Jharkhand: PLFI ने ली ऋत्विक माइनिंग कंपनी के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर की मर्डर की जिम्मेदारी, पुलिस जांच में जुटी

झारखंड के उग्रवादी संगठन PLFI ने हजारीबाग में ऋत्विक माइनिंग कंपनी के जीएम सह प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर शरत बाबू की मर्डर की जिम्मेदारी ली है। कई पत्रकारों के मोबाइल पर मंगलवार की रात फोन कर PLFI ने शरद कुमार की मर्डर की जिम्मेदारी ली है।

Jharkhand: PLFI ने ली ऋत्विक माइनिंग कंपनी के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर की मर्डर की जिम्मेदारी, पुलिस जांच में जुटी
मृतक अफसर शरद बाबू।

हजारीबाग। झारखंड के उग्रवादी संगठन PLFI ने हजारीबाग में ऋत्विक माइनिंग कंपनी के जीएम सह प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर शरत बाबू की मर्डर की जिम्मेदारी ली है। कई पत्रकारों के मोबाइल पर मंगलवार की रात फोन कर PLFI ने शरद कुमार की मर्डर की जिम्मेदारी ली है।

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वहीं पुलिस इस दावे पर विश्वास नहीं कर रही है। पुलिस सोर्सेज का कहना है कि जानबूझकर PLFI का नाम लेकर जांच को दूसरी दिशा में भटकाने की कोशिश की जा रही है।सोर्सेज से मिली जानकारी के अनुसार अपराधिक तत्व जानबूझकर PLFI का नाम ले रहे हैं। इससे जांच को दूसरी दिशा में भटकाया जा सके। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इन दोनों ही एरिया में हाल के दिनों में PLFI की सक्रियता नहीं रही है। ऐसे में अचानक PLFI का नाम आने से पुलिस के कान भी खड़े हैं। जिन नंबरों से फोन आये हैं, पुलिस उन सभी नंबरों की जांच कर रही है।
बड़कागांव और केरेडारी एरिया में कोयला कंपनियों के विस्तार के बाद से ही हमेशा से इन कंपनियों के अफसर और स्टाफ क्रिमिनलों और उग्रवादियों के निशाने पर हैं। चार साल के दौरान तीन अलग-अलग बड़ी कंपनियों के मैनेजर की मर्डर इस बात की गवाही दे रह रहे हैं।हैदराबाद की कंपनी ऋत्विक के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर की मर्ड भी एरिया में दहशत फैलाने के मकसद से की गई है। इससे अन्य बड़ी कंपनियों से आसानी से क्रिमिनल और उग्रवादी लेवी वसूल कर सकें। 
कोयला कंपनी की सुरक्षा की पुलिस करेगी समीक्षा
हजारीबाग में ऋत्विक माइनिंग कंपनी के जीएम सह प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर शरत बाबू की मर्डर के बाद केरेडारी और बड़कागांव क्षेत्र में चालू 10 से अधिक कोयला कंपनियों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। एनटीपीसी समेत इन कंपनियों के अफसरों को समय-समय पर धमकी भी मिलती रही है। ऋत्विक कंपनी के लोगों को भी धमकियां मिलती रही थी। इस वजह से कंपनी के लोग बुलेट प्रूफ गाड़ी में चलते थे लेकिन दुर्भाग्यवश घटना के दिन शरद कुमार बुलेट प्रूफ गाड़ी छोड़ सामान्य गाड़ी से ही ऑफिस निकल गये थे। उनकी यह लापरवाही उनके लिए घातक बन गई।इस घटना के बाद पुलिस सभी कंपनियों की सुरक्षा को लेकर समीक्षा शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि यहां पर अतिरिक्त पुलिस पिकेट की भी स्थापना की जा सकती है।