Jharkhand: एक साल में दो IAS अफसर हुए अरेस्ट, ED  के रडार पर हैं तीन और अफसर 

ईडी ने एक साल के अंदर झारखंड में दो आइएएस अफसरों को अरेस्ट कर जेल भेजा है। तत्कालीन माइंस सेकरटेरी व आइएएस अफसर पूजा सिंघल को वर्ष 2022 की 11 मई को अरेस्ट किया गया था। अब चार मई को समाज कल्याण सचिव रांची के एक्स डीसी छवि रंजन को ईडी ने अरेस्ट कर जेल भेजा है।

Jharkhand: एक साल में दो IAS अफसर हुए अरेस्ट, ED  के रडार पर हैं तीन और अफसर 

रांची। ईडी ने एक साल के अंदर झारखंड में दो आइएएस अफसरों को अरेस्ट कर जेल भेजा है। तत्कालीन माइंस सेकरटेरी व आइएएस अफसर पूजा सिंघल को वर्ष 2022 की 11 मई को अरेस्ट किया गया था।अब चार मई को समाज कल्याण सचिव रांची के एक्स डीसी छवि रंजन को ईडी ने अरेस्ट कर जेल भेजा है।

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पूजा पर मनरेगा योजना में घोटाला करने का आरोप
2000 बैच की आईएएस पूजा सिंघल ने सबसे कम उम्र में यूपीएससी परीक्षा पास करने का रिकॉर्ड बनाया था। खूंटी में डीसी रहने के दौरान पूजा सिंघल पर मनरेगा योजना में घोटाले करने का आरोप है। इस मामले की जांच की जा रही है। ईडी की रेड में पूजा सिंघल के सहयोगी सीए सुमन कुमार के पास से कुल 19 करोड़ कैश बरामद हुए थे। इसके बाद ईडी ने पूजा सिंघल से पूछताछ की थी। उन्हें 11 मई 2022 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस मामले में पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा भी आरोपित है। ईडी ने सभी के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दिया है ।  फिलहाल पूजा सिंघल के हसबैंड अभिषेक झा जेल से बाहर हैं।  संताल एरिया में 1000 करोड़ के इलिगल माइनिंग की मनी लांड्रिंग के तहत जांच के दौरान सामने आये तथ्यों के आधार पर ईडी ने पूजा सिंघल पर भी शिकंजा कसने की तैयारी में है। 
छवि रंजन का विवादों से पुराना नाता 
रांची के एकक्स डीसी 2011 बैच के आईएएस अफसर छवि रंजन का विवादों से पुराना नाता रहा है। उनपर आर्मी के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन, सदर थाना क्षेत्र के चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ जमीन की अवैध तरीके से फर्जी दस्तावेज पर खरीद-बिक्री मामले में संलिप्तता का आरोप है। जमीन घोटाले की जांच में छवि रंजन की भूमिका को ईडी ने मास्टरमाइंड वाली मानी है। इसके बाद उन्हें अरेस्ट किया गया।

रांची डीसी बनते ही छवि रंजन लेते रहे विवादास्पद निर्णय
चार नवंबर 2022 को आर्मी और चेशायर होम रोड की जमीन खरीद मामले में पहली बार रेड हुई थी। इस दौरान छवि रंजन का नाम सामने आया था। हालांकि 181दिनों के बाद चार मई 2023 को ही हुई।बजरा में 7.16 एकड़ जमीन की घेराबंदी के लिए 150 सेअधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती पर सवाल उठे थे। इस मामले में तात्कालीन कमिशनर ने भी आपत्ति दर्ज करायी थी। रांची मेंकई जगहों पर जमीन की पुलिस बलों की तैनाती कर घेराबंदी व कब्जे की शिकायतें भी आम हो गई थीं। लेकिन बाद में बरियातू में आर्मी की जमीन का फर्जीवाड़ा कर होल्डिंग का केस पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ। इसी दौरान चेशायर होम रोड की जमीन को फर्जी कागजात के आधार पर हड़पने के मामले में भी कोर्ट का आदेश पर रांची के सदर पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज किया गया।
विवादों में रहा है कि छवि रंजन का करियर
आइएएस अफसर छवि रंजन का करियर अब तक विवादों में ही रहा है। बतौर डीसी कोडरमा में पहली पोस्टिंग में ही वह पेड़ काटने को लेकर विवाद में आ गये थे।  उनके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में एसीबी ने पीसी एक्ट छोड़कर अन्य धाराओं में चार्जशीट दायर की थी। ईडी ने 14 नवंबर 2022 को आर्मी की जमीन और चेशायर होम रोड में जमीन खरीद के मामले में पहली बार रांची के सब रजिस्ट्रार घासीराम पिंगआ , वैभव मणि त्रिपाठी के अलावा कई सीओ, कारोबारी विष्णुअग्रवाल के ठिकानों पर रेड की। रेड के बाद पिंगुआ ने अपने बयान में सबसे पहलेछवि रंजन का नाम लिया था। ईडी के समक्ष स्वीकार किया था कि डीसी छवि रंजन के कहने पर ही उसने आर्मी जमीन की रजिस्ट्री की थी। रजिस्ट्री डीड में भी इस संबंध में पिंगुआ ने लिख दिया था। इसके बाद छवि रंजन सीधे ईडी के रडार पर आ गये थे। ईडी ने छवि रंजन और अन्य आरोपियों के ठिकाने पर 13 अप्रैल को रेड की थी। 
दो आईएस से हो चुकी है पूछताछ
ईडी पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद स्टेट के दो और आईएएस अफसर से भी पूछताछ कर चुकी है। इनमें साहिबगंज के डीसी रामनिवास यादव और स्टेट पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का शामिल हैं। साहिबगंज में हुए इलिगल माइनिंग के मामले में ईडी ने रामनिवास यादव से पूछताछ की थी। आईएएस अफसर राजीव अरुण एक्का से भी जांच एजेंसी ने एक अलग मामले में पूछताछ की थी। आईएएस पूजा सिंघल को झारखंड के खूंटी में 18 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले में ईडी ने अरेस्ट किया था। 
झारखंड के दो सीनीयर आइएएस भी जा चुके हैं जेल
पूजा सिंघल व व छवि रंजन से पहले झारखंड के दो सीनीयर  आईएएस अफसर भी जेल जा चुके हैं। इन अफसरों में सजल चक्रवर्ती और डॉ. प्रदीप कुमार शामिल हैं। एकीकृत बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले के अभियुक्त थे सजल चक्रवर्ती।पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ. प्रदीप कुमार 1.76 करोड़ रुपये के मनी लांड्रिंग के आरोपी थे। ईडी की कार्रवाई में ही उनपर आरोपों की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद वे जेल भेजे गए थे। इससे पहले भी वे 130 करोड़ के दवा घोटाला मामले में तीन साल तक जेल में भी रह चुके थे।आईएएस अधिकारी सजल चक्रवर्ती (अब मृत) संयुक्त बिहार में चारा घोटाले के केस में दोषी मिले थे। उन्हें सीबीआई की विशेष अदालत से सजा हुई थी। इसके बाद वे जेल भी भेजे गए थे। बाद में उन्हें हाई कोर्ट से राहत मिल गई थी। बाद मे वे झारखंड के चीफ सेकरेटरी भी बने थे।