Niraj Singh Murder Case Dhanbad: नीरज सिंह मर्डर केस में कोर्ट का बड़ा फैसला, फर्जी सबूत को ले IO और APP को नोटिस
धनबाद नीरज सिंह मर्डर केस में बड़ा फैसला, अदालत ने IO निरंजन तिवारी और APP सत्येंद्र कुमार राय को नोटिस जारी किया। अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी।

धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद के बहुचर्चित एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर केस से बाइज्जत बरी हुए झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह के आवेदन पर कोर्ट ने बड़ा आदेश पारित किया है।
यह भी पढ़ें:Niraj Singh Murder Case Dhanbad: पुलिस जांच पर उठे सवाल, कोर्ट ने सभी आरोपियों को किया बरी
संजीव सिंह के अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने बताया कि धनबाद एमपी एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज दुर्गेश चंद्र अवस्थी की कोर्ट ने कांड के अनुसंधानकर्ता निरंजन तिवारी एवं मुकदमे का संचालन करने वाले अपर लोक अभियोजक सत्येंद्र कुमार राय के विरुद्ध नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। इस पर सुनवाई के लिए आठ सितंबर की तारीख निर्धारित की है।
संजीव सिंह की ओर से 20 अगस्त 2025 को कोर्ट में आवेदन देकर केस के आई्ओ निरंजन तिवारी व अपर लोक अभियोजक (एपीपी) सत्येंद्र कुमार राय के विरुद्ध शिकायतवाद दर्ज कराकर जांच और कार्रवाई करने की गुहार लगायी गयी थी। अधिवक्ता जावेद ने बताया कि तीनों के विरुद्ध कोर्ट में धारा 230, 231 भारतीय न्याय संहिता के तहत मुकदमा चलाने की प्रार्थना की गयी थी।
उन्होंने बताया कि आवेदन में कहा गया है कि हत्या जैसे जघन्य अपराध, जिसमें दोष सिद्धि होने पर आजीवन कारावास या फांसी तक की सजा हो सकती है। संजीव सिंह को सजा दिलाने के लिए आईओ निरंजन तिवारी ,अपर लोक अभियोजक सत्येंद्र कुमार राय ने सूचक अभिषेक सिंह के साथ मिलकर फर्जी सबूत तैयार किया। फर्जी सबूत कोर्ट में पेश किये गये। उन्होंने बताया कि आईओ ने आदित्य राज के मोबाइल का फर्जी सीडीआर बनाया ताकि उसे घटनास्थल पर दिखाया जा सके।
इस बात की फर्जी इंट्री केस डायरी में की। कोर्ट में भी झूठा बयान दिया, ताकि संजीव सिंह को सजा दिलवाई जा सके। अपर लोक अभियोजक ने 13 अगस्त 20 25 को सूचक के साथ मिलकर संजीव सिंह के मोबाइल का फर्जी दो पन्ने का सीडीआर कोर्ट में दायर किया। बताया कि यह प्रदर्श 16/4 है, जबकि प्रदर्श 16/4 वह दस्तावेज था। जिसे नोडल आफिसर द्वारा कोर्ट में साबित किया गया था। उसमें नोडल आफिसर आनंद माधव मिश्रा ने कहा था कि 15 मार्च 17 से लेकर 23 मार्च 17 तक आदित्य राज का लोकेशन गिरिडीह था।
जावेद ने कहा कि अभियोजक का काम कभी भी किसी अभियुक्त को सजा दिलाने का नहीं होता बल्कि न्याय वितरण व्यवस्था में सहयोग करना होता है। कोर्ट के फैसले से भी यह साबित हुआ कि आदित्य राज को फर्जी तरीके से घटनास्थल का चश्मदीद गवाह बताया गया था। उसका फर्जी कॉल डिटेल्ट दिया गया था।
21 मार्च 2017 की सरेशाम चार लोगों की हुई थी मर्डर
सरायढेला स्टील गेट में 21 मार्च 2017 की शाम धनबाद के एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों को बाईक सवार शूटरों ने गोलियों से भून दिया गया था। एक्स डिप्टी मेयर सह कांग्रेस लीडर नीरज सिंह अपनी फॉर्च्यूनर (जेएच10एआर-4500) से झरिया से सरायढेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे। फॉर्च्यूनर में नीरज सिंह अपने ड्राईवर घोल्टू महतो के साथ आगे की सीट पर बैठे थे। पीछे की सीट पर उनके सहायक सरायढेला न्यू कालोनी निवासी अशोक यादव और प्राइवेट बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी बैठे थे। सरायढेला के स्टील गेट के पास बने 15 स्पीड ब्रेकर के कारण फॉर्च्यूनर धीमी होते ही घात लगाये बाइक सवार हमलावरों ने गाड़ी को चारों ओर से घेर लिया। आधुनिक आर्म्स से हुई अंधाधुंध फायरिंग में 50 से अधिक गोलियां चली।नीरज सिंह समेत अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घोलटू महतो की भी मौके पर ही मौत हो गयी थी।
सरायढेला पुलिस स्टेशन में 23 मार्च को दर्ज हुई एफआइआर, चिरकुंडा थानेदार बने आईओ
नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह उर्फ गुड्डू सिंह की लिखित कंपलेन पर 23 मार्च को संजीव सिंह, मनीष सिंह, पिंटू सिंह, महंथ पांडेय व गया सिंह के खिलाफ सरायढेला पुलिस स्टेशन में कांड संख्या 48/2017 के तहत एफआइआर दर्ज की गयी थी। पुलिस इंस्पेक्टर सह सरायढेला पुलिस स्टेशन के इंचार्ज अरविंद कुमार ने एफआइआर दर्ज कर सीनीयर अफसरों के आदेश पर केस का आईओ पुलिस इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी चिरकुंडा निरंजन तिवारी को बना दिया। एसएसपी ने सरायढेला थानेदार अरविंद कुमार को लाइन क्लोज कर चिरकुंडा थानेदार निरंजन तिवारी को सरायढेला थाना प्रभारी बना दिया।