नई दिल्ली: आरजेडी के राज्यसभा एमपी अमरेंद्र धारी सिंह के  ED ने मनी लॉड्रिंग मामले में किया अरेस्ट

ईडी ने खाद घोटाले आरजेडी के राज्यसभा मेंबर अमरेंद्र धारी सिंह उर्फ एडी सिंह को गुरुवार को अरेस्ट किया है। देश की राजधानी दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी से उन्हें अरेस्ट किया गया है। ईडी ने अमरेंद्र धारी के मुंबई, दिल्ली और हरियाणा समेत 13 ठिकानों पर रेड करने के बाद अरेस्ट की है। 

नई दिल्ली: आरजेडी के राज्यसभा एमपी अमरेंद्र धारी सिंह के  ED ने मनी लॉड्रिंग मामले में किया अरेस्ट
अमरेंद्र धारी सिंह(फाइल फोटो)।
  • एक्स सीएम लालू यादव के हैं करीबी 

नई दिल्ली। ईडी ने खाद घोटाले आरजेडी के राज्यसभा मेंबर अमरेंद्र धारी सिंह उर्फ एडी सिंह को गुरुवार को अरेस्ट किया है। देश की राजधानी दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी से उन्हें अरेस्ट किया गया है। ईडी ने अमरेंद्र धारी के मुंबई, दिल्ली और हरियाणा समेत 13 ठिकानों पर रेड करने के बाद अरेस्ट की है। 

एडी क्यों हुए अरेस्ट?
ईडी ने कथित उर्वरक घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग और 685 करोड़ रुपये की रिश्वत के मामले की जांच के सिलसिले में एमपी अमरेंद्र धारी सिंह को अरेस्ट किया है। एडी को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) में अरेस्ट किया गया। सीबीआई 2007-14 के बीच इफको के एमडी यू एस अवस्थी और इंडियन पोटाश लिमिटेड के एमडी परविंदर सिंह गहलोत के प्रवासी भारतीय बेटों और अन्य द्वारा विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से कथित तौर पर 685 करोड़ रुपये का इलिगल कमीशन हासिल करने के मामले की जांच कर रहा है। इन लोगों पर अगस्ता वेस्टलैंड मामले में आरोपी राजीव सक्सेना की मदद से हुए लेन-देन के जरिए यह कमीशन लेने का आरोप है।  कहा जाता है एमपी अमरेंद्रधारी सिंह इस मामले में संलिप्त फर्म 'ज्योति ट्रेडिंग कॉरपोरेशन' के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट हैं। मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनकी भूमिका ईडी की जांच के दायरे में है। कोर्ट से उनकी कस्टडी हासिल करने के बाद एजेंसी उनसे आगे पूछताछ करेगी।

क्या है गड़बड़ी
सीबीआई ने एफआइआर में आरोप लगाया है कि लेन-देन में एक जटिल नेटवर्क के जरिए खादों और कच्ची सामग्रियों के सप्लायर्स से कमीशन लिया गया। अवस्थी और गहलोत को दिये गये कमीशन को छिपाने के लिए कंसल्टेंसी समझौतों की आड़ में घुमावदार रास्तों से ये अवैध लेन-देन किये गये। गहलोत ने कथित तौर पर बढ़ी हुई कीमतों पर उर्वरकों और कच्ची सामग्रियों का आयात किया।अगस्तावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर मामले में रिश्वत भेजने के लिए कथित तौर पर इसी तरह के तौर-तरीके का इस्तेमाल किया गया था जिसमें सक्सेना के खिलाफ जांच चल रही है। इफको कई राज्यों में काम करने वाली सहकारी कंपनी है, जबकि आईपीएल उसकी एक सहयोगी है जो उन उर्वरकों की सप्लाई करती है। इनकी कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार सब्सिडी देती है। सीबीआई का आरोप है कि 2007-14 के बीच ऊंची सब्सिडी हासिल करने के लिए अवस्थी और गहलोत ने एक आपराधिक साजिश के तहत विभिन्न विदेशी सप्लायर्स से बढ़ी हुई कीमतों पर उर्वरकों का आयात किया जिनमें दोनों के कमीशन शामिल थे।
     
