म्यांमार: आर्मी ने  लोकतंत्र की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसायी, 90 से ज्यादा लोगों की मौत

म्यांमार आर्मी ने शनिवार को देश के अन्य इलाकों में पिछले महीने हुए तख्तापलट के विरोध में लोकतंत्र की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसायी। फायरिंग में मरने वाले लोगों की संख्या 90 से ज्यादा बतायी गयी है।

म्यांमार: आर्मी ने  लोकतंत्र की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसायी, 90 से ज्यादा लोगों की मौत
  • तख्तापलट का विरोध करने वालों की बिछा दीं लाशें

यांगून। म्यांमार आर्मी ने शनिवार को देश के अन्य इलाकों में पिछले महीने हुए तख्तापलट के विरोध में लोकतंत्र की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसायी। फायरिंग में मरने वाले लोगों की संख्या 90 से ज्यादा बतायी गयी है।
विरोध दर्शनों में अब तक 400 से ज्यादा लोगों की मौत
तख्तापलट के विरोध में पिछले एक फरवरी से जारी प्रदर्शनों में अब तक 400 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। म्यांमार में प्रदर्शनकारियों पर शनिवार को जब गोलियां बरसाई जा रही थीं तो उसी समय राजधानी नेपीता में परेड के साथ वार्षिक सशस्त्र बल दिवस का अवकाश मनाया।परेड के दौरान सैन्य शासक वरिष्ठ जनरल मिन आंग ने कहा कि सेना लोगों की सुरक्षा करेगी। सरकारी टेलीविजन ने शुक्रवार को आगाह किया था कि प्रदर्शनकारियों को गोली मारी जा सकती है। इस चेतावनी की परवाह किये बिना बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी यंगून और मांडले समेत दो दर्जन से ज्यादा शहरों की सड़कों पर उतर गये। म्यांमार नाउ न्यूज पोर्टल के अनुसार, देशभर में सुरक्षा बलों की फायरिंग में 91 लोगों की जान गई है। देश के सबसे बड़े शहर यंगून में 24 लोगों की मौत हुई। मांडले में पांच साल के एक बच्चे समेत 29 लोग मारे गये हैं। 
पक्षियों की तरह मार रही है आर्मी
सैन्य शासन विरोधी समूह सीआरपीएच के प्रवक्ता डॉ. सासा ने कहा है कि 'सुरक्षा बलों के लिए आज का दिन शर्म करने वाला है। मध्य म्यांमार के मिंग्यान शहर में रहने वाले एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हमें पक्षियों की तरह मार रहे हैं। हम इसके बावजूद संघर्ष जारी रखेंगे। हमें सैन्य शासन खत्म होने तक लड़ना होगा।' इस शहर में भी दो प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है। म्यांमार में यूरोपीय यूनियन (ईयू) के डेलीगेशन ने कहा कि इस देश के 76वें सशस्त्र बल दिवस को आतंक और अपमान दिवस के तौर पर याद रखा जायेगा। बच्चों समेत निहत्थे नागरिकों की मर्डर की जा रही है। 
आर्मी शासन पर बढ़ रहा इंटरनेशनल प्रेशर
म्यांमार में तख्तापलट कर सत्ता पर काबिज होने वाली आर्मी पर इंटरनेशनल प्रेशर बढ़ता जा रहा है। अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने इस देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों और सेना से जुड़ी कई कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिये हैं। हालांकि चीन ने म्यांमार में तख्तापलट का खुलकर विरोध नहीं किया। यह माना जा रहा है कि म्यांमार की सेना के साथ उसके करीबी संबंध हैं। 
कस्टडी में हैं आंग सान सू की
सेना गत एक फरवरी को नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) की सरकार का तख्तापलट कर सत्ता पर काबिज हो गई। अपदस्थ सर्वोच्च नेता आंग सान सू की सहित कई टॉप लीडर कस्टडी में हैं। आर्मी ने आंग सान पर रिश्वत लेने और अवैध रूप से संचार उपकरण आयात करने के आरोप लगाये हैं। आर्मी ने कहा था कि गत नवंबर में हुए चुनाव में धांधली हुई थी। इसी के चलते वह सत्ता पर काबिज हुई है।