाई-भतीजावाद से दूर रहकर ‘एक परिवार-एक टिकट के फॉर्मूले पर चलना होगा। हर स्तर पर चुनाव के जरिए ही पार्टी प्रतिनिधि चुने जाएं।

प्रेसिडेंट और वर्किंग कमेटी समेत हर पोस्ट के लिए कार्यकाल हो तय
प्रेसिडेंट और वर्किंग कमेटी समेत हर पोस्ट के लिए कार्यकाल तय हो। 15 हजार जमीनी नेताओं के साथ एक करोड़ कार्यकर्ता मुस्तैदी से काम करें।लगभग 200 प्रभावी लोगों, एक्टिविस्ट्स और सिविल सोसायटी के लोगों का ग्रुप बनाया जाए।पीके ने गठबंधन से जुड़े मुद्दे को सुलझाने और पार्टी के कम्युनिकेशन सिस्टम में बदलाव करने की जरूरत पर भी जोर दिया है। PK के प्रेजेंटेशन की शुरुआत महात्मा गांधी के कोट- The Indian National Congress… cannot be allowed to die, it can only die with the nation. से हुई है, जिसका मतलब है- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को कभी मरने नहीं दिया जा सकता, यह सिर्फ राष्ट्र के साथ मर सकती है।
बताया जाता है कि प्रशांत किशोर ने जो प्रेजेंटेशन दिया है, उसे उन्होंने सोनिया गांधी को पिछले साल जून में दिया था। इसमें भारत की जनसंख्या, वोटर, विधानसभा सीटें, लोकसभा सीटों तक के आंकड़े रखे गये हैं। उन्होंने महिलाओं, युवाओं, किसान और छोटे व्यापारियों की संख्या तक का जिक्र किया है। इसमें 2024 में 13 करोड़ फर्स्ट टाइम वोटर्स पर भी फोकस किया गया है।
1984 के बाद ऐसे घटा वोट परसेंटेज
प्रशांत किशोर ने अपने प्रेजेंटेशन में बताया कि अभी कांग्रेस के राज्यसभा और लोकसभा में 90 एमपी हैं। विभिन्न विधानसभाओं में 800 एमएलए हैं। कांग्रेस की तीन स्टेट में सरकार है। तीन स्टेट में कांग्रेस सहयोगी दलों के साथ सरकार में है। वहीं, 13 स्टेट में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है।तीन स्टेट में कांग्रेस सहयोगियों के साथ मुख्य विपक्षी है। पीके ने अपने प्रेजेंटेशन में बताया कि 1984 के बाद कैसे कांग्रेस का वोट परसेंटेज लगातार घटा है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि यह साल 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बारे में है। अपने प्रेजेंटेशन में पीके ने वर्षवार पार्टी के बड़े पतन के कारणों को सूचीबद्ध किया है। खासकर 1984 से 2019 तक।

पीके ने दिया कांग्रेस की सत्ता में वापसी के तीन फॉर्मूले
पीके ने कांग्रेस को फिर से सत्ता में लाने के लिए तीन फॉर्मूले बताये हैं। पहला- कांग्रेस पूरे देश में सिर्फ अकेले चुनाव लड़े। दूसरा- कांग्रेस भाजपा और मोदी को हराने के लिए सभी पार्टियों के साथ आए और UPA को मजबूत करे। तीसरा- कुछ जगहों पर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़े। कुछ जगहों पर सहयोगियों के साथ मिलकर लड़े। इस दौरान कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी की छवि को भी बरकरार रखे।
पीके का प्रजेंटेशन का मेन प्वाइंट
पबब्लिक के लिए एक नई कांग्रेस का निर्माण।
पार्टी के मूल्यों और मूल सिद्धांतों की रक्षा करना।
चाटुकारिता की भावना को नष्ट करना।
गठबंधन की पहेली को सुलझाना।
भाई-भतीजावाद का मुकाबला करने के लिए 'एक परिवार, एक टिकट' फॉर्मूला।
सभी लेवल पर चुनाव के माध्यम से संगठनात्मक निकायों का पुनर्गठन।
कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस कार्यसमिति सहित सभी पदों के लिए निश्चित कार्यकाल।
15 हजार जमीनी स्तर के नेताओं को पहचानें।
सार्थक रूप से जोड़ें और पूरे देश में एक करोड़ जमीनी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना।

2024 की लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 370 सीटों पर देना चाहिए ध्यान
प्रशांत किशोर ने अपने प्रेजेंटेशन में सुझाव दिया था कि कांग्रेस को उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा में अकेले लड़ना चाहिए। पार्टी को तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में गठबंधन बनाना चाहिए। प्रशांत किशोर के इस सुझाव पर राहुल गांधी सहमत हो गये हैं। पार्टी के सीनीयर लीडर्स के साथ हुई बैठक में पीके ने कहा था कि कांग्रेस को 2024 के आम चुनावों के लिए 370 लोकसभा क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए। ये बैठकें इस साल गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की चुनावी तैयारियों की पृष्ठभूमि में भी हो रही हैं।