एडी का कनेक्शन
सीबीआई के मुताबिक कमीशन के पैसे अमेरिका में रहने वाले अवस्थी और गहलोत के बेटों और अन्य आरोपियों के जरिए इंडिया से बाहर भेजे गए। प्राथमिकी के मुताबिक सक्सेना और उसके सहयोगियों ने अपने समूह की कंपनियों के खाते और जैन, गहलोत के बेटे विवेक, अवस्थी के बेटे अमोल और एडी सिंह के प्राइवेट अकाउंट में 60 रुपये प्रति डॉलर की लेन-देन दर पर लगभग 685 करोड़ रुपए (11.43 करोड़ डॉलर) का इलिगल कमीशन हासिल किया। एफआइआर में कहा गया कि जानकारी मिली है कि रिश्वत के पैसे यू एस अवस्थी के बेटों अमोल अवस्थी और अनुपम अवस्थी और परविंदर सिंह गहलोत के बेटे विवेक गहलोत को मिले। तीनों अमेरिका में रहने वाले प्रवासी भारतीय हैं। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि अमोल अवस्थी और अनुपम अवस्थी और विवेक गहलोत को उनके स्वामित्व वाली कंपनियों के अकाउंट में या कैश के रुप में जैन के रेयर अर्थ ग्रुप के जरिए करीब 8.02 करोड़ डॉलर (करीब 481 करोड़ रुपये) और बाकी 3.41 करोड़ डॉलर (करीब 204 करीब रुपए) मिले।
पटना विक्रम के रहने वाले हैं अमरेंद्र धारी 
करोड़ों की संपत्ति के मालिक अमरेंद्र सिंह धारी उर्फ एडी सिंह का पटना की पाटलिपुत्र कॉलोनी में आलीशान घर है। विक्रम इलाके में भी उनकी जमीन है। एडी सिंह का 13 देशों में खाद और रसायनों के आयात का कारोबार है। अमरेंद्र सिंह धारी उर्फ एडी सिंह का कई जगहों पर रियल स्टेट, फर्टिलाइजर और कैमिकल एक्सपोर्ट का बिजनेस है। आरजेडी ने पिछले साल ही एडी सिंह को राज्यसभा भेजा था। चुनावी हलफनामे के मुताबिक एडी दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में रहते हैं और किरोड़ी मल कॉलेज से ग्रैजुएट हैं। अविवाहित एडी सिंह लगभग 237 करोड़ की चल-अचल संपत्ति के मालिक हैं। राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और मुंबई में जमीन, अपार्टमेंट और ऑफिस हैं। हलफनामें मे उन्होंने यह भी बताया था कि 2019-20 में उन्होने लगभग 24 करोड़ रुपए इनकम टैक्स दिया था।1980 में दिल्ली विश्वविद्यालय के करोड़ीमल कॉलेज से स्नातक ऑनर्स की डिग्री हासिल की है। इससे पहले 1976 में उन्होंने सेंट माइकल हाइस्कूल से सीनियर कैम्ब्रिज की परीक्षा पास की है।

बताया जाता है कि एडी फर्टिलाइजर के कारोबार से जुड़े हुए हैं। उनका बिजनेस 13 देशों में चलता है। 90 के दशक की शुरुआत में दिल्ली के एक प्रभावशाली नौकरशाह ने उन्होंने खादों के आयात-निर्यात का लाइसेंस दिलवाने में मदद की थी। तब से ही वह निजी कंपनियों के लिए खाद का आयात करते हैं और खाड़ी के देशों से लेकर रूस तक में निर्यात भी करते हैं। भूमिहार समाज के 61 साल के अमरेंद्र धारी पटना जिले के विक्रम के रहने वाले हैं। पालीगंज के अंइखन गांव में उनके पास एक हजार बीघा जमीन है। रियल एस्टेट में भी डील करते हैं। 

करोड़पति हैं अमरेंद्र धारी सिंह
राज्यसभा चुनाव में दिये गये एफिडेविट के अनुसार 2018-19 में धारी के पास 74,11,59, 118 रुपये की आय बतायी है।इनके पास मौजूद चल और अचल संपत्ति का कुल मूल्य 2.38 अरब है। शपथपत्र में बताया गया है कि उनकी चल संपत्ति का कुल मूल्य 1,88,56,97,162.73 (1.88 अरब) रुपये है। अचल संपत्ति 49.60 करोड़ की है।