झारखंड: प्रदीप बालमुचू और सुखदेव भगत की कांग्रेस में घर वापसी, प्रदेश प्रभारी बोले- पार्टी होगी और मजबूत

झारखंड प्रदेश कांग्रेस के एक्स प्रसिडेंट सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू की सोमवार को कांग्रेस में घर वापसी हो गयी है। झारखंड कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित समारोह में सुखदेव व बलमुचू को स्टेट कांग्रेस के नये प्रभारी अविनाश पांडेय व सह प्रभारी उमंग सिंधार ने पार्टी की सदस्यता दिलायी।

झारखंड: प्रदीप बालमुचू और सुखदेव भगत की कांग्रेस में घर वापसी, प्रदेश प्रभारी बोले- पार्टी होगी और मजबूत
  • कांग्रेस भवन में जमकर हुआ दोनों का स्वागत

रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के एक्स प्रसिडेंट सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू की सोमवार को कांग्रेस में घर वापसी हो गयी है। झारखंड कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित समारोह में सुखदेव व बलमुचू को स्टेट कांग्रेस के नये प्रभारी अविनाश पांडेय व सह प्रभारी उमंग सिंधार ने पार्टी की सदस्यता दिलायी।

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दोनों नेताओं के आने से पार्टी मजबूत होगी
प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि दोनों नेताओं के आने से पार्टी मजबूत होगी। दोनों नेता काफी अनुभवी हैं। इनके अनुभव का लाभ संगठन को मजबूती प्रदान करने एवं कांग्रेस की विचारधारा को आमजन तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। इन दोनों नेताओं की विचारधारा कांग्रेस की ही थी, किसी कारण ये कांग्रेस परिवार से अलग हो गये थे, लेकिन आज दोनों के वापस घर आने से हमसभी को खुशी है। झारखंड के सह प्रभारी उमंग सिंघार ने दोनों नेताओं का स्वागत करते हुए कहा कि निःसन्देह दोनों नेताओं के अनुभव हमें संगठन को मजबूत करने में कारगर साबित होगी। प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि दोनों नेताओं का पार्टी में स्वागत है। शीर्ष नेतृत्व ने जो भरोसा इन दोनों नेताओं के प्रति दिखाया है, मुझे यकीन है कि दोनों नेता शीर्ष नेतृत्व के उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे। कांग्रेस पार्टी के जनाधार को और अधिक सशक्त एवं मजबूती प्रदान की दिशा में कार्य करेंगे।

अब दोबारा इस तरह की गलती नहीं होगी : डॉ प्रदीप बलमुचू
मौके पर डॉ प्रदीप कुमार बलमुचू ने कहा कि जब मैंने पार्टी छोड़ा, तो पार्टी में नहीं रहने का एहसास हुआ। ऐसा महसूस हो रहा था कि मैं बिल्कुल अकेला हो गया हूं। मैं अपने लोगों से बहुत दूर हो चुका हूं। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी में कार्यकर्ता के रूप में रहकर संगठन को मजबूती प्रदान करने का कार्य करूंगा। अब यकीन दिलाता हूं कि अब दोबारा इस तरह की गलती नहीं होगी.

कांग्रेस पार्टी छोड़ना बड़ी भूल है: सुखदेव भगत
सुखदेव भगत ने कहा कि पीढ़ी-दर-पीढ़ी मेरे डीएनए में कांग्रेस का खून शामिल है। मुझे खुशी है कि मैं अपने परिवार में वापस लौटा हूं। कांग्रेस पार्टी की विचारधारा गांधी की विचारधारा है। पार्टी छोड़ने के बाद ऐसा महसूस हुआ कि हमसे बहुत बड़ी भूल हुई है। अब मैं उस भूल को कभी दोहरा नहीं सकता। अब जो भी होगा मेरा, इसी पार्टी में होगा।

मौके पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार, मिनिस्टर रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम, एक्स सेंट्रल मिनिस्टर सुबोधकांत सहाय, फुरकान अंसारी, ददई दूबे, प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष गीता कोड़ा, बंधु तिर्की, जलेश्वर महतो, शहजादा अनवर, कार्यालय प्रभारी अमूल्य नीरज खलखो, प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, राकेश सिन्हा, डॉ राकेश किरण महतो समेत काफी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे।

कांग्रेस छोड़ने के बाद दोनों हार गये थे विधानसभा चुनाव
पिछले विधानसभा चुनाव में दोनों ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। सुखदेव भगत बीजेपी व  प्रदीप बलमुचू ने आजसू का दामन थामा था। दोनों के कांग्रेस छोड़ने के बाद, दोनों ने पिछला विधानसभा चुनाव हार गये थे। सुखदेव भगत लोहरदगा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हारे थे। प्रदीप बलमुचू को घाटशिला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।
सुखदेव व बलमुचू के कांग्रेस में आने के बाद बनेगा नया समीकरण

सुखदेव व बलमुचू की कांग्रेस में वापसी से पार्टी में नया समीकरण बनने की बात कही जा रही है। कोल्हान क्षेत्र में प्रदीप बलमुचू का प्रभाव काफी प्रभाव माना जाता है। बलमुचू मजदूर राजनीति से भी जुड़े हैं। अब इसका फायदा एक बार फिर से कांग्रेस को मिलने वाला है।

लंबे समय से दोनों कांग्रेस में वापसी के लिए थे प्रयासरत

सुखदेव भगत की शुरू से ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और झारखंड सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव और राज्यसभा सदस्य धीरज प्रसाद साहू से प्रतिद्वंदिता रही है। कांग्रेस में आने के बाद इनका का संबंध कैसा होगा, इस पर भी सब की निगाह टिकी हुई है। मालूम हो कि लंबे समय से प्रदीप बालमुचू और सुखदेव  कांग्रेस में वापसी के लिए प्रयासरत थे। कई बार इन नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा सामने आई, लेकिन पार्टी के भीतर ही विरोध के कारण इन नेताओं को पार्टी में शामिल नहीं कराया जा सका। इस बार नये समीकरण में दोनों नेताओं की एंट्री पार्टी में हो रही है। कांग्रेस के लिए यह दोनों नेता काफी महत्वपूर्ण साबित होंगे। कांग्रेस को झारखंड में इन दोनों नेताओं से मजबूती मिलने की उम्मीद है।