KBC 2020: कतरास की बेटी रूबी सिंह ने केबीसी में जीता 25 लाख, कटिहार में हैं टीचर

कतरास के खरखरी एरिया की रूबी सिंह ने कौन बनेगा करोड़पति के 12 वें सीजन में 25 लाख का पुरस्कार जीता है। उन्होंने शुक्रवार को प्रसारित एपिसोड में 13वें सवाल का सही जबाव देकर 25 जीता। 

KBC 2020: कतरास की बेटी रूबी सिंह ने केबीसी में जीता 25 लाख, कटिहार में  हैं टीचर
  • 13 वां सवाल वानर राज सुग्रीव की वाइफ का का नाम बताकर जीता 25 लाख
  • 14वां प्रश्न का जवाब रूबी नहीं दे सकीं, गेम बीच में ही छोड़ दिया

धनबाद। कतरास के खरखरी एरिया की रूबी सिंह ने कौन बनेगा करोड़पति के 12 वें सीजन में 25 लाख का पुरस्कार जीता है। उन्होंने शुक्रवार को प्रसारित एपिसोड में 13वें सवाल का सही जबाव देकर 25 जीता। 

अमिताभ बच्चन ने 13वां  सवाल अमिताभ बच्चन ने पूछा कि अज़ीम उश शान किस मुगल शासक के पौत्र थे जिनके नाम पर 1704 में पटना का नाम अजीमाबाद कर दिया गया था। इसका सही जवाब औरंगजेब था। जवाब न देने पर केबीसी होस्ट कर रहे अमिताभ बच्चन ने सवाल बदल दिया। इसके बाद अमिताभ ने रूबी से सवाल पूछा कि, वाल्मीकि रामायण के अनुसार सुग्रीव की पत्नी का क्या नाम था, जिसे बाली ने बलपूर्वक छीन लिया था। रूबी ने इस सवाल का जबाव लाइफलाइन लेकर दिया और 25 लाख जीत लिया। बाली की पत्नी का नाम रूमा था। अमिताभ बच्चन ने रूबी से 14वां सवाल में  पूछा कि प्रश्न भारत में प्रकाशित होने वाला पहला समाचार पत्र कौन सा था। रूबी इसका जवाब नहीं दे सकीं। उन्होंने गेम बीच में ही छोड़ना उचित समझा। इस सवाल सही जवाब हिकीज बंगाल गजट था। शो में रूबी के साथ उनके हसबैंड  राजकुमार सिंह भी मौजूद थे।

केबीसी में जाने के लिए 10 साल से कर रही थी कोशिश
रूबी ने पिछले मई केबीसी का टेलिफोनिक ऑडिशन दिया था। कई फेज  के बाद रूबी का चयन फाइनल राउंड के लिए हुआ। केबीसी के फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट में सबसे तेज जवाब देकर रूबी अमिताभ बच्चन के साथ हॉट सीट पर पहुंचीं( अब स्वर्गीय) मिलकर केबीसी की हॉट सीट तक पहुंचने की कोशिश करते थे। लेकिन सफल नहीं हो पाया। उनके पिता का वर्ष 2017 में निधन हो गया। रूबी को अफसोस है कि केबीसी की हॉट सीट पर बैठते हुए उनके पिता नहीं देख पायेंगे। इस बात की खुशी है कि पिता की इच्छा को आखिरकार उन्होंने केबीसी में पहुंचकर पूरा कर दिया।
रूबी अभी बिहार के कटिहार में टीचर हैं। रूबी का वर्ष 2012 में भी केबीसी सलेक्शन हुआ था। केबीसी की ओर से उनके मोबाइल पर यह सूचना आई थी, लेकिन वह उस समय ट्रेन में सफर कर रही थी। आवाज साफ सुनाई नहीं दी। इसके बाद केबीसी से संपर्क नहीं कर पाई। रूबी ने इस सफलता का श्रेय भाई रामवीर सिंह, बहन साधना सिंह और शिक्षक सुरेन्द्र महतो, अनन्त महेंद्र और विश्वजीत को दिया है।