नई दिल्ली: देश में कोरोना की थर्ड वेव का कारण बन सकता है 'डेल्टा प्लस' वैरिएंट 

देश के कई स्टेट में कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक स्वरूप 'डेल्टा प्लस' वैरिएंट के नये मामले सामने आये हैं। डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि वायरस का नया 'डेल्टा प्लस' वैरिएंट कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है।

नई दिल्ली:  देश में कोरोना की थर्ड वेव का कारण बन सकता है 'डेल्टा प्लस' वैरिएंट 

नई दिल्ली। देश के कई स्टेट में कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक स्वरूप 'डेल्टा प्लस' वैरिएंट के नये मामले सामने आये हैं। डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि वायरस का नया 'डेल्टा प्लस' वैरिएंट कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है।यह नया 'डेल्टा प्लस' वैरिएंट भारत में सबसे पहले सामने आए 'डेल्टा या 'B.1.617.2 वैरिएंट में सेकेंड लहर आने की एक वजह 'डेल्टा' वैरिएंट भी था।

कितना घातक है कोविड-19 का डेल्टा प्लस वैरिएंट, क्या होंगे इसके लक्षण? 
दिल्ली एम्स में बयोकेमेस्ट्री विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शुभ्रदीप कर्माकर ने कहा कि जो नया डेल्टा वैरिएंट आया है वह काफी संक्रामक है। ये बीमारी दोबारा अक्सर नये वैरिएंट के साथ आती है जो और भी खतरनाक हो सकता है। इस वायरस की प्रकृति म्यूटेट करने की है। डॉ. कर्माकर ने कहा कि  इंडियन गवर्नमेंट जो वैक्सीन इस्तेमाल कर रही है वो बहुत प्रभावी है। इससे बहुत सुरक्षा मिलती है। जो भी लोग पात्र हैं वे वैक्सीन जरूर लगवाएं। में पाया गया है वैक्सीन से  बीमारी की तीव्रता, हॉस्पीटल में एडमिट होने और मृत्यु की संभावना बहुत कम हो जाती है। 

डॉ. कर्माकर ने कहा कि डेल्टा प्लस में अतिरिक्त म्यूटैंट K417N है, जो डेल्टा (B.1.617.2) को डेल्टा प्लस में बदलता है। अटकलें हैं कि यह म्यूटैंट अधिक संक्रामक है। यह अल्फा वैरिएंट की तुलना में 35-60% अधिक इंडिया में यह संख्या अभी भी बहुत कम है। यह अब भी रुचि का एक वैरिएंट है।अभी चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि संक्रमित लोगों की संख्या कम है।उन्होंने बताया कि हर वैरिएंट एक अलग तरह की क्लीनिकल प्रतिक्रिया के साथ आता है। पिछले वैरिएंट में संक्रमित पेसेंट में ऑक्सीजन लेवल गिर रहा था, लेकिन अभी हमें यह नहीं पता कि डेल्टा प्लस वैरिएंट में किस तरह के परिणाम देखने को मिलेंगे।